बच्चों का चेहरा कैसे साफ करें?pregnancytips.in

Posted on Fri 11th Nov 2022 : 09:30

बच्चे की त्वचा का रंग साफ कैसे करें?
गर्भावस्था के बाद अक्सर महिलाएं अपने बच्चे के वजन, रंग-रूप और उसमें होने वाले परिवर्तनों को लेकर चिंतित रहती हैं। जिस तरह से जन्म के समय हर शिशु की शारीरिक बनावट व वजन अलग-अलग होता है, ठीक उसी तरह उनका रंग भी अलग-अलग होता है। वैसे तो हर बच्चा अपने आप में खूबसूरत होता है, फिर भी हर माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे का रंग साफ हो। अगर आपका भी मन करता है कि आपके बच्चे का रंग साफ हो, तो फिक्र करना छोड़ दीजिए। मॉमजंक्शन के इस आर्टिकल में हम आपको बच्चे के रंग को साफ करने के कुछ घरेलू उपाय बताएंगे।

सबसे पहले हम जानेंगे कि बच्चे का रंग काला या सांवला क्यों होता है।
मेरे बच्चे का रंग काला/सांवला क्यों है?

किसी की भी त्वचा का रंग उसके शरीर में मौजूद मेलेनिन नाम के घटक पर निर्भर करता है। त्वचा में मौजूद मेलेनिन की मात्रा जींस पर निर्भर होती है (1), जो कि त्वचा की विशेष कोशिकाओं द्वारा निर्मित किया जाता है। अगर शरीर में मेलेनिन की मात्रा ज्यादा होती है, तो बच्चे का रंग ज्यादा गहरा या सांवला होता है और इसकी मात्रा कम होने पर बच्चे का रंग साफ होता है (2)।

लेख के आगे के भाग में हम जानेंगे कि क्या बच्चे का रंग बदल सकता है या नहीं।
क्या बच्चे की त्वचा का रंग बदलना संभव है?

नहीं, बच्चे के प्राकृतिक रंग को नहीं बदला जा सकता है। हां, कुछ उपायों के द्वारा उसके रंग को कुछ हद तक साफ जरूर किया जा सकता है। यहां एक बार फिर स्पष्ट कर दें कि बच्चे की त्वचा का रंग साफ होना या फिर सांवला होना त्वचा में मौजूद मेलेनिन की कम या अधिक मात्रा पर निर्भर करता है (3)।

आइए, अब जानते हैं कुछ ऐसे उपायों के बारे में, जिनसे बच्चे के रंग को साफ किया जा सकता है।
नवजात शिशु का रंग साफ करने के 10 उपाय
यहां आपको कुछ उपायों के बारे में बताएंगे, जिनका उपयोग कर आप अपने बच्चे के रंग को साफ कर सकते हैं।

बेसन : बेसन मृत त्वचा को अलग करने के साथ ही त्वचा को चमकदार और स्वस्थ बनाने में मदद कर सकता हैं (4)। बेसन के इस गुण को एक्सफोलिएशन कहते हैं। एक्फोलिएशन के इस गुण के कारण त्वचा के रंग को साफ करने में मदद मिल सकती है (5), लेकिन इसके उपयोग से बच्चा गोरा नहीं होता है ।

फलों का रस : फलों का रस त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है। त्वचा के लिए अंगूर, शहतूत, संतरा व कॉफी जैसे कई फल लाभकारी माने जा सकते हैं, जो त्वचा की कई समस्याओं को दूर करने में सहायक हैं। इनमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-कैंसर गुण इन्हें त्वचा के लिए एक बेहतरीन विकल्प बना देते हैं। इसके अलावा, फलों के रस के ये गुण सूर्य की पराबैंगनी किरणों के दुष्प्रभाव से भी बचाते हैं। साथ ही ये त्वचा की खराब कोशिकाओं को दूर कर उसे ग्लोइंग बनाने में भी मदद करते हैं (6)।

हल्के गर्म तेल से मालिश : आयुर्वेद के अनुसार हल्के गर्म तेल से की गई मालिश त्वचा को कई रोगों से बचाने में कारगर हाे सकती है। रोजाना बच्चे को नहलाने से पहले हल्के हाथों से गुनगुने तेल की मालिश करें। इससे बच्चे की त्वचा का रंग तो साफ होगा ही, साथ ही त्वचा को स्वस्थ रखने में भी मदद मिलेगी (7)।

