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महिला का स्तन यानी ब्रेस्ट उनके शरीर का सबसे ज्यादा संवेदनशील भाग है. इसलिए महिलाओं को इसे स्वस्थ रखने के लिए खास देखभाल भी करनी होती है. ज्यादातर महिलाओं को स्तन से जुड़ी समस्याओं की कम जानकारी होती है, तभी तो स्तन में जरा-सा बदलाव उन्हें तनाव में डाल देता है. इन्हीं बदलावों में से एक है स्तनों में सूजन आना. स्तनों में सूजन आने पर उसके लक्षण साफ दिखने और महसूस होने लगते हैं. सूजन आने पर स्तनों के बनावट में बदलाव होता है, आसपास की त्वचा में परिवर्तन होता है और स्तनों में भारीपन महसूस होता है. यही नहीं, स्तनों को छूने पर गर्माहट सी महसूस हो सकती है। इसके अलावा स्तनों के आसपास छूने पर दर्द भी हो सकता है.
आखिर ये सूजन होती क्यों है और किन कारणों से होती है यह समझना जरूरी है. स्तन चार ऊतक संरचनाओं से बने होते हैं जिसमें फैट टिश्यू यानी वसा ऊतक, मिल्क डक्ट यानी दुग्ध नलिकाएं, ग्लैंड्स यानी ग्रंथियां और कनेक्टिव टिश्यू यानी संयोजी ऊतक शामिल हैं. स्तनों के ऊतकों में बदलाव स्तन में सूजन पैदा करते हैं. जब फैट टिश्यू में द्रव की मात्रा ऊपर-नीचे होती है तो इससे भी स्तनों में सूजन आ जाती है. यही नहीं, कई बार स्तनों में सूजन रजोनिवृत्ति यानी मेनोपॉज के दौरान भी होती है क्योंकि ऐसे समय में हार्मोन में काफी बदलाव होते हैं. शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का उत्पादन भी पीरियड्स की शुरुआत से पहले बढ़ता है और इस बदलाव के साथ स्तन की दुग्ध ग्रंथियां बढ़ जाती हैं. यह वाटर रिटेंशन का कारण भी बन सकता है जिससे स्तन में सूजन बढ़ जाती है.
शरीर मुख्य रूप से पानी से बना है और जब हाइड्रेशन स्तर संतुलित नहीं होता है तो वाटर रिटेंशन की समस्या आती है. बता दें, फुलाव, मोटा होना, सूजन आदि वाटर रिटेंशन की सामान्य समस्याएं हैं. स्तनों में सूजन से राहत पाने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं, जिसमें कपड़े में बर्फ के टुकड़े लपेटकर सूजन वाली जगह पर कुछ मिनटों के लिए लगाना शामिल है. इसके अलावा कैस्टर ऑयल का इस्तेमाल किया जा सकता है, जिसमें ऐसा एसिड होता है, जो स्तन के दर्द और सूजन को दूर करने में मदद करता है. इसके लिए एक चम्मच कैस्टर ऑयल के साथ दो चम्मच कोई भी साधारण तेल मिलाएं और इससे मसाज करें.
हालांकि, स्तन में सूजन के लक्षणों के नजर आने पर डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है. अगर पीरियड्स में हुए हार्मोनल बदलाव की वजह से यह सूजन बनी है तो डॉक्टर बर्थ कंट्रोल पिल्स लेने की सुझाव दे सकते हैं. इसकी वजह यह है कि यह स्तन में सूजन के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है. अगर यह सूजन संक्रमण के कारण है, तो डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाएं दे सकते हैं. खास बात यह है कि सूजन का कारण अगर कैंसर हुआ तो समय पर इसकी स्थिति के बारे में पता चल सकता है और डॉक्टर उसके हिसाब से थेरपी या सर्जरी की सलाह दे सकते हैं.
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