प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में नॉर्मल डिलीवरी के लिए क्या करें?pregnancytips.in

Posted on Fri 11th Nov 2022 : 09:30

गर्भावस्‍था का नौवांं महीना बाकी के सभी महीनों से बहुत अलग और नाजुक होता है। अब बस आपका बच्‍चा आपकी गोद में आने वाला है और आपका इंतजार खत्‍म होने वाला है। कहते हैं कि अगर नौवे महीने में प्रेगनेंट महिला अपने आहार में कुछ खास चीजों को शामिल करे तो इससे नॉर्मल डिलीवरी में मदद मिलती है।

नौवे महीने में डाइट
गर्भावस्‍था के नौवे महीने में बच्‍चे का अमूमन पूरा विकास हो चुका होता है और उसका वजन भी बढ़ चुका होता है। इस समय बच्‍चे के वजन के कारण आपको पाचन संबंधी परेशानी हो सकती है जैसे अपच और एसिडिटी आदि। इस वजह से आपको अपने आहार में पोषक तत्‍वों की मात्रा को अधिक रखना चाहिए। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आप नौवे महीने में किस तरह अपनी नॉर्मल डिलीवरी के चांसेस को बढ़ा सकती हैं।
आठवें महीने में अनुष्‍का शर्मा की तरह शीर्षासन करना सही है या गलत?

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प्रेग्‍नेंसी में आप शीर्षासन कर सकती हैं या नहीं, ये पूरी तरह से आपकी सेहत, फिटनेस लेवल, प्रेग्‍नेंसी के चरण और गर्भ में पल रहे शिशु की स्‍वास्‍थ्‍य स्थिति पर निर्भर करता है।

कोई भी एक्‍सरसाइज और योगासन करने से पहले गर्भवती महिला को डॉक्‍टर या हेल्थ एक्‍सपर्ट से बात करनी चाहिए। अगर आप उनकी सलाह से कोई योगासन कर भी रही हैं तो एक्‍सपर्ट की गाइडेंस में ही करें।

अब इस बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अनुष्‍का शर्मा कैसे शीर्षासन कर रही हैं। उनकी मदद के लिए योगा एक्‍सपर्ट के अलावा उनके पति विराट भी कोहली हैं। एक्ट्रेस योगा एक्‍सपर्ट से बात करने के बाद ही इस आसन को कर रही हैं।
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शीर्षासन करने का प्रमुख कारण होता है मस्तिष्‍क तक खून की सप्‍लाई को बढ़ाना और दिमाग की कोशिकाओं को पोषण देना। यह दिमाग को शांत करता है और स्‍ट्रेस एवं एंग्‍जायटी से निजात दिलाता है। माइग्रेन और सिरदर्द को कम करने के लिए भी शीर्षासन किया जाता है।

यह आसन पिट्यूटरी ग्रंथि को बूस्‍ट कर डायबिटीज को कंट्रोल करने में भी मदद करता है। इस तरह गर्भवती महिलाएं जेस्‍टेशनल डायबिटीज से बच सकती हैं। शीर्षासन से कंधे और बांह मजबूत होते हैं। इससे आंखों में ब्‍लड सप्‍लाई तेज होती है जिससे आंखों की रोशनी में सुधार आता है।

यह आसन बालों को मजबूत करके बाल झड़ने से रोकता है। इससे पाचन भी ठीक तरह से होता है।
हल्‍दी
हल्‍दी में दर्द निवारक गुण होते हैं और नौवें महीने में आपको कॉन्‍ट्रैक्‍शन महसूस हो सकते हैं इसलिए अपने खाने में हल्‍दी का इस्‍तेमाल जरूर करें। इस समय पेल्विक हिस्‍से में, कमर में और कूल्‍हों में हो रहे दर्द काे कम करने में हल्‍दी मदद करती है। रात को दूध में हल्‍दी मिलाकर पीना फायदेमंद होगा।