सौम्य बाॅडी पैक : नवजात के शरीर पर लेप या उबटन लगाने से भी उनकी त्वचा की सफाई की जा सकती है। प्राचीन परम्परा से ही लेप या उबटन के जरिए शिशु के शरीर की गंदगी को साफ किया जाता रहा है और वर्तमान में भी कई स्थानों पर आज भी यह चलन मौजूद है। चंदन, हल्दी और केसर को दूध में मिलाकर बनाया गया लेप बच्चे के शरीर पर होने वाले हानिकारक प्रभावों को दूर करने के साथ ही उनकी त्वचा में निखार भी लाने में भी मदद करता है। चंदन, हल्दी और केसर का उपयोग त्वचा संबंधी कई समस्याओं के समाधान और त्वचा में निखार लाने के लिए किया जाता है (8) (9)।

स्नान के पानी का सही तापमान : बच्चे के रंग को लेकर अगर आप चिंता में हैं, तो आप उसे नहलाने के लिए पानी को उबाल कर ठंडा कर लें। उसके बाद यह पानी बच्चे को नहलाने के लिए इस्तेमाल करें। विशेषज्ञों के मुताबिक, पानी को उबालने से पानी में मौजूद हाइड्रोजन सक्रिय हो जाते हैं, जो बच्चे का रंग साफ करने में मदद कर सकते हैं (10)।

मॉइस्चराइजर : इलास्टिन और कोलेजन त्वचा में मौजूद प्रोटीन होते हैं। इलास्टिन त्वचा पर मॉइस्चराइजर के रूप में कार्य करता है। इलास्टिन का उपयोग मॉइस्चराइजर क्रीम में भी किया जाता है। यह त्वचा को मॉइस्चराइज करने और व्हाइटनिंग प्रदान करने का काम कर सकता है। इसलिए, प्रतिदिन शिशुओं की नाजुक त्वचा पर इलास्टिन युक्त हल्के मॉइस्चराइजर के साथ सौम्य मालिश करने से बच्चे के रंग में फर्क देखा जा सकता है (11)।

बेबी स्क्रब : ब्राउन शुगर में एक्सफोलिएट गुण होते हैं, जो शिशु की त्वचा में मौजूद मृत कोशिकाओं से छुटकारा दिलाने के साथ ही त्वचा को साफ करने में भी मदद करते हैं। इसके अलावा, ये मुंहासों से छुटकारा दिलाकर, उनके छिद्रों को भी बंद कर देते हैं। ब्राउन शुगर के साथ-साथ शहद, सादा पानी या जैतून का तेल मिलाकर स्क्रब तैयार किया जा सकता है। इसका उपयोग त्वचा की सफाई के साथ-साथ मुंहासों को दूर करने के लिए किया जा सकता है (12) (4)।

सन बाथ : सूर्य की रोशनी बच्चों के विकास के लिए महत्वपूर्ण बताई गई है। इसके अलावा, इससे प्राप्त होने वाला विटामिन-डी त्वचा को कई प्रकार से सुरक्षा प्रदान करने में भी मददगार हो सकता है। विटामिन-डी त्वचा में मौजूद कई बैक्टीरिया और उससे होने वाले संक्रमण को दूर करने में कारगर हो सकता है (13)। सूर्य का प्रकाश त्वचा की कई समस्याओं के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन त्वचा के रंंग को साफ करने के लिए इसके कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं। शिशुओं को 6 माह तक सूर्योदय के बहुत समय बाद सीधे सूर्य के प्रकाश में न ले जाऐं। उन्हें सूर्योदय के समय ही सूर्य के प्रकाश में ले जाएं, जिससे उन्हें पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी मिल सके। याद रहे उन्हें ज्यादा देर तक सूर्य प्रकाश में न रखें। नहीं तो ये हानिकारकर भी हो सकता है।

