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बार-बार खराब हो जाता है बच्चे का पेट, टेंशन लेने की बजाय इन घरेलू नुस्खों से करें पेट को ठीक
छोटे बच्चों का पाचन तंत्र पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ होता है। यही कारण है कि अक्सर उन्हें पाचन संबंधी समस्या बनी रहती है। कुछ घरेलू उपायों की मदद से उनके पाचन को मजबूत बनाया जा सकता है।
बार-बार खराब हो जाता है बच्चे का पेट, टेंशन लेने की बजाय इन घरेलू नुस्खों से करें पेट को ठीक
मातृत्व अपने साथ कई तरह की चुनौतियां और चिंताएं लेकर आता है। इन्हीं में से एक बच्चे का स्वास्थ्य है। मां के सामने हमेशा यह सवाल रहता है कि क्या उसका बच्चा ठीक है? खासकर छोटे बच्चे का स्वास्थ्य मां के लिए चिंता का सबब होता है। छोटे बच्चे अक्सर पेट दर्द, अपच जैसी समस्याओं से दोचार रहते हैं। आज हम तमाम मांओं के लिए इसी समस्या का समाधान लेकर आए हैं। हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपाय बताएंगे, जिन्हें आजमाकर आपके बच्चे की पाचन क्रिया बेहतर हो जाएगी।
अगर आपका बच्चा अक्सर पेट दर्द, कब्ज, डायरिया से परेशान रहता है, तो संभवत: उसकी पाचन शक्ति कमजोर है। मौजूद है बच्चे के पाचन तंत्र को मजबूत करने के लिए कुछ घरेलू उपाय।
गर्म सिकाई करें
गर्म सिकाई की मदद से बच्चे का पेट पूरी तरह ठीक हो जाएगा। इससे बच्चे को आराम भी मिलेगा। गर्म सिकाई के लिए एक बर्तन में गर्म पानी और एक छोटा सा नर्म कपड़ा या तौलिया लें।
कपड़े को गर्म पानी में भिगोकर अच्छी तरह निचोड़ लें। ध्यान रहे कपड़े से पानी टिपटिप करके न गिरे। गीले गुनगुने कपड़े को बच्चे के पेट पर रखें। हल्के हाथों से दबाव बनाएं।
दो से तीन मिनट तक ऐसा करें। आप ऐसा एक दिन में दो-तीन बार कर सकती हैं। बच्चे का पेट दर्द या पेट संबंधी अन्य समस्याओं के लक्षण कम हो जाएंगे।
डकार दिलवाएं
मां का दूध पीते समय या बोतल में दूध पीते समय बच्चे बहुत सारा हवा भी अपने अंदर ले लेते हैं। पेट में फसी हवा के कारण बच्चे के पेट में दर्द होने लगता है।
इससे बच्चा काफी असहज और परेशान हो उठता है। इस समस्या से पार पाने का सबसे आसान और बेहतरीन तरीका है बच्चे को दूध पिलाने के बाद डकार दिलवाएं।
इसके लिए बच्चे को अपनी गोद में इस तरह उठाएं कि उसका सिर आपके कंधे पर हो। एक हाथ से उसकी पीठ को पकड़ें जबकि दसरे हाथ से उसकी गर्दन को सपोर्ट दें। हल्के हाथों से पीठ सहलाएं। कुछ देर में अपने आप उसकी डकार निकल आएगी।
स्तनपान कराएं
छह माह तक की उम्र के बच्चों को सिर्फ और सिर्फ मां का दूध ही पिलाना चाहिए। इस उम्र के बच्चों का पाचन तंत्र बहुत ही ज्यादा कमजोर होता है। यदि उन्हें बाहरी चीज पिलाई जाए, तो इससे उनकी तबियत बिगड़ सकती है। मां को यही सलाह दी जाती है कि वह बच्चे को अपना दूध पिलाएं।
मां के दूध से ही बच्चे को सभी जरूरी पोषक तत्व मिल जाते हैं। इतना ही नहीं मां का दूध बच्चे को पेट संबंधी समस्याओं से भी दूर रखता है।
दही खिलाएं
दही में अच्छे बैक्टीरिया और प्रोबायोटिक्स होते हैं। ये पाचनतंत्र के लिए काफी फायदेमंद हैं। यदि आपके बच्चे को उल्टी, दस्त या कब्ज की शिकायत है तो उसे दही दें। दही इन सब समस्याओं का एक इलाज है। जैसा कि बार-बार यह बताया जा रहा है कि बच्चे का पाचन तंत्र अभी कमजोर है, इसलिए उसे गाढ़ी दही न पिलाएं।
इसके बजाय दही में थोड़ा सा पानी डालकर इसे पतला कर दें। इस दही को बच्चे को दें। दिन में कई बार दे सकती हैं। इससे बच्चे को आराम मिलेगा। यदि आपका बच्चा 6 माह से छोटा है, तो उसे दही देने से पहले डाॅक्टर से पूछ लें।
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