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गर्मी में ठंडी-ठंडी दही, प्रेग्नेंसी में इन परेशानियों का कर सकती है खात्मा
गर्मी के मौसम में शरीर को ठंडक देने वाली दही गर्भवती महिलाओं के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकती है।
गर्मी के मौसम में दही बहुत खाई जाती है। कभी दही से लस्सी बनाकर पी जाती है तो कभी खाने के बाद एक कटोरी दही खाई जाती है। दही में कैल्शियम और प्रोटीन जैसे जरूरी पोषक तत्व होते हैं जो स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
गर्भवती महिलाएं भी प्रेग्नेंसी के नौ महीनों में किसी न किसी रूप में दही का सेवन करती हैं लेकिन वो ये जानने की कोशिश भी नहीं करती हैं कि गर्भावस्था में दही खानी चाहिए या नहीं।जी हां, प्रेग्नेंसी डाइट में किसी भी चीज को शामिल करने से पहले उसके फायदे और नुकसान के बारे में जान लेना चाहिए।
क्या प्रेग्नेंसी में दही खा सकते हैं
पॉश्चरीकृत दूध या कच्चे दूध से दही बनाई जा सकती है। पॉश्चरीकृत दूध से बनी दही प्रेगनेंट महिलाओं के लिए सुरक्षित होती है। आइए अब जान लेते हैं कि प्रेग्नेंसी में दही खाने से क्या होता है।
दही खाने के लाभ
गर्भवती महिला को दही खाने से निम्न लाभ मिलते हैं :
दही में गुड बैक्टीरिया होता है जो आंतों को स्वस्थ रखता है और खाने को पचाने में मदद करता है। यह पाचन मार्ग को पोषण सोखने में भी सहायता करता है। इसमें प्रोबायोटिक बैक्टीरिया होता है तो पाचन को सुधारता है।
दही में खूब कैल्शियम होता है जिससे आपकी रोजाना की कैल्शियम की जरूरत की थोड़ी पूर्ति हो सकती है। कैल्शियम भ्रूण की हड्डियों और दांतों के विकास के लिए जरूरी होता है।
प्रेग्नेंसी में हाई ब्लड प्रेशर का खतरा रहता है जिसका मां और बच्चे दोनों पर बुरा असर पड़ता है। दही ब्लड प्रेशर को कम करती है और इससे कोलेस्ट्रॉल लेवल भी कम होता है।
दही खाने से क्या होता है
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को चिंता और स्ट्रेस घेरे रखता है। दही खाने से मन शांत होता है। प्रेग्नेंसी में हार्मोनल बदलावों और असंतुलन के कारण त्वचा की रंगत बदलने लगती है और दाग-धब्बे भी पड़ जाते हैं। दही में विटामिन ई होता है जिससे स्किन हेल्दी रहती है और पिगमेंटेशन भी नहीं होती है।
प्रेग्नेंसी में बहुत ज्यादा वजन बढ़ने से बचना है तो दही इसमें भी आपकी मदद कर सकती है। दही स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल को बढ़ने से रोकती है जिससे ज्यादा वजन न बढ़ने में मदद मिलती है।
क्या कहती है रिसर्च
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन मेडलाइन/पबमेड के डाटाबेस के आधार पर एक डिटेल रिसर्च की गई। इसके अनुसार प्रोबायोटिक दही खाने से प्रेग्नेंसी में मेटाबोलिक, इंफ्लामेट्री और संक्रामक समस्याओं से बचाव एवं सुधार होता है।
इस स्टडी में प्रोबायोटिक दही खाने के कई फायदों के बारे में बताया गया जैसे कि इससे पाचन में सुधार होता है और प्रीटर्म बर्थ का खतरा कम रहता है। हालांकि, अभी इसके शरीर में कार्य करने की प्रक्रिया अब तक स्पष्ट नहीं है इसलिए इस दिशा में अभी और रिसर्च किए जाने की जरूरत है।
कितनी दही खानी चाहिए
दही में मौजूद सभी पोषक तत्वों को पाने के लिए एक दिन में 600 ग्राम दही खानी चाहिए। इसे आप 200 ग्राम की 3 सर्विंग में बांट कर खा सकती हैं।
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