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गर्भावस्था में योनि से रक्तस्राव(Vaginal bleeding in pregnancy)
मेडिकल समीक्षा के साथ
यह लेख मूल रूप से अंग्रेजी में लिखा गया था। इस लेख का मूल संस्करण यहां देखा जा सकता है।
इस लेख में
**गर्भावस्था** **की** **शुरुआत** **में** **ब्लीडिंग** **के** **कारण**
**एक्टोपिक** **प्रेग्नेंसी**
**गर्भावस्था** **के** **बाद के चरणों में ब्लीडिंग** **के** **कारण**
**प्लेसेंटल** **एबरप्शन(Placental abruption)**
**गर्भावस्था** **में** **ब्लीडिंग** **के** **कारण** **पता** **करें**
गर्भावस्था के दौरान रक्तस्राव(ब्लीडिंग) सामान्य बात है और हमेशा इसका मतलब यह नहीं होता कि कोई समस्या है।लेकिन यह एक खतरनाक संकेत हो सकता है।
अपनी नर्स या डॉक्टर को तुरंत सूचित करें, अगर:
आपकी योनि (वजाइना) से कोई ब्लीडिंग हो रही है।
गर्भावस्था
इंप्लांटेशन(implantation) ब्लीडिंग-
प्रेग्नेंसी की शुरुआत में आपको हल्की ब्लीडिंग हो सकती है, लेकिन इससे कोई नुकसान नहीं है। इसे 'स्पॉटिंग' (spotting) कहते हैं। ऐसा तब होता है, जब बढ़ता हुआ भ्रूण खुद को आपकी कोख की दीवारों में प्रत्यारोपित करता है। इस तरह की ब्लीडिंग अक्सर उस समय के आसपास होती है, जब आपके पीरियड का समय होने वाला होता है।
सर्विकल (cervical) बदलाव-
प्रेग्नेंसी से सर्विक्स (गर्भाशय ग्रीवा) में बदलाव हो सकता है और इसकी वजह से कभी-कभी ब्लीडिंग हो सकती है। उदाहरण के लिए- यौन संबंध बनाने के बाद।
गर्भपात या एक्टोपिक प्रेग्नेंसी
गर्भावस्था के शुरुआती 12 हफ्तों के दौरान योनि से रक्तस्राव होना गर्भपात या एक्टोपिक प्रेग्नेंसी(ectopic pregnancy) का संकेत हो सकता है। हालांकि, कई महिलाएं, जिन्हें गर्भावस्था के इस पड़ाव पर ब्लीडिंग होती है, वे सामान्य होती हैं और सफलतापूर्वक गर्भवती होती हैं।
गर्भपात
अगर आपकी गर्भावस्था 24 हफ्ते से पहले समाप्त हो जाती है तो उसे गर्भपात कहते हैं। हर पांच में से करीब एक गर्भावस्था गर्भपात से खत्म हो जाती है।
कई जल्दी होने वाले गर्भपात(14 हफ्ते से पहले) इसलिए होते हैं क्योंकि बच्चे के साथ कुछ गड़बड़ होती है। हालांकि, गर्भपात के और भी कारण हो सकते हैं, जैसे- हार्मोन या खून का थक्का जमने की समस्याएं।
आम तौर पर गर्भपात कब होता है?
अधिकांश गर्भपात गर्भावस्था के शुरुआती 12 हफ्तों (तीन महीने) के अंदर होते हैं। और अफसोस की बात है कि कई को रोका भी नहीं जा सकता। गर्भपात के अन्य लक्षणों में ये शामिल हैं-
आपके पेट के निचले हिस्से में मरोड़ और दर्द।
आपकी योनि से रिसाव या तरल पदार्थ आना।
आपकी योनि से ऊतक का रिसाव होना।
गर्भावस्था के लक्षणों का और अनुभव न होना, जैसे- स्तन में कसाव और बीमार महसूस होना।
अगर आपको रक्तस्राव या ऊपर दिया गया कोई भी लक्षण दिखता है तो सीधे डॉक्टर से संपर्क करें।
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एक्टोपिक
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (ectopic pregnancy) उसे कहते हैं, जब निषेचित अंडा गर्भाशय के बाहर स्थापित हो जाता है। जैसे - फैलोपियन ट्यूब में।
यह ब्लीडिंग की वजह बन सकता है और खतरनाक भी है क्योंकि निषेचित अंडा गर्भाशय के बाहर ठीक तरह से विकसित नहीं हो सकता है। अंडे को हटाना पड़ता है, जो ऑपरेशन या दवाओं के जरिए किया जा सकता है।
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी(ectopic pregnancy) के लक्षण कब शुरू होते हैं?
