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बच्चे की त्वचा के रंग को साफ करने के लिए अपनाएं ये घरेलू नुस्खे
कई बार केमिकल युक्त स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल, स्किन एलर्जी और बाहरी वातावरण के संपर्क में आने से भी बच्चे का रंग सांवला पड़ने लगता है। ऐसा इसलिए गर्भ से बाहर आने के बाद बाहर के वातावरण के
: ज्यादातर सभी माता-पिता की ये ख्वाहिश होती है कि उनका होने वाला बच्चा तीखे नैन नक्श और साफ रंगत के साथ पैदा हो, लेकिन हर माता-पिता की ये इच्छा पूरी हो, ये जरूरी तो नहीं है। दरअसल, हर बच्चे की त्वचा का रंग उसके शरीर में मौजूद मेलेनिन नाम के घटक पर निर्भर करता है। अगर शरीर में मेलेनिन की मात्रा ज्यादा होती है, तो बच्चे का रंग ज्यादा गहरा या सांवला होता है। वहीं इसकी मात्रा कम होने पर बच्चे का रंग साफ होता है। हालांकि बच्चे के प्राकृतिक रंग को नहीं बदला जा सकता है। लेकिन कुछ घरेलू उपायों को आजमाकर त्वचा के रंग को काफी हद तक साफ जरूर किया जा सकता है।
यूं तो बच्चे की रंगत, उसके माता-पिता पर निर्भर करती है लेकिन कई बार केमिकल युक्त स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल, स्किन एलर्जी और बाहरी वातावरण के संपर्क में आने से भी बच्चे का रंग सांवला पड़ने लगता है। ऐसा इसलिए गर्भ से बाहर आने के बाद बाहर के वातावरण के अनुसार शिशु की त्वचा ढलने लगती है। ऐसे में कुछ घरेलू उपाय अपनाकर बच्चों की रंगत को निखारा जा सकता है।
शिशु का रंग साफ करने के उपाय-
दूध और हल्दी-
बच्चे की रंगत को निखारने के लिए आप दध और हल्दी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस उपाय को करने के लिए आप सबसे पहले कच्चे दूध में हल्दी या बेसन मिलाकर शिशु के शरीर पर 5 से 10 मिनट के लिए लगाएं। इसके बाद साफ सूती कपड़े से इस पेस्ट को शिशु के शरीर से हटा दें। दूध में विटामिन ए, डी, बी12, लैक्टिक एसिड और बायोटिन के साथ कई अन्य पोषक तत्व मौजूद होते हैं। जो स्किन को हाइड्रेट करके नैचुरल क्लींजर की तरह काम करते हैं। इसके अलावा हल्दी में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लामेट्री गुण त्वचा की रंगत निखारने का काम करते हैं।
दही और टमाटर-
दही में टमाटर के गूदे को मिलाकर शिशु की पिगमेंटेशन वाली जगह पर मालिश करें। दही स्किन को हाइड्रेट करती है और टमाटर नैचुरल ब्लीचिंग एजेंट का काम करता है। इससे कोशिकाएं पुनर्जीवित होती है और स्किन से धूल और मिट्टी निकलती है।
बेसन-
बेसन का पेक शिशु की मृत त्वचा को हटाकर उसे चमकदार और स्वस्थ बनाने में मदद कर सकता हैं। बेसन के इस गुण को एक्सफोलिएशन कहते हैं। एक्फोलिएशन के इस गुण के कारण त्वचा के रंग को साफ करने में मदद मिल सकती है। ध्यान रखें, इस उपयोग से बच्चा गोरा नहीं होता बल्कि उसकी त्वचा में चमक आती है ।
हल्के गर्म तेल से मालिश-
आयुर्वेद के अनुसार हल्के गर्म तेल से की गई मालिश त्वचा को कई रोगों से बचाने में कारगर हो सकती है। रोजाना बच्चे को नहलाने से पहले हल्के हाथों से गुनगुने तेल की मालिश करें। इससे बच्चे की त्वचा का रंग तो साफ होगा ही, साथ ही त्वचा को स्वस्थ रखने में भी मदद मिलेगी।
नारियल तेल-
दिन में कम से कम एक बार गुनगुने नारियल तेल से मालिश करने से स्किन में लचीलापन आता है और ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है। तेल स्किन में गहराई से जाकर उसे हाइड्रेट करता है जिससे स्किन का रंग भी साफ होता है और दाग-धब्बे भी दूर होते हैं।
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