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प्रेगनेंसी में दही खाना चाहिए या नहीं?-
दही को पौष्टिक डाइट का हिस्सा माना जाता है। भले ही यह कितनी ही सेहतमंद क्यों न हो, लेकिन गर्भावस्था के दौरान इसे आहार में शामिल करने से कई महिलाएं कतराती हैं। गर्भवतियों का यह डर कितना सही है और कितना गलत, जानने के लिए प्रेगनेंसी में दही से संबंधित इस आर्टिकल को पढ़िए। यहां प्रेगनेंसी में दही के सेवन से जुड़े हर एक पहलू पर बात की गई है। सबसे पहले हम बताएंगे कि यह सुरक्षित है या नहीं। फिर उसी आधार पर इसके फायदे और नुकसान पर चर्चा करेंगे। इतना ही नहीं, इस लेख में आपको दही खाने की सुरक्षित मात्रा भी जानने को मिलेगी।
क्या प्रेगनेंसी में दही खाना सुरक्षित है? – Is it Safe to Eat Curd While Pregnant?
हां, प्रेगनेंसी में दही का सेवन सुरक्षित होता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने दही को गर्भावस्था की हल्दी डाइट का अहम हिस्सा बताया है (1)। ऑस्ट्रेलिया की नेशनल हेल्थ एंड मेडिकल रिसर्च काउंसिल भी गर्भवती को रोजाना अपने आहार में दही को जगह देने की सलाह देती है (2)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि प्रेगनेंसी में दही का सेवन सुरक्षित है।
गर्भावस्था में दही सुरक्षित है, यह जानने के बाद अब इससे होने वाले फायदों पर एक नजर डाल लेते हैं।
प्रेगनेंसी में दही के फायदे
गर्भावस्था में दही का सेवन सिर्फ सुरक्षित ही नहीं, बल्कि काफी फायदेमंद भी होता है। इसे आहार में शामिल करने से गर्भवती को कुछ इस प्रकार के लाभ मिल सकते हैं।
1. इम्यूनिटी
इम्यून सिस्टम को बेहतर करने में दही मददगार हो सकती है। इससे संबंधित एक रिसर्च एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी एंड इंफॉर्मेशन) द्वारा भी पब्लिश की गई है। शोध में बताया गया है कि दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स यानी अच्छे बैक्टीरिया शरीर के इम्यून रिस्पांस को बेहतर कर सकते हैं (3)। एक अन्य रिसर्च के मुताबिक, दही में मौजूद लैक्टिक एसिड (बैक्टीरिया) इम्यूनोमॉड्यूलेटरी की तरह कार्य करने की क्षमता रखता है। मतलब यह हुआ कि दही शरीर की जरूरत के अनुसार रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक हो सकती है (4)।
2. स्ट्रेस
प्रेगनेंसी के समय स्ट्रेस से बचने के लिए भी दही का उपयोग किया जा सकता है। दही को लेकर हुए एक रिसर्च में सामने आया है कि इसमें मौजूद प्रोबायोटिक्स मूड को बेहतर करने के साथ ही चिंता को दूर कर सकते हैं। इसके अलावा, प्रोबायोटिक्स को अवसाद संबंधित लक्षणों को दूर करने की क्षमता के लिए भी जाना जाता है (5)। स्ट्रेस को लेकर हुए एक अध्ययन में भी यह बात स्पष्ट हुई है कि दही में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया साइकोलॉजिकल स्ट्रेस को कुछ कम कर सकते हैं (6)।
3. हाई ब्लड प्रेशर
गर्भावस्था में ब्लड प्रेशर का बढ़ना सामान्य है, लेकिन लंबे समय तक ऐसा होने से प्रेगनेंसी को खतरा हो सकता है (7)। इस स्थिति से बचने में भी दही का सेवन लाभदायक साबित हो सकता है। एक शोध की मानें, तो दही उच्च रक्तचाप की समस्या को कम कर सकती है। बताया जाता है कि दही में मौजूद पेप्टाइड्स कंपाउंड में एंटीहाइपरटेंसिव प्रभाव होता है। इससे ब्लड प्रेशर कम हो सकता है (8)। इसके अलावा, रक्तचाप के लिए सही डाइट और डॉक्टर के निर्देश का भी पालन करें।
4. एसिडिटी
प्रेगनेंसी में एसिडिटी होने से परेशान हैं, तो दही का सेवन कर सकते हैं। दरअसल, दही में एंटासिड एक्टिविटी होती है। यह पेट में एसिड को बैलेंस करने वाला प्रभाव होता है। इससे हाइपर एसिडिटी यानी पेट में एसिड की असंतुलित मात्रा को कम किया जा सकता है। इस तथ्य का जिक्र एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित एक रिसर्च पेपर में भी मिलता है (9)।
