प्रेगनेंसी में फल का मतलब क्या होता है?pregnancytips.in

Posted on Fri 11th Nov 2022 : 09:26

प्रेगनेंसी में कौन सा फ्रूट खाना और नहीं खाना चाहिए –
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को खास देखभाल की जरूरत होती है। इसलिए, उन्हें पौष्टिक तत्वों से भरपूर सब्जियों व फलों का सेवन करने की सलाह दी जाती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे सारे फलों का सेवन कर सकती हैं। ज्यादातर महिलाओं को यह नहीं मालूम होता है कि गर्भधारण करने के बाद कौन से फलों का सेवन करना चाहिए और किससे परहेज करने की जरूरत होती है। ऐसे में स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम प्रेगनेंसी में कौन सा फ्रूट खाना चाहिए और प्रेगनेंसी में कौन सा फ्रूट नहीं खाना चाहिए इसके बारे में चर्चा करने जा रहे हैं।

गर्भावस्था के दौरान फलों के फायदे – Benefits of fruits during Pregnancy in Hindi

प्रेग्नेंसी में गर्भवती महिलाओं द्वारा फलों का सेवन करने के फायदे कई सारे हैं। नीचे क्रमानुसार इस बात की जानकारी दे रहे हैं कि फल कैसे गर्भावस्था में फायदा पहुंचाते हैं।

1. आयरन और फोलेट- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की तरफ से जारी गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं के आहार से जुड़ी गाइडलाइन में साफतौर से बताया गया है कि फलों को फोलेट और आयरन के साथ अन्य कई मिनरल्स का अच्छा स्रोत माना जाता है, जो गर्भावस्था के दौरान होने वाली एनीमिया के जोखिम को कम करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं (1)।

2. विटामिन-सी की पूर्ति- मां और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों को विटामिन-सी की जरूरत होती है। यह गर्भवती और भ्रूण दोनों को कई बीमारियों से सुरक्षा प्रदान कर सकता है (2)। वहीं, शरीर में विटामिन-सी को एकत्रित नहीं किया जा सकता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को विटामिन-सी युक्त फलों का रोजाना सेवन करने की सलाह दी जाती है(1)।

3. कब्ज से राहत- गर्भावस्था में 11 से 33 प्रतिशत महिलाओं को कब्ज की समस्या का सामना करना पड़ता है (3)। ऐसे में पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने के लिए फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने की सलाह दी जाती है। इसलिए, कब्ज की समस्या से बचाव के लिए फलों का सेवन लाभकारी माना जाता है (4) ।

4. प्रीक्लेम्पसिया से बचाव- प्रेग्नेंसी के 20 वें सप्ताह के बाद गर्भवती को प्रीक्लेम्पसिया यानी उच्च रक्तचाप का जोखिम अधिक होता है (5)। इससे बचाव के लिए भी फाइबर युक्त आहार का सेवन करने की सलाह दी जाती है, जिसमें फलों को भी शामिल किया गया है (4)।

गर्भावस्था के दौरान फलों का सेवन करना चाहिए, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि आप किसी भी फल का सेवन कर लें। नीचे हम प्रेगनेंसी में कौन से फ्रूट खाने चाहिए, इससे जुड़ी जानकारी दे रहे हैं।

1. कीवी

प्रेगनेंसी में कौन से फ्रूट खाने चाहिए, इसमें एक नाम कीवी का हो सकता है। इसमें प्रचुर मात्रा में फोलेट यानी फोलिक एसिड मौजूद होता है, जिसे गर्भावस्था के दौरान आवश्यक माना जाता है। दरअसल, प्रेगनेंसी के दौरान फोलेट की कमी बच्चे में न्यूरल ट्यूब विकार यानी दिमाग और रीढ़ की हड्डी से जुड़े रोग की समस्या का कारण बन सकता है (6)।

2. चेरी

चेरी में भरपूर मात्रा में विटामिन, मिनरल और फाइबर मौजूद होता है (7)। ये सभी गुण गर्भवती और शिशु के विकास के लिए जरूरी माने जाते हैं। इसके अलावा, चेरी का सेवन गर्भावधि मधुमेह यानी गर्भावस्था में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकता है (8)। इस आधार पर गर्भावस्था में खाए जाने वाले फ्रूट की लिस्ट में चेरी को भी शामिल किया जा सकता है।

