प्रेग्नेंट नहीं होना चाहते हैं तो क्या करें?pregnancytips.in

Posted on Fri 11th Nov 2022 : 09:17

अनचाही प्रेगनेंसी से बचने का सबसे अच्छा तरीका कंडोम व गर्भनिरोधक गोलियों हैं। जिला स्तरीय घरेलू सर्वेक्षण में भी सामने आया था कि भारत में 6.7 प्रतिशत महिलाएं पारंपरिक रूप से गर्भनिरोधक तरीकों का इस्तेमाल करती थीं (1)। बाद में धीरे-धीरे इसमें इजाफा हुआ और अब अधिकतर महिलाएं अनचाही प्रेगनेंसी से बचने के लिए गर्भनिरोधक तरीके अपनाती हैं। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम प्रेगनेंसी रोकने के तरीके बताएंगे, जो न सिर्फ सुरक्षित हैं, बल्कि कारगर भी हैं।

महिला और पुरुष दोनों के लिए प्रेगनेंसी से बचने के तरीके होते हैं। इसलिए, हम यहां पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए उपाय बताएंगे। पहले हम पुरुषों के लिए गर्भनिरोधक उपायों के बारे में बात करेंगे।
पुरुषों के लिए गर्भनिरोधक उपाय

1. कंडोम : अनचाही प्रेगनेंसी से बचने का बेहतरीन तरीका कंडोम माना जाता है। यह न सिर्फ शुक्राणुओं को महिला में जाने से रोकता है, बल्कि यौन रोग से भी बचाता है। कम लोगों को ही पता है कि कंडोम न सिर्फ पुरुषों के लिए, बल्कि महिलाओं के लिए भी आते हैं।

3. विदड्रॉल : इसे पुलआउट प्रक्रिया भी कहते हैं। इस प्रक्रिया में पुरुष वीर्यपात से तुरंत पहले अपने प्राइवेट पार्ट को योनि से बाहर निकाल लेते हैं। ऐसा करने से गर्भवती होने की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है। यह प्रक्रिया पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है, क्योंकि सही समय पर पुलआउट करना थोड़ा मुश्किल भरा हो सकता है।

4. पुरुष नसबंदी : पुरुष नसबंदी अनचाही प्रेगनेंसी से बचाव का स्थायी तरीका है, जो शत प्रतिशत सफल होता है। इसे गर्भनिरोध का सबसे सही तरीका माना गया है। साथ ही इससे पुरुष की यौन क्षमता पर भी प्रभावित नहीं होती है। यह एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें पुरुषों की शुक्रवाहक नलिका को अवरुद्ध कर दिया जाता है। ऐसा करने से शुक्राणु वीर्य के साथ पुरुष लिंग तक नहीं पहुंच पाते। पुरुष नसबंद दो तरह की होती हैं – चीरा विधि और नो स्केलपेल विधि।

चीरा विधि : इसमें डॉक्टर चीरा लगाकर उस ट्यूब को काट देते हैं, जो शुक्राणुओं को लिंग तक लेकर जाती है। इस प्रक्रिया के बाद भी वीर्यपात हो सकता है, लेकिन इसमें शुक्राणु नहीं होते। यह सर्जरी ज्यादा से ज्यादा 30 मिनट का समय लेती है (2)।

नो स्केलपेल विधि : इस प्रक्रिया में किसी तरह का कट नहीं लगाया जाता। इसमें स्क्रोटम (पुरुष अंडकोष) पर छोटा-सा पंक्चर लगाकर ट्यूब को ब्लॉक कर दिया जाता है। यह पंक्चर बिना किसी परेशानी के जल्दी ठीक भी हो जाता है। यह प्रक्रिया उन्हीं पुरुषों को अपनानी चाहिए, जिन्हें भविष्य में संतान की इच्छा न हो, क्योंकि इसके बाद दोबारा प्रजनन क्षमता विकसित नहीं की जा सकती (3)।

