ब्लीडिंग कितने दिन तक रहती है?pregnancytips.in

Posted on Thu 13th Oct 2022 : 16:25

भारी माहवारी क्या होती है?

भारी पीरियड्स(भारी मासिक) को मीनोरेजिया(menorrhagia) भी कहा जाता है, जब एक महिला को लगातार पीरियड्स (मासिक) के दौरान बहुत ज्यादा खून आता है, तो उसे हैवी पीरियड्स या मीनोरेजिया कहते हैं।

मेनोरेजिया स्वयं या अन्य लक्षणों के साथ संयोजन में हो सकता है, जैसे कि मासिक धर्म में दर्द (dysmenorrhoea
)। भारी रक्तस्राव का मतलब जरूरी नहीं है कि कुछ भी गंभीर रूप से गलत है, लेकिन यह एक महिला को शारीरिक, भावनात्मक और सामाजिक रूप से प्रभावित कर सकता है, और रोजमर्रा की जिंदगी में व्यवधान पैदा कर सकता है।

अगर आप अपने पीरियड्स के दौरान या बीच में ज्यादा ब्लीडिंग को लेकर चिंतित हैं तो अपने डॉक्टर को दिखाएं।
पीरियड में कितना भारी रक्त्स्त्राव हो सकता है?

बिल्कुल ठीक-ठीक ये बता पाना मुश्किल है कि भारी माहवारी कितनी मात्रा में होती है क्योंकि पीरियड के दौरान हर महिला में खून निकलने की मात्रा बहुत अलग-अलग होती है।

एक अवधि के दौरान निकलने वाले रक्त की औसत मात्रा 30-40 मिली(मिली लीटर) होती है, जिसमें दस में से नौ महिलाओं को 80 मिलीलीटर से कम रक्तस्त्राव होता है। इसलिए, प्रत्येक चक्र में भारी मासिक धर्म रक्तस्राव 60-80 मिलीलीटर या उससे अधिक माना जाता है।

हालांकि, शायद ही कभी मासिक धर्म में होने वाली रक्त हानि को नापने की जरूरत पड़ती है। अधिकांश महिलाओं को ये बात अच्छी तरह पता होती है कि पीरियड के दौरान उनके लिए कितनी ब्लीडिंग सामान्य है। और अगर यह मात्रा कम या ज्यादा होती है, तो वे बता सकती हैं।

एक संकेत जिससे ज्ञात हो कि आपके रक्त की हानि अत्यधिक है यदि:

आपको लगता है कि आप असामान्य रूप से अधिक संख्या में टैम्पोन या पैड का उपयोग कर रहे हैं
आप अपने कपड़ों या बिस्तर पर भी ब्लीडिंग का अनुभव करती हैं।
आपको टैम्पोन व तौलिया एक साथ उपयोग करना पड़ता है।

भारी माहवारी क्यों होती है?

अधिकांश मामलों में, हैवी पीरियड्स का कोई विशेष कारण समझ में नहीं आता है। हालांकि, कुछ स्थितियां और इलाज मीनोरेजिया से जुड़े होते हैं, इनमें शामिल हैं-

यूटरिन फाइब्रॉयड(uterine fibroids
)
पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस)(polycystic ovary syndrome (PCOS)
)
इंट्रायूटरिन कंट्रासेप्टिव डिवाइसेज(intrauterine contraceptive devices (IUDs)
)
एंटीकोयगुलांट दवाएं(anticoagulant medication
)

भारी पीरियड्स के कारणों के बारे में और पढ़ें-
हैवी पीरियड्स का निदान

आपका डॉक्टर को सिर्फ़ आपके लक्षणों से भारी माहवारी का निदान करने में सक्षम होना चाहिए।

आपके मीनोरेजिया(menorrhagia) का कारण पता लगाने के लिए कभी-कभी आगे जांच की जरूरत पड़ सकती है। अमूमन, इसमें पेल्विक (श्रोणि) और खून की जांच की जाती है।

अगर फिर भी कारण का पता नहीं चलता है, तो आपको अल्ट्रासाउंड स्कैन कराना पड़ सकता है।

हैवी पीरियड्स के परीक्षण के बारे में और पढ़ें
भारी माहवारी का इलाज

कुछ मामलों में, पीरियड्स यानी भारी माहवारी के लिए इलाज कराने की जरूरत नहीं पड़ती है, क्योंकि थोड़ी-बहुत कम-ज्यादा ब्लीडिंग होना सामान्य है और यह आपकी जीवनशैली पर असर नहीं डालता है

यदि उपचार आवश्यक है, तो दवा का सबसे अधिक उपयोग किया जाता है। हालांकि, आपके लिए सबसे उपयुक्त दवा खोजने में थोड़ा समय लग सकता है, क्योंकि उनकी प्रभावशीलता सभी के लिए अलग-अलग होती है और कुछ गर्भ निरोधकों के रूप में भी काम करते हैं। यदि दवा काम नहीं करती है, तो सर्जरी भी एक विकल्प हो सकता है।

