Login
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi adipiscing gravdio, sit amet suscipit risus ultrices eu. Fusce viverra neque at purus laoreet consequa. Vivamus vulputate posuere nisl quis consequat.
Create an accountLost your password? Please enter your username and email address. You will receive a link to create a new password via email.
इस उम्र से बैठना सीख जाते हैं बेबी, कहीं आपके बच्चे को तो नहीं हो गई देरी?
जन्म के बाद हर महीने बच्चे का विकास एक दर आगे बढ़ता चला जाता है। वहीं हर महीने के साथ बच्चा एक नया स्किल भी सीखता चला जाता है। एक खास उम्र पर पहुंचने पर बच्चा बैठना और चलना सीख लेता है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि शिशु किस उम्र से बैठना शुरू करते हैं।
when can baby sit by themselves
इस उम्र से बैठना सीख जाते हैं बेबी, कहीं आपके बच्चे को तो नहीं हो गई देरी?
पैरेंट्स हमेशा यह जानने के लिए उत्सुक रहते हैं कि उनके बच्चे (baby) की एक्टिविटी और ग्रोथ किस तरह से चल रही है। खासतौर पर ऐसे पैरेंट्स जिनका पहला बच्चा है, वो इसे लेकर ज्यादा उत्सुक नजर आते हैं। जब बच्चा अपना पहला कदम उठाता है, पहला शब्द बोलता है या पहली बार बैठना सीखता है, तो इन पलों को देखना पैरेंट्स के लिए बहुत इमोशनल होता है। बच्चे अपनी ग्रोथ की तरफ एक-एक करके कदम बढ़ाते हैं। कितना अच्छा लगता है ना जब नन्ही-सी जान खुद अपना सर उठाना सीख लेती है, करवट बदलती है और घुटनों के बल चलना सीखती है। पैरेंट्स खासतौर पर पहली बार पैरेंट बने लोगों को पता होना चाहिए कि बच्चा किस महीने क्या नया स्किल सीखता है और उम्र के हिसाब से बच्चे की डेवलपमेंट पर नजर भी रखनी चाहिए। इस आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं कि शिशु किस उम्र या महीने से बैठना शुरू करता है।
कब शुरु करते हैं बच्चे बैठना
यह देखा गया है कि बच्चे 4 से 7 माह के बीच बैठने लगते हैं। इस उम्र में बच्चे एक नई दुनिया देखते हैं, कुछ बिल्कुल नया सीखते हैं। जब बच्चा 8 माह का हो जाता है, तब वो बिना किसी सपोर्ट के बैठ सकता है। लेकिन इस एक्टिविटी के दौरान आपको बच्चे के पीछे सपोर्ट लगाना चाहिए क्योंकि हो सकता है उसका बैलेंस बिगड़ जाए और वो गिर जाए।
पहले मिलते हैं संकेत
4 माह का होते ही बच्चे का अपने सिर और गर्दन पर कंट्रोल आने लगता है। इस समय उनकी गर्दन की मसल्स पूरी तरह से एक्टिवेट हो जाती हैं। ये अपना भार संभालने के लायक हो जाती हैं। ये वो समय होता है जिस समय बैठना उनके लिए बिल्कुल नया होता है और वो बैठने की लगातार कोशिश करते हैं।
इस संकेत को समझें
अगर आपका बच्चा बार-बार अपनी गर्दन उठा रहा है, सिर उठा रहा है और ऊपर की तरफ उठने की कोशिश कर रहा है, तो आप समझ जाएं कि वह बैठना चाहता है।
बच्चे बैठते समय बैलेंस बनाना कैसे सीखते हैं?
जैसे ही आपका बच्चा गर्दन उठाने लगे, सिर उठाने लगे, तो समझ लें कि अब वह बैठने के लिए पूरी तरह से तैयार है। लेकिन बैलेंस बनाने में आपको पहले उनकी थोड़ी मदद करनी पड़ेगी। अपने दोनों हाथ से उनके दोनों हाथ पकड़ कर उनको ऊपर की तरफ उठने के लिए प्रोत्साहित करें। कुछ अट्रैक्टिव आवाज निकाल कर आप उन्हें ऊपर उठने के लिए बुला सकते है। बैलेंस बनाने में मदद करने के लिए पिलो और सॉफ्ट टॉय की मदद ली जा सकती है।
किन बातों का ध्यान रखना है जरूरी
शुरुआत से ही बच्चों की हर तरह की ग्रोथ के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। जैसे छोटे बच्चों को जब भी पकड़ें, उनकी गर्दन बिल्कुल सीधी रखें, इससे उनकी गर्दन की ग्रोथ अच्छी होती है और वो जल्दी हर तरह की एक्टिविटी सीख पाते हैं। हमेशा सबसे पहले उन्हें अपनी गोद में बैठाएं। इससे बच्चों को बैठने की आदत लगती है। बैक में मसाज देना बच्चों के लिए बहुत जरूरी होता है, इससे उनकी मसल्स के विकास को बढ़ावा मिलता है।
टमी टाइम और टमी का रखें ख्याल
ग्रोथ का सीधा कनेक्शन खाने पीने से होता है। बच्चों के खाने पीने का ख्याल रखें, उन्हें सही टाइम पर पौष्टिक फूड दें। साथ ही खाना खाने के बाद सुलाने के बजाय उनके साथ खेलें। जितना ज्यादा वो एक्टिव रहेंगे, उनका डाइजेस्टिव सिस्टम उतना ही बेहतर रहेगा और पेट के दुरुस्त रहने पर बच्चे नए-नए स्किल्स जल्दी सीख पाते हैं।
--------------------------- | --------------------------- |