आइए, अब जानते हैं कि महिलाओं के लिए गर्भनिरोधक उपाय क्या-क्या हो सकते हैं।
महिलाओं के लिए गर्भनिरोधक उपाय

1. गर्भनिरोधक दवाएं : अनचाहे गर्भ से बचने के लिए कई महिलाएं गर्भ निरोधक दवाओंका इस्तेमाल करती हैं (4)। बाजार में कई तरह की गर्भ निरोधक दवाएं आती हैं, जिनमें से किसी में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन दोनों होते हैं, तो किसी में केवल प्रोजेस्टिन होता है। कई महिलाएं दोनों हार्मोन वाली दवा लेती हैं, जिसे कॉम्बिनेशन पिल कहा जाता है। कुछ मामलों में महिला को गर्भ निरोधक दवा लेने से बचना चाहिए, जैसे :

अगर उच्च रक्तचाप की समस्या है।

अगर दिल या लिवर संबंधी परेशानी है।

अगर ब्लड क्लॉटिंग का इलाज करवा रही हैं।

इसलिए, बेहतर होगा कि एक बार अपने डॉक्टर से सलाह लेकर गर्भनिरोधक दवा का सेवन करें। डॉक्टर महिला की शारीरिक स्थिति को समझते हुए सही दवा का सुझाव दे पाएंगे।

2. बर्थ कंट्रोल पैच : प्रेगनेंसी से बचाने वाला यह प्लास्टिक का पतला पैच होता है। यह पैच हार्मोन को अवशोषित करता है, जो अंडे को महिला के अंडाशय में जाने से रोकता है और अनचाहे गर्भ से बचाता है। यह पैच शरीर की त्वचा पर लगाया जाता है। इसे कूल्हे पर, पेट पर या हाथ के ऊपरी भाग पर कहीं भी लगा सकते हैं (5)।

3. प्रजनन जागरूकता प्रक्रिया : यह आपको आपके मासिक धर्म का अनुमान लगाने में मदद करती है। इसके जरिए आपको पता चलता है कि आपके ओव्युलेशन का समय क्या है। ओव्युलेशन वह समय है, जब महिला के गर्भधारण करने की संभावना सबसे ज्यादा रहती है। सामान्य तौर पर ओव्युलेशन प्रक्रिया पीरियड्स शुरू होने के दो सप्ताह पहले होती है। यह वो समय होता है जब महिला के अंडाशय से अंडे निकलते हैं (6)। ऐसे में यह तरीका आपको ओव्युलेशन के दौरान संबंध बनाते समय सतर्कता बरतने में मदद करता है, लेकिन इस प्रक्रिया की सफलता दर न के बराबर है।

4. गर्भनिरोधक प्रत्यारोपण : गर्भनिरोधक प्रत्यारोपण एक छोटी और पतली रॉड होती है, जो माचिस की तीली जैसी दिखती है। डॉक्टर इसे आपके हाथ में डालते हैं। यह एक ऐसा हार्मोन जारी करती है, जो आपको करीब चार साल तक गर्भावस्था से बचा सकती है। इसके अलावा, जब आप मां बनना चाहें, तो डॉक्टर की मदद से इसे निकलवा भी सकते हैं। हालांकि, इसके कुछ नुकसान भी सामने आए हैं, जो इस प्रकार हैं :

इसे लगाने के छह से 12 महीने में आपको अनियमित रक्तस्राव की समस्या हो सकती है।

यह यौन संचरित रोगों से बचाव नहीं करता।

प्रत्यारोपण के बाद सिर दर्द, स्तनों में दर्द, वजन बढ़ना, जी-मिचलाना या फिर ओवेरियन सिस्ट की समस्या हो सकती है।

5. गर्भनिरोधक शॉट : यह एक इन्जेक्शन है, जो हर तीन महीने में लगाया जाता है। इस शॉट में प्रोजेस्टिन हार्मोन होता है, जो ओव्युलेशन को रोककर गर्भधारण की संभावना को कम करता है। महिला के ट्यूब में अंडा न होने से गर्भधारण की संभावना नहीं रहती। इसका प्रभाव बनाए रखने के लिए आपको बिना भूले हर तीन महीने में यह इन्जेक्शन लेना होगा।