हैवी पीरियड्स के इलाज के बारे में और पढ़े
भारी पीरियड्स के कारण

भारी पीरियड्स (मीनोरेजिया) के 40 से 60 फीसदी मामलों में कोई विशेष कारण पता नहीं चलता है। इसके अलावा, भारी पीरियड्स के संभावित कारणों में ये शामिल हैं:

सर्विकल या एंडोमेट्रियल पॉलिप्स(cervical or endometrial polyps)- गर्भाशय या सर्विक्स(गर्भाशय ग्रीवा) की आंतरिक परत में गैर कैंसरकारी कोशिकाएं विकसित होना
एंडोमेट्रियोसिस(endometriosis
) : जब गर्भाशय की कोशिकाओं के छोटे टुकड़े गर्भाशय के बाहर फैलने लगते हैं, जैसे- फैलोपियन ट्यूब, अंडाशय, मूत्राशय या योनि में
यूटरिन फाइब्रॉयड (fibroids
): गर्भाशय में ग़ैर कैन्सरस कोशिकाओं का विकसित होना, जो श्रोणि (पेल्विक) में दर्द की वजह बनती हैं
इंट्रायूटरिन कंट्रासेप्टिव डिवाइसेज (IUD) (द क्वाइल के नाम से भी जानी जाती है):
सर्विकल या एंडोमेट्रियल पॉलिप्स(cervical or endometrial polyps)- गर्भाशय या सर्विक्स(गर्भाशय ग्रीवा) की आंतरिक परत में गैर कैंसरकारी कोशिकाएं विकसित होना
एंडोमेट्रियोसिस(endometriosis
) : जब गर्भाशय की कोशिकाओं के छोटे टुकड़े गर्भाशय के बाहर फैलने लगते हैं, जैसे- फैलोपियन ट्यूब, अंडाशय, मूत्राशय या योनि में
यूटरिन फाइब्रॉयड (fibroids
): गर्भाशय में ग़ैर कैन्सरस कोशिकाओं का विकसित होना, जो श्रोणि (पेल्विक) में दर्द की वजह बनती हैं
इंट्रायूटरिन कंट्रासेप्टिव डिवाइसेज (IUD) (द क्वाइल के नाम से भी जानी जाती है): आईयूडी डालने के बाद 40 से 50 फीसदी तक रक्त हानि बढ़ सकती है।
पेल्विक इंफ्लामेंट्री डिजीज (PID): पेल्विस (श्रोणि) में लगातार संक्रमण (इंफेक्शन) जो श्रोणि में दर्द, बुखार और यौन संबंध बनाने के बाद या पीरियड्स के बीच ब्लीडिंग का कारण बनता है।
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम(पीसीओएस): पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं के अंडाशय में खास तौर से कई गांठें बनती हैं।
खून का थक्का जमने की विकृति जैसे- वॉन विलेब्रांड डिजीज( von Willebrand disease
)
एडिनोमायोसिस(adenomyosis) - जब गर्भाशय सतह की ग्रंथियां गर्भाशय की मांसपेशी में अंत:स्थापित हो जाती है
एक अंडरएक्टिव थायराइड ग्रंथि (हाइपोथायराइडिज्म): यह थकान, कब्ज, असहनीय ठंड और बालों व त्वचा में बदलावों का कारण बन सकती है
लिवर (यकृत) या किडनी (गुर्दा) की बीमारी
गर्भाशय का कैंसर (हालांकि, यह बहुत दुर्लभ है)

इलाज, जिनकी वजह से भारी पीरियड्स हो सकते हैं

भारी मासिक धर्म कभी-कभी चिकित्सा उपचार के कारण हो सकता है। इनमें शामिल हो सकते हैं:

एंटीकोएगुलांट दवाएं(anticoagulant medicines
)- खून का थक्का जमने की क्षमता कम करने के लिए दी जाने वाली दवा
कीमोथेरेपी (कैंसर का इलाज)

भारी पीरियड्स का परीक्षण

अगर आपको ऐसा महसूस होता है कि आपका पीरियड सामान्य से ज्यादा हो रहा है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें। आपके डॉक्टर समस्या की जांच करेंगे और इसके बाद इलाज करेंगे।

आपके पीरियड्स और मेडिकल हिस्ट्री के बारे में जानकारी लेने के बाद हैवी पीरियड्स (menorrhagia) की पहचान तब होती है, जब आप और आपके डॉक्टर इस बात पर सहमत हों कि मासिक चक्र में ज्यादा ब्लीडिंग हो रही है।
डॉक्टर से परामर्श

आपके भारी पीरियड्स के कारण का पता लगाने के लिए आपके डॉक्टर इन चीजों के बारे में पूछेंगे:

