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जब दूध पीते समय शिशु मुंह में ज्यादा दूध भर लेता है, तो ऐसे में उसका दम घुट सकता है। ज्यादा दूध पीने से श्वसन मार्ग भर सकता है और हवा का प्रवाह अवरूद्ध हो सकता है जिससे दम घुटता है। शिशु को सांस न आने पर दूध निकालते और खांसता देख, किसी भी मां का दिल दुखेगा। हालांकि, अगर आप ये समझ लें कि ऐसा क्यों होता है तो आप काफी हद तक इस परेशानी से अपने शिशु को बचा सकती हैं।
ब्रेस्टफीडिंग के समय क्यों घुटता है दम
कुछ परिस्थितियों में दूध पीते समय शिशु का दम घुट सकता है। ब्रेस्टफीडिंग की गलत पोजीशन के साथ ज्यादा दूध पिलाने पर ऐसा ज्यादा होता है।
कुछ महिलाएं सोचती हैं कि बच्चे को कम दूध पिलाने से बेहतर है ज्यादा दूध पिलाना। अगर आप शिशु को ज्यादा दूध पिला रही हैं तो इसमें अलग-अलग पोजीशन अपनाएं जिससे बच्चा आराम से दूध पी सके।
ब्रेस्ट में ज्यादा दूध आने पर दूध तेजी से बहता है जिसे शिशु ठीक तरह से नहीं ले पाता है। ब्रेस्टफीडिंग के समय गला घुटना, खांसना, दूध के बहाव को कम करने के लिए शिशु का निप्पल को दबाना, अक्सर ब्रेस्ट से दूर हो जाना, बार-बार दूध निकालना, दूध पीते समय आवाज निकालना और शिशु के दूध पीने से मन करने पर समझ लें कि आपकी ब्रेस्ट से ज्यादा दूध निकल रहा है जिससे बच्चे का दम घुट सकता है।
क्या है बचने का तरीका
ऐसे कई तरीके मौजूद हैं जिनकी मदद से आप दूध पिलाते समय शिशु का दम घुटने से रोक सकती हैं।
अगर आपकी ब्रेस्ट में ज्यादा दूध बन रहा है, तो इसे कम करने की कोशिश करें। दाईं ब्रेस्ट से दूध पिलाने पर बाईं ब्रेस्ट की निप्पल को हथेली से दबाएं और पांच तक गिनती करें। हर बार दूध पिलाने पर ऐसा करें। इससे ब्रेस्ट पर प्रेशर पड़ता है जो शरीर को उस ब्रेस्ट में ज्यादा दूध न बनाने का संकेत देता है।
आपको यह पता होना चाहिए कि बच्चा ब्रेस्ट से ठीक तरह से दूध खींच पा रहा है या नहीं क्योंकि जब बच्चा निप्पल से गहराई से दूध नहीं खींच पाता है, तब भी अक्सर दूध पीने के दौरान उसका दम घुट सकता है। ठीक तरह से दूध को न खींचने पर, दूध सीधा गले में जाता है और मुंह में इकट्ठा हो जाता है।
शिशु को ऐसे बचा सकती हैं
इसके अलावा और भी कई तरीके हैं जिनकी मदद से शिशु को दूध पीते समय दम घुटने से बचाया जा सकता है, जैसे कि : शिशु को ऊपर की ओर उठाकर दूध पिलाना भी फायदेमंद होता है क्योंकि इससे दूध का बहाव ग्रैविटी के विपरीत होता है और दूध नीचे की ओर नहीं बहता।
मां पीठ के बल लेट जाए और शिशु को अपने ऊपर रखे, बेबी का पेट मां के पेट को छूना चाहिए। इससे दूध की नलिकाएं ब्लॉक हो सकती हैं इसलिए इस पोजीशन में ज्यादा बार दूध न पिलाएं।
ब्रेस्ट में ठीक फील न होने पर आप बोतल में ब्रेस्ट मिल्क निकाल कर रख सकती हैं। इससे आप शिशु की जरूरत के अनुसार उसे दूध पिला सकती हैं।
ब्रेस्ट को दबाएं नहीं क्योंकि इससे भी स्तनों में दूध का उत्पादन उत्तेजित हो सकता है।
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