प्रेगनेंसी में पति से कब दूर रहना चाहिए?pregnancytips.in

Posted on Sun 1st Dec 2019 : 20:02

प्रेग्‍नेंसी के हर महीने के लिए सेफ सेक्‍स पोजीशन

प्रेगनेंसी के दौरान सेक्‍स करने से मनाही नहीं है लेकिन इस समय में आपको वही सेक्‍स पोजीशन अपनानी चाहिए जो सेफ होती हैं। प्रेगनेंसी की सेफ सेक्‍स पोजीशंस की मदद से आप सेक्‍स का आनंद भी ले सकते हैं और मां और बच्‍चे को इससे कोई दिक्‍कत भी नहीं होती है।

sex positions for pregnancy in hindi
प्रेग्‍नेंसी में सेक्‍स को लेकर कपल्‍स के मन में कई तरह के सवाल रहते हैं जिनमें सबसे अहम होता है प्रेग्‍नेंसी में सेक्‍स करने की सही पोजीशन क्‍या होती है। आमतौर पर सेक्‍स के लिए मिशनरी पोजीशन अपनाई जाती है लेकिन गर्भावस्‍था में इसे ज्‍यादा सुरक्षित नहीं माना जाता है।

मिशनरी पोजीशन के अलावा और भी कई सेक्‍स पोजीशन हैं जो प्रेग्‍नेंसी में सुरक्षित साबित हो सकती हैं और ऑर्गेज्‍म का भी आनंद उठा सकते हैं। इस लेख के जरिए हम आपको गर्भावस्‍था की हर तिमाही के अनुसार सुरक्षित सेक्‍स पोजीशन के बारे में बता रहे हैं।


सेक्‍स फ्रॉम बिहाइंड
इस पोजीशन में पेट पर ज्‍यादा दबाव नहीं पड़ता है और मेल पार्टनर के लिए ज्‍यादा आरामदायक पोजीशन रहती है। प्रेग्‍नेंसी की पहली तिमाही और दूसरे सेमेस्‍टर की शुरुआत में सेक्‍स के लिए ये पोजीशन सही रहेगी। गर्भावस्‍था की दूसरी तिमाही के अंत में बेबी बंप बढ़ जाता है इसलिए इस दौरान इस पोजीशन में सेक्‍स करने से बचना चाहिए।
Pee after sex prevent pregnancy : क्या सच में सेक्स के तुरंत बाद पेशाब करने से प्रेग्नेंट होने की संभावना कम हो जाती है?

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सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि स्पर्म कैसे काम करता है। हर स्खलन में 20 से 400 लाख तक स्पर्म मौजूद रहते हैं। स्खलन के तुरंत बाद 35 प्रतिशत स्पर्म सीमेन से अलग होकर गर्भाशय ग्रीवा में चले जाते हैं। स्पर्म प्रजनन मार्ग से होते हुए एक मिनट के अंदर फैलोपियन ट्यूब में चले जाते हैं। इनमें से कुछ स्पर्म योनि के पोस्टिरियर फोरनिक्स में रह जाते हैं जबकि कुछ स्पर्म नष्ट हो जाते हैं।

बाकी बचे स्पर्म प्रोटीन और विटामिन युक्त तरल पदार्थों के साथ योनि से बाहर निकल जाते हैं। यदि सेक्स के बाद योनि से अधिक मात्रा में तरल पदार्थ बाहर निकलता है तो घबराने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि सीमेन का सिर्फ 10 प्रतिशत ही स्पर्म होता है। जब तक आप पेशाब के लिए उठती हैं तब तक स्पर्म गर्भाशय ग्रीवा में प्रवेश कर चुका होता है।

