Login
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi adipiscing gravdio, sit amet suscipit risus ultrices eu. Fusce viverra neque at purus laoreet consequa. Vivamus vulputate posuere nisl quis consequat.
Create an accountLost your password? Please enter your username and email address. You will receive a link to create a new password via email.
बच्चे का वजन बढ़ाने के लिए क्या उसे ब्रेस्ट मिल्क की बजाए फार्मूला मिल्क दे सकते हैं?
क्या आप अपने बच्चे का वजन बढ़ाने के लिए उसे फार्मूला मिल्क दे रही हैं? एक बार ये पोस्ट जरूर पढ़ लें!
भारतीय महिलाएं ऐसा सोचती हैं कि सही तरीके से वजन बढ़ना ही बच्चे का सही विकास है। कई महिलाएं बच्चे के वजन न बढ़ते देख ब्रेस्ट मिल्क छोड़ उसे फार्मूला मिल्क देने लगती हैं। लेकिन आपको बता दें कि बच्चे के जन्म के छह महीने तक ब्रेस्टफीडिंग कराना बहुत जरूरी है। क्या आपको पता है ब्रेस्ट मिल्क के क्या फायदे है? यह बच्चे के समग्र विकास के लिए बहुत जरूरी है। लेकिन कुछ महिलाएं वजन बढ़ाने के चक्कर में बच्चे को फार्मूला मिल्क देने लगती हैं।
सवाल यह है कि क्या छह महीने से कम के बच्चे का वजन बढ़ाने के लिए उसे फार्मूला मिल्क देने सही है? केजे सोमैया कॉलेज, स्कूल ऑफ नर्सिंग के प्रिंसपल अवनि आपको इस बारे में तमाम जानकारी दे रही हैं। अवनि के अनुसार, मां का दूध बच्चे का वजन बढ़ाने, इम्युनिटी बढ़ाने और उसे तृप्त रखने के लिए जरूरी है। अगर इसे लेने के बावजूद बच्चे का वजन नहीं बढ़ रहा है, तो इसके कुछ अलग कारण हो सकते हैं।
कई बार ऐसा होता है कि फीडिंग करते समय बच्चे ब्रेस्ट के निप्पल को मुंह से सही तरह नहीं पकड़ पाते हैं। इससे उन्हें दूध पीने में परेशानी होती है और पेट नहीं भरने से वो चिड़चिड़ा हो जाता है। इसलिए उसे कई बार दूध पिलाना पड़ता है। बच्चे का वजन कम होने का यह एक बड़ा कारण हो सकता है।
याद रखें फार्मूला मिल्क से बच्चे का वजन बढ़ने की कोई गारंटी नहीं है। कई बार महिलाएं फार्मूला बनाते समय सही निर्देशों का पालन नहीं कर पाती हैं जिससे बच्चे का वजन नहीं बढ़ता है। इसलिए अगर बच्चा सही तरह फीड कर लेता है और तृप्त हो जाता है, तो फार्मूला लेना का कोई कारण नहीं है।
अगर आपके बच्चे को ब्रेस्ट मिल्क से एलर्जी है तो आप फार्मूला ट्राई कर सकते हैं। वैसे ऐसा बहुत कम होता है। कई मामलों में बच्चों को लैक्टोज इनटॉलेरेंट यानि दूध की एलर्जी हो जाती है। इस मामले में आप लैक्टोज-फ्री फार्मूला ट्राई कर सकते हैं।
हालांकि यह जरूरी नहीं है कि बच्चे का वजन तेजी से बढ़े। छह महीने के बाद बच्चे का दूध छुड़ाना धीरे-धीरे बंद करना चाहिए। अगर बच्चा दूध छोड़ने में समय ले रहा है, तो आप उसे थोड़ा-थोड़ा दूध पिलाते रहें। इससे भी बच्चे का वजन बढ़ता है क्योंकि कई बार सिर्फ तृप्त होना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि भावनात्मक लगाव भी जरूरी होता है।
--------------------------- | --------------------------- |