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प्रेग्नेंसी में यूरिन इन्फेक्शन का घरेलू इलाज
महिलाओं में यूटीआई (Urinary Tract Infection) आम बात है और गर्भावस्था में भी कई महिलाओं को यह संक्रमण प्रभावित करता है। हालांकि, यूटीआई के घरेलू उपायों से आप इंफेक्शन का इलाज कर सकती हैं।
महिलाओं के मूत्रमार्ग में जब बैक्टीरिया घुस जाता है और इंफेक्शन पैदा करता है तो इस स्थिति को यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) यानी मूत्रमार्ग में संक्रमण कहा जाता है। प्रेग्नेंसी में यूटीआई का खतरा काफी बढ़ जाता है। गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय का आकार बढ़ने के कारण उसका काफी भार मूत्राशय पर पड़ता है जिससे मूत्राशय से पेशाब बाहर निकलने का रास्ता अवरुद्ध होने लगता है। इससे इंफेक्शन हो सकता है।गर्भावस्था के छठे हफ्ते और प्रेग्नेंसी के 24वें हफ्ते में यूटीआई का खतरा काफी रहता है। प्रेग्नेंसी में इसका तुरंत इलाज करवाने की जरूरत होती है वरना किडनी को नुकसान पहुंच सकता है। डॉक्टर के परामर्श के साथ-साथ आप यूटीआई इंफेक्शन के घरेलू उपाय भी अपना सकती हैं।
खूब पानी पिएं
रोजाना खूब तरल पदार्थ और पानी पीने से मूत्र मार्ग में जमा बैक्टीरिया पेशाब के जरिए बाहर निकल जाता है। इससे इंफेक्शन से बचाव होता है। शरीर को हाइड्रेट रखें और प्यास लगने पर पानी पिएं। इस तरह आपके शरीर से बैक्टीरिया निकल जाएगा और आपमें संक्रमण का खतरा कम रहेगा।
विटामिन सी
विटामिन सी की खुराक बढ़ाने से ई.कोलाई के पनपने की संभावना कम हो सकती है जिससे मूत्र मार्ग में संक्रमण से बचाव होता है। विटामिन सी पेशाब में एसिड के स्तर को बढ़ाता है जो कि संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया को नष्ट करता है। लाल शिमला मिर्च, संतरा और कीवी में प्रचुरता में विटामिन सी पाया जाता है।
लौंग का तेल
लौंग को माइक्रोबियल-रोधी, वायरल-रोधी और फंगस-रोधी गुणों से युक्त माना जाता है। लौंग का तेल ई.कोलाई को खत्म करने में मदद करता है और यूटीआई को रोकता है। वैसे आपको स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श के बाद ही लौंग के तेल का प्रयोग करना चाहिए।
क्रैनबैरी जूस
यूटीआई होने पर क्रैनबैरी जूस भी बहुत फायदेमंद होता है लेकिन इसमें चीनी मिलाने की जरूरत नहीं है। क्रैनबैरी मूत्रमार्ग में इंफेक्शन होने से रोकती है और संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया के विकास को भी रोकने में मदद कर सकती है।
प्रोबायोटिक लें
शरीर को सुरक्षा प्रदान करने के रूप में इस्तेमाल होने वाले फ्लोरा को प्रोबायोटिक्स से मदद मिलती है। ये पेट में हानिकारक बैक्टीरिया को हटाकर हेल्दी बैक्टीरिया बनाते हैं। प्रोबायोटिक दही और कच्ची चीज आदि से आपको प्रोबायोटिक्स मिल सकते हैं।
बार-बार पेशाब करें
प्रेगनेंट महिलाएं यदि पर्याप्त मात्रा में पानी एवं तरल पदार्थों का सेवन करेंगी तो इससे उन्हें ज्यादा पेशाब आएगा और इस तरह मूत्राशय में बैक्टीरिया विकसित नहीं हो पाएगा। वहीं, अगर गर्भवती महिला बहुत लंबे समय तक पेशाब को रोक कर रखती है तो इससे मूत्रमार्ग में बैक्टीरिया बढ़ जाता है जिससे संक्रमण पैदा होता है।
वहीं, बार-बार पेशाब करने से मूत्राशय से बैक्टीरिया बाहर निकल जाता है। इसलिए यूटीआई से बचने और इसका इलाज करने के लिए पेशाब करते रहें।
प्रेग्नेंसी में महिलाओं को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और ऐसे में अगर यूटीआई हो जाए तो परेशानी और बढ़ जाती है। इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने निजी अंगों की साफ-सफाई रखें, ढीले कपड़े पहनें और संतुलित आहार लें जिससे आप यूटीआई से बच सकें।
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