अदरक और लहसुन
नौवें महीने में प्रेगनेंट महिलाओं को अदरक और लहसुन भी खाना चाहिए। अदरक को कूटकर इसकी चाय बना लें या अदरक को पानी में डालकर उबाल लें और इस पानी को गुनगुना पिएं।
वहीं रोज सुबह लहसुन की दो कलियां खाली पेट खाने से आप सौ बीमारियों से दूर रहती हैं और इससे सर्विक्‍स खुलने में भी मदद मिलती है। आप खाने में भी लहसुन का इस्‍तेमाल कर सकती हैं।

प्रेग्‍नेंसी में आप शीर्षासन कर सकती हैं या नहीं, ये पूरी तरह से आपकी सेहत, फिटनेस लेवल, प्रेग्‍नेंसी के चरण और गर्भ में पल रहे शिशु की स्‍वास्‍थ्‍य स्थिति पर निर्भर करता है।

कोई भी एक्‍सरसाइज और योगासन करने से पहले गर्भवती महिला को डॉक्‍टर या हेल्थ एक्‍सपर्ट से बात करनी चाहिए। अगर आप उनकी सलाह से कोई योगासन कर भी रही हैं तो एक्‍सपर्ट की गाइडेंस में ही करें।

अब इस बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अनुष्‍का शर्मा कैसे शीर्षासन कर रही हैं। उनकी मदद के लिए योगा एक्‍सपर्ट के अलावा उनके पति विराट भी कोहली हैं। एक्ट्रेस योगा एक्‍सपर्ट से बात करने के बाद ही इस आसन को कर रही हैं।
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शीर्षासन करने का प्रमुख कारण होता है मस्तिष्‍क तक खून की सप्‍लाई को बढ़ाना और दिमाग की कोशिकाओं को पोषण देना। यह दिमाग को शांत करता है और स्‍ट्रेस एवं एंग्‍जायटी से निजात दिलाता है। माइग्रेन और सिरदर्द को कम करने के लिए भी शीर्षासन किया जाता है।

यह आसन पिट्यूटरी ग्रंथि को बूस्‍ट कर डायबिटीज को कंट्रोल करने में भी मदद करता है। इस तरह गर्भवती महिलाएं जेस्‍टेशनल डायबिटीज से बच सकती हैं। शीर्षासन से कंधे और बांह मजबूत होते हैं। इससे आंखों में ब्‍लड सप्‍लाई तेज होती है जिससे आंखों की रोशनी में सुधार आता है।

यह आसन बालों को मजबूत करके बाल झड़ने से रोकता है। इससे पाचन भी ठीक तरह से होता है।

अजवाइन के लड्डू
अजवाइन गर्म होती है और नॉर्मल डिलीवरी के लिए शरीर को तैयार भी करती है। आप गर्भावस्‍था के दौरान ही नहीं बल्कि डिलीवरी के बाद भी ये लड्डू खा सकती हैं। इससे शरीर को ताकत मिलती है। यह भी पढ़ें : डिलीवरी के बाद जच्‍चा और बच्‍चा दोनों को स्‍वस्‍थ रखते हैं अजवाइन के लड्डू

गुनगुना पानी
प्रेग्‍नेंसी में खूब पानी पीना चाहिए और गुनगुना पानी और भी ज्‍यादा फायदेमंद होता है। इससे मांसपेशियों का तनाव दूर होगा। वहीं, ठंडा पानी या ठंडी चीजें खाने से मांसपेशियां सिकुड़ सकती हैं या प्रसव समय पर होने में दिक्‍क्‍त आ सकती है इसलिए बेहतर होगा कि आप गर्भावस्‍था में हल्‍की गर्म चीजें ही खाएं।


खजूर
गैस पर दूध को गर्म करने के लिए रखें और उसमें खजूर डाल दें। दूध उबलने पर इसे पी लें। आप चाहें तो गर्म दूध के साथ भी खजूर खा सकती हैं।

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wordpress 1 year ago 5 Answer
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