5. हड्डी और मांसपेशियों के लिए
हड्डी और मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के लिए भी प्रेगनेंसी में दही का उपयोग किया जा सकता है। बताया जाता है कि इसमें मौजूद प्रोटीन और कैल्शियम हड्डियों को कमजोर होने से बचाने के साथ ही मांसपेशियों को स्वस्थ बनाने में मदद कर सकते हैं (10)। इसी आधार पर दही को हड्डी और मांसपेशियों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा कहा जा सकता है।
6. त्वचा स्वास्थ्य के लिए
स्किन को ग्लोइंग बनाने और रोगों से बचाने में भी दही का उपयोग फायदेमंद साबित हो सकता है। इससे संबंधित एक रिसर्च पेपर की मानें, तो दही में मौजूद लैक्टिक एसिड डेड स्किन सेल्स यानी मृत कोशिकाओं को हटाने और रोम छिद्रों को टाइट करने में मदद कर सकता है। इससे त्वचा में कसावट नजर आती है। साथ ही दही स्किन की फाइन लाइन्स और झुर्रियों को कम करके चेहरे पर ग्लो लाने में भी मदद कर सकती है (11)। यही नहीं, दही में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल प्रभाव भी होते हैं, जो त्वचा को रोग से बचाकर स्वस्थ बना सकते हैं (12)।
दही के पौषक तत्व
दही के फायदे जानने के बाद एक नजर इसमें मौजूद पोषक तत्वों पर भी डाल लेते हैं। इन पोषक तत्वों के कारण ही दही को पौष्टिक और गुणकारी माना जाता है (13)।
आगे जानिए कि प्रेगनेंसी में दही का सेवन किस तरह से करना चाहिए।
गर्भावस्था में दही को अपने आहार में कैसे शामिल करें
प्रेगनेंसी में दही को डाइट में किस तरह से शामिल किया जा सकता है, यह हम लेख में आगे बता रहे हैं। सबसे पहले हम बताएंगे कि इसे कैसे खाएं और फिर इसकी सुरक्षित मात्रा की जानकारी देंगे।
कैसे खाएं
एक कटोरी में दही लेकर उसे सादा खा सकते हैं।
दही का रायता बनाया जा सकता है।
इसे फेंटकर लस्सी व छाछ बनाकर पी सकते हैं।
दही को चावल में मिलाकर कर्ड राइस खा सकते हैं।
फ्रूट सलाद में इसे मिलाकर खाया जा सकता है।
स्मूदी बनाते समय दही का उपयोग कर सकते हैं।
कढ़ी में भी दही का उपयोग किया जा सकता है।
कितना खाएं
हर दिन गर्भवती 3 सर्विंग दही अपने आहार में शामिल कर सकती है । मतलब तकरीबन तीन कप दही का सेवन किया जा सकता है।
आगे और जानकारी है
अब हम बता रहे हैं कि गर्भावस्था में दही का सेवन करने से नुकसान होता है या नहीं।
प्रेगनेंसी में दही खाने के नुकसान
गर्भावस्था में दही को डाइट में शामिल करने से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। क्या हैं दही के नुकसान आगे जानिए (14) (15)।
प्रेगनेंसी में लो फैट दही खाने से शिशु को अस्थमा का जोखिम हो सकता है।
गर्भावस्था में कम वसा वाले दही का सेवन करने से कुछ पैदा होने वाले शिशुओं को एलर्जिक राइनाइटिस का खतरा होता है।
रात के समय दही खाने से बचें, क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है। इसके कारण गला बैठने, जुकाम और मॉर्निंग स्टिफनेस जैसी परेशानी हो सकती है।
गर्भावस्था में दही का सेवन करना कितना फायदेमंद हो सकता है, यह आप समझ ही गए होंगे। प्रेगनेंसी में दही खाने के फायदे जानने के बाद इसे आहार में शामिल करने के लिए लेख में बताए गए तरीकों को अपना सकते हैं। बस एक नजर गर्भावस्था में दही खाने के नुकसान पर भी डाल लें। ऐसा करने से आप दही के नुकसान से जागरूक रहेंगे। अगर गर्भावस्था से संबंधित किसी तरह की जटिलता हो, तो दही को प्रेगनेंसी डाइट में शामिल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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