3. अमरूद

प्रगनेंसी में कौन से फ्रूट खाने चाहिए, इसका एक जवाब अमरूद भी हो सकता है। दरअसल, अमरूद आयरन का अच्छा स्रोत है, जो गर्भावस्था में होने वाले एनीमिया के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकता है। इसके अलावा, इसमें विटामिन-सी की अच्छी मात्रा होती है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बूस्ट कर सकता है (9)। ऐसे में गर्भावस्था में सीमित मात्रा में अमरूद का सेवन फायदेमंद हो सकता है।

4. आम

गर्भवती महिला के लिए आम का सेवन काफी लाभकारी हो सकता है। चूहों पर किए गए एक शोध में इस बात की पुष्टि होती है कि आम में फाइटोऐस्ट्रोजेन, पॉलीफेनॉल, कैल्शियम, आयरन और पोटेशियम होता है, जो भ्रूण की हड्डियों, ऊतकों और दांतों के विकास में लाभकारी हो सकता है (10)। इसके अलावा, इसमें विटामिन-सी भी पाया जाता है, जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाने के साथ कब्ज से राहत दिला सकता है (11)।

5. नाशपाती

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा जारी गर्भवती के आहार से जुड़ी गाइडलाइन में बताया गया है कि नाशपाती में मौजूद विटामिन, मिनरल व फोलेट गर्भावस्था में होने वाली एनीमिया की शिकायत के जोखिम को काफी करने में अहम भूमिका निभा सकती है। इसके साथ ही इसमें विटामिन-सी भी पाया जाता है, जो गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होता है (1)।

6. सेब

एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, प्रेगनेंसी में सेब का सेवन गर्भवती के साथ ही होने वाले बच्चे के लिए भी बेहद फायदेमंद माना जा सकता है। शोध में माना गया है कि गर्भवती द्वारा सेब का सेवन बच्चों में बचपन में होने वाली एलर्जी व अस्थमा की शिकायत से बचाव कर सकता है (12)। इसके अलावा, सेब में विटामिन-सी, विटामिन-ए, फाइबर, आयरन, कैल्शियम, फोलेट, पोटेशियम और पेक्टिन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं (13)। ये सभी पोषक तत्व गर्भावस्था में जरूरी माने जाते हैं (14)।

7.चीकू

एक रिसर्च में इस बात की जानकारी मिलती है कि गर्भावस्था के दौरान लिए जाने वाले आहार में चीकू को शामिल करने से गर्भवती और बच्चे दोनों की सेहत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है (15)। वहीं, इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट और एसेंशियल न्यूट्रिएंट्स, गर्भवती महिला को कही तरह से फायदे पहुंचा सकते हैं। साथ ही इसका सेवन गर्भावस्था में होने वाली कमजोरी, उल्टी व मतली की समस्या से भी राहत प्रदान कर सकता है (16)। ऐसे में कहा जा सकता है कि प्रेगनेंसी में चीकू का उपयोग लाभकारी हो सकता है।

8. स्ट्रॉबेरी

प्रेगनेंसी में कौन से फ्रूट खाने चाहिए, इसमें एक नाम स्ट्रॉबेरी का भी हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध एक शोध के अनुसार, गर्भवती महिला के शरीर में आयरन के अवशोषण को बढ़ाने के लिए स्ट्रॉबेरी जैसे विटामिन-सी युक्ट आहार को शामिल करना फायदेमंद माना जा सकता है (17)।

9. तरबूज

प्रेगनेंसी में आहार में तरबूज को शामिल करने के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, इसमें आयरन, जिंक, कैल्शियम और विटामिन ए जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व मौजूद होते हैं(13)। ये पोषक तत्व गर्भवती महिला के साथ भ्रूण के विकास के लिए गुणकारी माने जाते हैं (18)। इसके अलावा, एक अन्य शोध में बताया गया है कि तरबूज में लाइकोपीन नामक केमिकल कंपाउंड होता है, जो इंट्रा यूटराइन ग्रोथ रेस्ट्रिक्शन यानी गर्भावस्था के दौरान बच्चे का सामान्य वजन न बढ़ पाने के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकता है (19)।

10. शरीफा

गर्भावस्था के दौरान शरीफा को आहार में शामिल करना लाभकारी हो सकता है। एक शोध के अनुसार, प्रेगनेंसी में शरीफा का सेवन भ्रूण के मस्तिष्क, तंत्रिका तंत्र और प्रतिरक्षा प्रणाली के विकास में सहायक हो सकता है। साथ ही यह गर्भपात और प्रसव के दौरान होने वाले दर्द के जोखिम को कम कर सकता है (20)।

