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प्रेग्नेंसी में होने वाले जोड़ों में दर्द को दूर करने के आयुर्वेदिक उपाय
प्रेग्नेंसी में जोड़ों के दर्द को दूर करने के टिप्स।
Joint Pain During Pregnancy: प्रेग्नेंसी में शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं, इसके कारण शरीर के अलग-अलग हिस्सों में दर्द होने लगता है। आयुर्वेद में कई ऐसे नुस्खे हैं, जिन्हें अपनाकर आप प्रेग्नेंसी में होने वाले शारीरिक दर्द को दूर कर सकती हैं।
Joint Pain During Pregnancy: गर्भावस्था के दौरान कमर और शरीर के बाकी हिस्सों में दर्द होना बहुत ही आम बात है। अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है, तो घबराने या चिंता करने की जरूरत नहीं है। प्रेग्नेंसी के दिनों में शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं, इसके कारण भी शरीर के अलग-अलग हिस्सों में दर्द होने लगता है। वजन बढ़ने की वजह से भी शरीर पर असर पड़ता है, जिससे शरीर के विभिन्न जोड़ों में दर्द होने लगता है। कुदरती आयुर्वेद के संस्थापक मोहम्मद युसुफ शेख ने बताए कुछ आसान से आयुर्वेदिक उपाय, जिसे अपनाकर आप प्रेग्नेंसी में होने वाले शारीरिक दर्द को दूर कर सकती हैं।
दूध से बने उत्पादों का सेवन :
गर्भावस्था में जरुरी है कि आप ऐसे खाने का सेवन करें जो आप आसानी से पचा सकें ताकि आपके शरीर को बहुत मेहनत न करनी पड़े उसे पचाने के लिए। दूध उत्पाद में कई तरह के विटामिन पाए जाते हैं जो आपके शरीर को मजबूत करते हैं और दर्द को कम करते हैं।
शरीर की करें मालिश :
दर्द में राहत के लिए मालिश एक बेहतरीन तरीका है। हर दूसरे दिन आप शरीर की गर्म तेल से मालिश करवाएं। आप किसी भी तेल का चयन कर सकते हैं। चाहें तो सरसों या नारियल के तेल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
गुनगुने पानी से नहाएं :
अगर आपको किसी वक्त पर बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है, आप उससे तुरंत राहत पाने के लिए गर्म पानी से नहा सकते हैं। यह एकदम से शरीर पर काम करता है। इसके बाद की गई मालिश आपको पूरी तरह से राहत देगी।
त्रिफला का सेवन करें :
अगर आप डाएबिटीस के मरीज है तो यह लाजमी है कि आपको जोड़ों में अधिक दर्द हो। इसके लिए आप त्रिफला का सेवन कर सकते हैं। त्रिफला में एक बात का बहुत अधिक ध्यान रखें कि इसे बहुत थोड़ी मात्रा में खाए। इससे आपके गर्भ पर बहुत असर पड़ता है और गर्भपात तक होने का खतरा हो सकता है।
बहुत ज्यादा वजन बढ़ने से रोकें :
घुटनों में दर्द होना का एक बहुत बड़ा कारण होता है ज्यादा वजन बढ़ना। कोशिश करें कि ऐसी चीजों का सेवन कम से कम हो जो सीधा वजन बढ़ाती है जैसे कि मीठा। ताकत के लिए आपको इसकी जरुरत होगी लेकिन इसकी मात्रा को नियंत्रित रखें।
योग का करें अभ्यास :
आपको पूरे गर्भवस्था के दौरान योगा जरूर करना चाहिए। इससे शरीर तंदरुस्त रहता है और सामान्य प्रसव में मदद करता है। यह शरीर में संतुलन बनाने का बहुत बढ़िया तरीका है। यह पूरे 9 महीने करने की कोशिश करें और सुबह-शाम करें। इसी के साथ हर दिन चलना तय करें। यह शरीर को जकड़ने के बचाएगा।
बैठने-चलते वक्त रखें खास ध्यान :
गर्भावस्था में हर वक्त शरीर का ध्यान रखने की जरुरत होती है। बैठते वक्त खास ध्यान रखें कि कमर को सीधा करके बैठें और पिछे कुछ सहारा ले लें। जब आप बैठे हैं तो पैरों को एक - दूसरे के ऊपर न रखें। जब आप खड़ें हो तो भी अपने पैरों को एक दूसरे से अलग करके खड़े हों। इसी के साथ ऐसे बिलकुल भी न खड़े हो जिससे आपके शरीर का सारा वजन एक पैर पर आ जाए।
सोने के लिए करें सीधे बिस्तर का प्रयोग :
अमूमन हम बहुत ही गद्दमदार बिस्तर पर सोना पसंद करते हैं। गर्भावस्था में यह करने से बचें। कोशिश करें कि ज्यादा से ज्यादा सीधे गद्दे का इस्तेमाल करें। इसी के साथ सीधे न सोएं। किसी न किसी तरफ होकर सोएं और पैरों को एक दूसरे पर रखने की बजाए बीच में तकिया लगा लें।
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