6. इंट्रायूट्रिन डिवाइस : गर्भधारण को रोकने के लिए गर्भाशय में इस छोटे-से डिवाइस को डाला जाता है, जिसे सबसे प्रभावी माना जाता है। इसकी खास बात यह भी है कि इसे निकलवाने के बाद आप गर्भवती हो सकती हैं। यह सबसे सुरक्षित, सस्ता, लंबे समय तक चलने वाला और कारगर उपाय है। यह डिवाइस दो प्रकार का होता है:

कॉपर आईयूडी – यह गर्भाशय में 5 से 10 साल तक रह सकता है।

हार्मोनल आईयूडी – यह गर्भाशय में पांच साल तक रह सकता है।

7. बर्थ कंट्रोल रिंग : गर्भनिरोध का सुरक्षित तरीका है, जिसमें योनि में गर्भनिरोधक रिंग डाली जाती है। यह छोटी और लचीली रिंग होती है, जो हार्मोन रिलीज करके अनचाही प्रेगनेंसी को रोकती है। अगर सही तरीके से इसे डाला जाए और हर महीने समय पर बदला जाए, तो यह गर्भनिरोध का काफी प्रभावी तरीका है (7)।

8. महिला नसबंदी : गर्भधारण को स्थायी रूप से रोकने के लिए इसे अपनाया जा सकता है। इसमें फैलोपियन ट्यूब को बांध दिया जाता है, जिससे अंडे शुक्राणुओं तक नहीं पहुंच पाते।

9. डायाफ्राम : डायाफ्राम एक फैले हुए कप के समान होता है, जिसे योनि के भीतर डाला जाता है। यह संबंध बनाने के दौरान आपके गर्भाशय को ढक देता है, जिससे गर्भ नहीं ठहर पाता।
गर्भावस्था से बचने के लिए सावधानियां

अगर आप कुछ सावधानियां बरतेंगे, तो निश्चित तौर पर अनचाही गर्भावस्था से बच सकेंगे। नीचे हम गर्भावस्था से बचने के लिए कुछ सावधानियां बता रहे हैं :

बिना कंडोम के संभोग न करें : सबसे बेहतर है कि आप संभोग के दौरान हमेशा कंडोम का इस्तेमाल करें। बिना कंडोम के संभोग न ही करें, तो बेहतर है। इससे यौन रोग की आशंका भी नहीं रहती।

गर्भनिरोधक गोली मिस न करें: अगर आप अनचाही गर्भावस्था से बचना चाहती हैं, तो नियमित रूप से गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करें।

अनियमित समय पर दैनिक गर्भनिरोधक गोली न लें : गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन हमेशा एक समय पर करें। इसलिए, यह गोली लेने का एक समय निर्धारित कर लें और इसी समय पर दवा लें।

पीरियड्स के दौरान असुरक्षित यौन संबंध न बनाएं : बहुत-से लोगों को लगता है कि पीरियड्स के दौरान संबंध बनाने से प्रेगनेंट नहीं होते, लेकिन यह पूरी तरह से सही नहीं है। पीरियड्स के दौरान शारीरिक संबंध बनाने से भी प्रेगनेंट हो सकते हैं (8)। इसलिए, अगर आप पीरियड्स के दौरान ऐसा करते हैं, तो हमेशा सुरक्षा के साथ करें।

पुरुष के प्राइवेट पार्ट पर हाथ लगाने के बाद योनी पर हाथ न लगाएं : वीर्यपात होने से पहले भी पुरुषों को हल्का डिस्चार्ज होता है, जिसमें कभी-कभी स्पर्म हो सकते हैं। ऐसे में महिला को पुरुष के प्राइवेट पार्ट पर हाथ लगाकर योनी पर हाथ नहीं लगाना चाहिए। इससे गर्भधारण की आशंका बढ़ सकती है।

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wordpress 1 year ago 5 Answer
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