अच्छी बात यह है कि सेक्स के बाद पेशाब करने से गर्भधारण की संभावना पर कोई असर नहीं पड़ता है। यदि आप UTI से पीड़ित हैं तो सेक्स के बाद पेशाब करें। और यदि नहीं, तो सीमेन का आनंद लें। दोनों ही तरह से प्रेग्नेंसी की संभावना बराबर होती है।
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सेक्स के बाद बाथरूम न जाने पर भी कई बार स्पर्म योनि से बाहर गिरने लगता है। लेकिन अच्छी बात यह है कि इससे भी प्रेग्नेंसी की संभावना पर असर नहीं पड़ता है। सेक्स के बाद स्पर्म को योनि के अंदर रखने के लिए आपको लेटने, पैरों को ऊपर उठाने या कोई खास चीज करने की आवश्यकता नहीं है।
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अक्सर महिलाएं इस भ्रम में रहती हैं कि इंटरकोर्स के बाद बिस्तर पर लेटे रहने या पैरों को ऊपर उठाने से गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है। लेकिन शोध में यह पूरी तरह गलत साबित हो चुका है।
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ज्यादातर महिलाएं सोचती हैं कि ऑर्गेज्म से स्पर्म योनि के अंदर चला जाता है जिससे प्रेग्नेंसी की संभावना बढ़ सकती है। हालांकि, शोधकर्ताओं का मानना है कि सेक्स के दौरान ऑर्गेज्म होना एक अच्छी चीज है लेकिन इससे फर्टिलिटी नहीं बढ़ती और ना ही प्रेग्नेंसी में इसकी विशेष भूमिका होती है।

इससे यह साबित होता है कि सेक्स के तुरंत बाद बाथरूम जाने के बाद भी प्रेग्नेंसी की संभावना उतनी ही रहती है। हालांकि, इंफेक्शन से बचने के लिए इंटरकोर्स के बाद पेशाब करना चाहिए।



फीमेल पार्टनर का टॉप पर होना
प्रेग्‍नेंसी में इस सेक्‍स पोजीशन को विज्ञान भी सही मानती है। एक ताईवानी अध्‍ययन में पाया गया है कि इस पोजीशन में सेक्‍स करने से प्रेगनेंट महिला को ज्‍यादा यौन संतुष्टि मिलती है। इस पोजीशन में महिला को अपने कंफर्ट के हिसाब से रहना चाहिए।
गर्भावस्‍था की पहली और दूसरी तिमाही में ये पोजीशन सही रहती है। इससे कम समय में यौन संतुष्टि पाने में मदद मिलती है। हालांकि, प्रेग्‍नेंसी की तीसरी तिमाही में इस पोजीशन से बचना चाहिए क्‍योंकि इस समय योनि के आसपास महिलाओं के शिशु के वजन के कारण ज्‍यादा दबाव महसूस होता है। इस समय सेक्‍स करने से गर्भाशय ग्रीवा में दिक्‍कत या ब्‍लीडिंग हो सकती है।
रिवर्स काउगर्ल
बहुत कम ही ऐसी सेक्‍स पेाजीशन होती हैं जो प्रेग्‍नेंसी की तीसरी तिमाही में सुरक्षित हों। रिवर्स काउगर्ल सेक्‍स पोजीशन गर्भावस्‍था के आखिरी तीन महीनों में सही रहती है। इसके अलावा आप प्रेग्‍नेंसी के हर महीने में इस पोजीशन में सेक्‍स का आनंद उठा सकते हैं। इसमें पेट पर दबाव कम पड़ता है।

फ्लोटिंग प्रेगनेंट पोजीशन
आप प्रेग्‍नेंसी की तीसरी तिमाही में इस पोजीशन में संभोग का आनंद ले सकती हैं। इसे आप बाथटब में भी ट्राई कर सकती हैं। आप प्रेग्‍नेंसी के हर महीने में इस पोजीशन को अपना सकते हैं। हालांकि, तीसरे सेमेस्‍टर में लि‍बिडो कम और प्रेगनेंट महिला ज्‍यादा सेंसिटिव हो जाती हैं, तब ये पोजीशन ज्‍यादा आनंद दिलाती है।

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