बेबी वाइप्स : बच्चों की त्वचा को साफ करने के लिए, कीटाणुओं से बचाने के लिए और त्वचा की देखभाल के लिए बेबी वाइप्स का उपयोग किया जाता है। बेबी वाइप्स पॉलिस्टर, कॉटन या रेयॉन फाइबर से बने होते हैं। इन्हें पानी के साथ इस्तेमाल करके शिशुओं की त्वचा की सफाई हल्के हाथों से की जाती है। यहां पर ध्यान रखने वाली बात यह है कि शिशुओं की सफाई के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्री बहुत ही कोमल हो, ताकि बच्चे की नाजुक त्वचा को कोई नुकसान न हो (14)। ये उपाय बच्चे की त्वचा की सफाई के लिए हैं, लेकिन ये रंग को साफ कर सकते हैं, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।

केमिकल युक्त उत्पादों का इस्तेमाल न करें : शिशुओं की त्वचा बहुत ही नाजुक होती है। इसलिए इनके रंग को साफ करने के लिए बहुत सावधानी की जरूरत होती है। केमिकल युक्त उत्पादों में टॉक्सिन प्रभाव होते हैं, जो बच्चों की नाजुक त्वचा पर हानिकारक प्रभाव दिखा सकते हैं। अगर शिशुओं की त्वचा की सफाई के लिए केमिकल युक्त उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं, तो ये त्वचा संबंधी कई समस्याओं का कारण बन सकते हैं। बच्चों को किसी भी हानिकारक प्रभाव से बचाने के लिए और उनके रंग को साफ करने के लिए, जहां तक हो सके केमिकल युक्त उत्पादों का इस्तेमाल न करें। उसके स्थान पर आप आसान घरेलू उपायों को अपना सकते हैं (15)।

नोट: यहां बताए गए सभी उपयोग शिशु की त्वचा को चमकदार और साफ करने के लिए किए जा सकते हैं, लेकिन इनके उपयोग से बच्चे का रंग गोरा होना संभव नहीं है। बच्चे की त्वचा का कोई भी रंग, उसकी त्वचा में मौजूद मेलेनिन की मात्रा पर निर्भर करता है (3)।

लेख में आगे हम जानेंगे कि शिशु की त्वचा का असली रंग कब आता है।
शिशु की त्वचा का वास्तविक रंग आने या दिखने में कितना समय लगता है?

जैसे शिशु बड़ा होता है, उसकी त्वचा का रंग समय के साथ-साथ बदलता रहता है। शिशु की त्वचा का वास्तविक रंग आने में लगभग दो साल लग सकते हैं (16)।

जानते हैं कि टैल्कम पाउडर और फेयरनेस क्रीम शिशु की त्वचा के लिए उपयोगी हैं या नहीं।
क्या शिशु के लिए टैल्कम पाउडर और फेयरनेस क्रीम का उपयोग करना सुरक्षित है?

टैल्कम पाउडर और फेयरनेस क्रीम बच्चे की त्वचा और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। टैल्कम पाउडर केमिकल युक्त उत्पादों में से एक है, जो बच्चे की त्वचा पर नुकसादायक हो सकता है (17)। ठीक इसी तरह फेयरनेस क्रीम भी कई केमिकल का इस्तेमाल करके बनाई जाती है, जिसके दुष्प्रभाव में जलन, सूजन और त्वचा की कई समस्याएं हो सकती हैं (18)।

जानते हैं कि क्या धूप से बच्चे को दूर रखने से उसकी त्वचा पर कोई असर होता है या नहीं।
क्या बच्चे की त्वचा का रंग साफ करने के लिए धूप से दूर रखना चाहिए?

सूर्योदय के समय आप बच्चे को सूर्य की रोशनी में ले जा सकते हैं। यह उसके लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन सूर्योदय के काफी समय बाद और अधिक देर तक बच्चे को धूप में रखने से उसकी त्वचा पर हानिकारक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं (19)।

बच्चे चाहे सांवले हो या गोरे हर स्थिति में सुंदर होते हैं। हम काले बच्चों को गोरा और गोरे बच्चों को काला तो नहीं बना सकते हैं, क्योंकि यह उसकी त्वचा में मौजूद मेलेनिन नाम के घटक पर निर्भर करता है। हां, हम बच्चे के रंग को ऊपर दिए गए कुछ उपायों से साफ जरूर कर सकते हैं। वैसे भी सुंदरता रंग में नहीं, बल्कि स्वभाव और व्यवहार में होती है। इसलिए, आप अपने बच्चे को अच्छे संस्कार दें।

solved 5
wordpress 1 year ago 5 Answer
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