आपकी मेडिकल हिस्ट्री
आपकी ब्लीडिंग(रक्तस्राव) का प्रकार
कोई संबंधित लक्षण, जो आपको हो

वे आपके पीरियड्स के बारे में ये सवाल भी पूछेंगे:

आमतौर पर आपका पीरियड कितने दिनों तक रहता है?
आपको कितनी ब्लीडिंग होती है?
आपको अपना टैम्पोन या सैनिटरी पैड कितनी बार बदलना पड़ता है?
आपने फ्लडिंग का अनुभव किया है या नहीं (यानी इतनी ज्यादा ब्लीडिंग कि आपके कपड़े या बिस्तर खराब हो गए हों)
आपके हैवी पीरियड्स से आपकी रोजमर्रा की जिंदगी पर क्या असर पड़ रहा है?

आपके डॉक्टर यह भी जानना चाहेंगे कि क्या आपको पीरियड्स के बीच में (दो मासिक चक्र के बीच की अवधि) या यौन संबंध बनाने के बाद (postcoital bleeding) कोई ब्लीडिंग हुई है। आपने श्रोणि में किसी तरह का दर्द महसूस किया है या नहीं।

आपके मीनोरेजिया का कारण पता करने में मदद के लिए आपकी शारीरिक जांच की जा सकती है। खास तौर से अगर आपकी श्रोणि में दर्द होता है या पीरियड्स के बीच या यौन संबंध बनाने के बाद ब्लीडिंग होती है।

आपके डॉक्टर संभवत: यह भी जानना चाहेंगे कि आप अभी कौन-सा गर्भनिरोधक इस्तेमाल कर रही हैं, आप उसे बदलने की सोच रही हैं या नहीं और आपकी भविष्य में बच्चा पैदा करने की कोई योजना है या नहीं। अगर पिछली बार आपने सर्विकल स्क्रीनिंग टेस्ट कराया था, तो उसे भी देखा जाएगा।

आखिर में वे आपसे आपके परिवार की हिस्ट्री के बारे में पूछेंगे ताकि इसके लिए जिम्मेदार किसी आनुवांशिक कारण को खारिज किया जा सके, जैसे- वॉन विलेब्रांड डिजीज, जो परिवारों के बीच होती है और ठीक तरीके से खून जमाने की क्षमता पर असर डालती है।
आगे की जांच

आपकी मेडिकल हिस्ट्री और आपकी शुरुआती शारीरिक जांच पर निर्भर करता है कि आपके भारी पीरियड्स का कारण जानने के लिए आगे जांच की जरूरत है या नहीं। बतौर उदाहरण- अगर आप दो पीरियड्स के बीच में या यौन संबंध के बाद ब्लीडिंग का अनुभव करती हैं या श्रोणि में दर्द होता है, तो किसी गंभीर बीमारी, जैसे : कैंसर (जो बहुत दुर्लभ है) का संदेह मिटाने के लिए आगे जांच करने की जरूरत होगी।
पेल्विक की जांच

अगर आपके पेल्विक की जांच करने की जरूरत पड़ती है तो आपके डॉक्टर पूछेंगे कि क्या आप किसी महिला सहयोगी की उपस्थिति चाहती हैं। पेल्विक जांच मे ये शामिल हैं:

योनिमुख की जांच: आपके योनिमुख (बाहरी यौन अंग) की जांच ताकि बाहरी रक्तस्राव और संक्रमण के संकेतों का प्रमाण मिल सके, जैसे- वजाइनल डिस्चार्ज (योनि से रिसाव)
आपकी योनि और सर्विक्स (गर्भाशय ग्रीवा) की स्पेकुलम से जांच : स्पेकुलम एक मेडिकल उपकरण होता है जो योनि और सर्विक्स (गर्भाशय ग्रीवा) की जांच में इस्तेमाल होता है।

बाईमैनुअल पल्पेसन : इसमें उंगलियों का इस्तेमाल करके आपकी योनि की आंतरिक जांच की जाती है। ताकि ये पता लग सके कि आपका गर्भाशय या अंडाशय नरम या बढ़ गया है।

पेल्विक जांच केवल उन्हीं हेल्थेकेयर पेशेवरों से ही करानी चाहिए, जो ऐसा करने की योग्यता रखते हों। जैसे: डॉक्टर या गाइनीकोलॉजिस्ट यानी स्त्री रोग विशेषज्ञ (महिलाओं की प्रजनन प्रणाली की विशेषज्ञ)।

पेल्विक जांच करने से पहले हेल्थकेयर पेशेवर आपको इसकी पूरी प्रक्रिया के बारे में बताएंगे और ये क्यों जरूरी है, इसकी वजह भी बताएंगे। आपको जिस भी बारे में संदेह हो उस बारे में उनसे पूछना चाहिए। पेल्विक जांच आपकी अनुमति के बिना नहीं की जानी चाहिए।

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