11. अनार

अनार एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है, जो गर्भावस्था में भ्रूण को पोषण देने के साथ प्लेसेंटा पर सुरक्षित प्रभाव डाल सकता है। इसके अलावा, इसमें पाए जाने वाला फोलेटे भ्रूण को सुरक्षित रखने के साथ-साथ जन्म दोष से भी बचाव कर सकता है। इसके अलावा, यह सूजन से बचाव के साथ इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मदद कर सकता है (21)।

12. केला

ऑस्ट्रेलियन डाइट्री गाइडलाइन के मुताबिक गर्भवती महिलाओं के आहार में केले को शामिल करना चाहिए (22)। वहीं, एक शोध की मानें तो केले में पोटेशियम, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, सेलेनियम, आयरन, फोलेट आदि पोषक तत्व मौजूद होते हैं, गर्भवती महिला को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं। इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं में होने वाली मॉर्निंग सिकनेस की शिकायत को दूर करने के लिए भी केले का सेवन लाभकारी माना गया है (23)।

13.संतरा

संतरा में विटामिन सी की भरपूर मात्रा पाई जाती है (24)। यह मां और बच्चे दोनों की इम्यूनिटी को सुधारने में मददगार हो सकता है (25)। इसके अलावा, संतरे में फोलेट पाया जाता है (26)। लेख में ऊपर बताया जा चुका है कि फोलेट भ्रूण के विकास के लिए महत्वपूर्ण तत्वों में से एक है। इस तरह गर्भावस्था के दौरान संतरे को आहार का हिस्सा बनाना लाभकारी साबित हो सकता है।

14. खरबूजा

खरबूजे में तमाम प्रकार के पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। इसमें मैग्नीशियम, जिंक, कैल्शियम, आयरन के अलावा विटामिन ए, सी, ई की मात्रा पाई जाती है (13)। वहीं, खरबूजे में पाए जाने वाले ये सभी पोषक तत्व गर्भावस्था में महत्वपूर्ण माना जाते हैं (27)। इसके अलावा, गर्भावस्था के दौरान विटामिन सी की पूर्ति के लिए डॉक्टर प्रेगनेंसी में खरबूजे को आहार का हिस्सा बनाने की सलाह दे सकते हैं (28)।

15. चकोतरा

गर्भावस्था में चकोतरा का सेवन लाभकारी माना जा सकता है (7)। दरअसल, प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती महिला को जेस्टेशनल डायबिटिज होने की संभावना रहती है। वहीं, जेस्टेशनल डायबिटीज की समस्या को नियंत्रित करने के लिए आहार में चकोतरा को शामिल करने की सलाह दी गई है (29)।

इसके अलावा, गर्भावस्था में भ्रूण के विकास के लिए विटामिन-सी युक्त फलों का सेवन अच्छा माना जाता है (30)। बता दें, चकोतरा में अच्छा मात्रा में विटामिन-सी मौजूद होता है (13)।

नोट : ऊपर बताए गए सभी फलों का सेवन करने से पहले डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें, क्योंकि हर किसी की गर्भावस्था एक जैसी नहीं होती है। ऐसे में ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए।

प्रेगनेंसी में कौन से फ्रूट खाने चाहिए, यह जानने के बाद प्रेगनेंसी में कौन सा फ्रूट नहीं खाना चाहिए, इस पर चर्चा करते हैं।
प्रेगनेंसी में कौन सा फ्रूट नहीं खाना चाहिए- Fruits to Avoid During Pregnancy in Hindi

लेख में हमने ऊपर जाना कि प्रेगनेंसी में कौन से फ्रूट खाने चाहिए। अब यह जान लेते हैं कि प्रेगनेंसी में कौन सा फ्रूट नहीं खाना चाहिए, जो कुछ इस प्रकार हैं :

1. कच्चा पपीता

प्रेगनेंसी में कौन सा फ्रूट नहीं खाना चाहिए, इसका एक जवाब कच्चा पपीता हो सकता है (31)। गर्भावस्था के दौरान कच्चा पपीता का सेवन गर्भपात होने के जोखिम को बढ़ा सकता है। इस संदर्भ को लेकर चूहों पर किए गए एक शोध में साफतौर से बताया गया है कि कच्चे पपीते का सेवन गर्भावस्था के संकुचन को ट्रिगर कर सकता है, जो गर्भपात का कारण बन सकता है (32)।