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (ectopic pregnancy) के लक्षण गर्भावस्था के 4वें व 12वें हफ्ते के बीच विकसित होते हैं, पर ये बाद में भी हो सकते हैं।
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के दूसरे संकेतों में ये शामिल हो सकते हैं-
पेट के निचले हिस्से में एक तरफ दर्द होना।
योनि से रक्तस्राव या भूरा, पानी जैसा रिसाव होना।
आपके कंधों के ऊपर दर्द होना।
पेशाब करने या मलत्याग के दौरान परेशानी होना।
हालांकि, जरूरी नहीं है कि ये लक्षण किसी गंभीर समस्या का संकेत हों। कभी-कभी दूसरी चीजों के कारण भी ऐसा हो सकता है, जैसे- पेट में कीड़े की वजह से, लेकिन फिर भी अपनी दाई या डॉक्टर से इसकी जांच कराने की जरूरत है।
गर्भावस्था
सर्विकल (ग्रीवा संबंधी) बदलाव
इसकी वजह से ब्लीडिंग हो सकती है, खास तौर पर यौन संबंध बनाने के बाद।
वजाइनल इंफेक्शंस
आपके डॉक्टर आपसे जांच और इलाज के बारे में आपसे बातचीत कर सकते हैं।
एक 'शो'
यह तब होता है, जब म्यूकस प्लग, जो कि गर्भावस्था के दौरान सर्विक्स (गर्भाशय ग्रीवा) में बनता है, बाहर निकलता है। ये संकेत देता है कि सर्विक्स अब प्रसव पीड़ा शुरू करने के लिए तैयार हो रहा है। म्यूकस प्लग संकुचन शुरू होने के कुछ दिन पहले या प्रसव पीड़ा के दौरान निकल सकता है।
प्रसव पीड़ा के संकेत और प्रसव पीड़ा में क्या होता है, इस बारे में और जानिए,
प्लेसेंटल
यह एक गंभीर स्थिति है, जिसमें प्लेसेंटा (गर्भनाल) गर्भाशय की दीवार से अलग होना शुरू हो जाती है। प्लेसेंटल एबरप्शन की वजह से अमूमन पेट दर्द होता है। और यह बिना ब्लीडिंग के भी हो सकता है।
लो-लाइंग प्लेसेंटा (प्लेसेंटा प्रीविया) (Low-lying placenta (placenta praevia) -
जब गर्भाशय नाल गर्भाशय के निचले हिस्से से जुड़ी होती है और गर्भाशय ग्रीवा के पास होती है या उसे पूरी तरह ढक देती है, तो उसे लो-लाइंग प्लेसेंटा या प्लेसेंटा प्रीविया (Low-lying placenta (placenta praevia) कहते हैं। लो-लाइंग प्लेसेंटा(Low-lying placenta) में बहुत ब्लीडिंग हो सकती है और यह आपको और आपके बच्चे को खतरे में डाल सकती है।
आपको इमरजेंसी इलाज के लिए अस्पताल जाने की सलाह दी जा सकती है और आमतौर पर सिजेरियन सेक्शन में जाने को कहा जाएगा। प्लेसेंटा प्रीविया पर और जानकारी के लिए पढ़ें।
वासा प्रीविया (vasa praevia)-
यह एक दुर्लभ स्थिति है, जिसमें बच्चे की रक्त कोशिकाएं गर्भाशय ग्रीवा को ढँकने वाली झिल्ली से गुज़रती हैं।
जब आपकी पानी की थैली फट जाती है, तो ये रक्त कोशिकाएं टूट सकती हैं, जिससे योनि से रक्तस्राव हो सकता है। ऐसे में बच्चे का काफी खून निकल सकता है, जिससे उसकी जान भी जा सकती है।
गर्भावस्था
गर्भावस्था के दौरान ब्लीडिंग की क्या वजह है, ये जानने के लिए आपको वजाइनल या पेल्विक जांच, अल्ट्रासाउंड स्कैन या खून की जांचें कराने की जरूरत पड़ सकती है। ताकि आपके हार्मोन का स्तर जांचा जा सके।
आपके डॉक्टर आपसे दूसरे लक्षणों के बारे में भी पूछेंगे, जैसे- ऐंठन, दर्द और सिर चकराना। कभी-कभी यह पता लगाना संभव भी नहीं होता कि ब्लीडिंग किस कारण हुई।
अगर आपके लक्षण गंभीर नहीं हैं और आपका बच्चा कुछ समय के बाद आने वाला है तो आपकी निगरानी की जाएगी और कुछ मामलों में देखरेख के लिए अस्पताल में भी रखा जा सकता है।
आपको कितने समय तक अस्पताल में रहना होगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि ब्लीडिंग किस वजह से हुई और आपको गर्भवती हुए कितने हफ्ते हुए हैं।
अस्पताल में रहने का फायदा यह है कि वहां का स्टाफ आप पर और आपके बच्चे पर लगातार नजर बनाए रखेगा। ताकि आगे कोई समस्या होने पर तुरंत इलाज किया जा सकता है।
प्रेग्नेंसी में सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं के जवाब यहां पाएं।
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