बच्चा पैदा करने के लिए क्या करना पड़ता है?pregnancytips.in

Posted on Sun 29th May 2022 : 23:10

किसी भी महिला के लिए प्रेग्नेंसी वो समय होता है जब जीवन में सबसे ज्यादा बदलाव आते हैं। अगर आप प्रेग्नेंट होने का प्लान कर रही हैं तो ये तरीके आपके लिए सबसे ज्यादा मददगार साबित होंगे।

प्रेग्नेंसी किसी भी महिला के लिए जीवन में बहुत अहम समय होता है। एक उम्र के बाद हर महिला की चाहत होती है कि वह मां बने। मां बनने के दौरान और इसके बाद महिला के शरीर में कई ऐसे बदलाव होते हैं जो कि पहली बार आते हैं। आमतौर पर प्रेग्नेंसी का पीरियड 9 महीने का होता है। यहां हम आपको बता रहे हैं कि किन तरीकों से महिलाएं जल्दी प्रेग्नेंट हो सकती हैं।

​प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण

प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण प्रत्येक महिला में एक जैसे नहीं होते हैं। किसी महिला में प्रेग्नेंसी के लक्षण पहले हफ्ते से ही नजर आ सकते हैं और किसी में नजर आने में दो से तीन हफ्ते का भी समय लग सकता है।

प्रेग्नेंसी के आम लक्षण मासिक धर्म में देरी, स्पॉटिंग या हल्का भूरा स्त्राव, जी मचलना या उल्टी होना, खाने में स्वाद न आना, बार-बार मूत्र आना, कब्ज होना, पेट में जलन होना, स्तनों में सूजन आदि है।
​मासिक धर्म चक्र आवृत्ति का रिकॉर्ड

अगर आप बच्चा पैदा करना चाहती हैं तो आपको ये देखना चाहिए कि क्या उसके पीरियड्स के पहले दिन हर महीने एक ही दिनों आते हैं तो यह नियमित रूप है। वहीं, अगर चक्र की लंबाई महीने-दर-महीने बदलती रहती है तो ये अनियमित होता है।

महिला एक कैलेंडर पर इस जानकारी को ट्रैक करके ये देख सकती है कि वह कब ओवुलेट हो सकती है। ये वो समय होता है जब उसकी ओवेरी प्रति माह एक अंडा जारी करेगा।
नियमित मासिक चक्र वाली महिलाएं अपने पीरियड्स के आने से करीब दो हफ्ते पहले ओवुलेट होती हैं। वहीं, अनियमित चक्र वाली महिलाओं में ओवुलेशन के बारे में बताना मुश्किल है।

वहीं, आमतौर पर अगली अवधि की शुरुआत से 12 से 16 दिन पहले हो सकता है। कई तरीकों से महिलाएं अपने सबसे फर्टाइल दिनों को निर्धारित करने में कर सकती है।
फर्टाइल दिनों के दौरान हर दूसरे दिन सेक्स करें

फर्टाइल विंडो 6 दिन के अंतराल, ओव्यूलेशन से 5 दिन पहले और इसके दिन तक रहती है। हर महीने में ये वो दिन होते हैं जब एक महिला के सेक्स करने से प्रेग्नेंट होने के सबसे ज्यादा चांस होते हैं।

आज के समय में कुछ महिलाएं नए टेक्नोलॉजी टूल्स की मदद ले रही हैं जैसे कि फर्टिलिटी ट्रैकिंग ऐप्स और वेबसाइट आदि। इससे उन्हें प्रेग्नेंस होने की संभावना अधिक हो तो ऐसे में उनके जरिए नजर रख रही हैं।
​खाने का रखें ध्‍यान

गर्भावस्‍था के दिन बहुत नाजुक होते हैं और इस समय महिलाओं को अपने आहार में पोषण का बहुत ध्‍यान रखने की जरूरत होती है। इस समय महिलाएं अपने आहार में फाइबर और आयरन से युक्‍त चीजों को शामिल करें।

फाइबर से प्रेग्‍नेंसी में होने वाली कब्‍ज से बचाव होता है और आयरन युक्‍त चीजें खाने से प्रेग्‍नेंसी में आयरन डेफिशिएंसी का खतरा नहीं रहता है। गर्भवती महिलाएं पौष्टिक आहार से गर्भ में पल रहा शिशु भी स्‍वस्‍थ रहता है।

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