2. अनानास

गर्भावस्था के दौरान अनानास का सेवन करने से भी बचना चाहिए। एनसीबीआई पर उपलब्ध एक शोध में यह मालूम होता है कि प्रेगनेंसी में अनानास का सेवन करम दर्द, प्रीमैच्योर डिलीवरी यानी समय से पहले प्रसव व गर्भपात का कारण बन सकता है (33)। यही वजह है डॉक्टर गर्भवती महिलाओं को अनानास से दूरी बनाकर रखने की सलाह देते हैं।

3. अंगूर

एनसीबीआई पर उपलब्ध एक शोध के अनुसार, गर्भावती महिला को तीसरी तिमाही में अंगूर का सेवन करने से परहेज करना चाहिए। इसके पीछे इसमें मौजूद रेस्वेराट्रोल नामक यौगिक को जिम्मेदार बताया गया है। शोध में साफतौर से बताया गया है कि रेस्वेराट्रोल में एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव होता है, जो फेटल डक्टस अर्टीरियस फ्लो (fetal ductus arteriosus flow) यानी मां से भ्रूण में होने वाले खून के प्रवाह में बाधा पैदा कर सकता है (34)।


प्रेगनेंसी में कौन सा फ्रूट नहीं खाना चाहिए, इसके बाद जानते हैं प्रेगनेंसी में कितने फल खा सकते हैं।
गर्भावस्था के दौरान कितने फल खा सकते हैं? – How many fruits can eat during Pregnancy in Hindi

गर्भावस्था के दौरान नियमित रूप से सही मात्रा में फलों का सेवन फायदेमंद माना जा सकता है। डॉक्टर दिनभर में 3-4 बार फलों का सेवन करने की सलाह देते हैं। वहीं, एक शोध में फलों की प्रतिदिन तीन सर्विंग्स लेने की सलाह दी गई है (35)। उदाहरण के तौर पर 1 सर्व में एक मध्यम आकार का फल ले सकते हैं। ध्यान रखें अगर प्रेगनेंसी के दौरान किसी महिला को मधुमेह या कोई अन्य समस्या है, तो चिकित्सक की सलाह के बाद ही फलों का सेवन करें।


लेख में आगे प्रेगनेंसी के दौरान फलों के सेवन से संबंधित कुछ सावधानियों के बारे में बात करेंगे।
गर्भावस्था के दौरान फल खाते समय बरती जाने वाली सावधानियां – Precautions to be taken while eating fruits during Pregnancy in Hindi

प्रेगनेंसी में फलों का सेवन फायदेमंद होता है, लेकिन इनका सेवन करते समय कुछ सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए, जिनके बारे में नीचे जानकारी दे रहे हैं।

गर्भावस्था के दौरान केमिकल और पेस्टीसाइड से बचाव के लिए ऑर्गनिक फलों का ही सेवन करें।
फलों को साफ पानी से धोने के बाद ही उसका सेवन करें।
जिन फलों में खरोंच लगी हो, उसे हटाने के लिए स्क्रब का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसे फल रोगाणुयुक्त भी हो सकते हैं।
जब फल खाना हो, उन्हें उसी समय काटकर खाएं। पहले से कटे हुए फलों का सेवन करने से परहेज करें।
पके हुए फलों का सेवन करें। अधपके फल पेट में दर्द व अन्य किसी समस्या का कारण बन सकते हैं।
कभी भी ज्यादा पके हुए या पुराने फलों का सेवन न करें। हमेशा ताजे फलों का सेवन करें।

प्रेगनेंसी में कौन सा फ्रूट खाना चाहिए और प्रेगनेंसी में कौन सा फ्रूट नहीं खाना चाहिए, इस बारे में लेख के माध्यम से आप अच्छे से समझ गए होंगे। अब बेफ्रिक होकर ऊपर बताए गए फलों को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। हालांकि, फलों का सेवन संतुलित मात्रा में ही करें, साथ ही डॉक्टर से भी इस संदंर्भ में सलाह जरूर लें। हम आशा करते हैं कि इस लेख में आपको गर्भावस्था में फलों के सेवन से जुड़े सभी सवालों के जवाब मिल चुके होंगे।

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