यूट्रस का बाहर आना?pregnancytips.in

Posted on Sat 18th Apr 2020 : 20:07

हंसते और खांसने पर पेशाब आना बच्चेदानी बाहर आने के हैं लक्षण, जानें कारण और बचाव टिप्स

यूटरस का बाहर आना: नॉर्मल डिलीवरी वाली महिलाओं में 40 की उम्र के बाद बच्चेदानी बाहर आने की समस्या ( Uterine Prolapse) अक्सर देखी जाती है। दरअसल, ये यूटरस की मांसपेशियां ढीली होने के कारण होती है। ऐसे में शरीर में बच्चेदानी बाहर आने के कई लक्षण नजर आते हैं।

यूटेरिन प्रोलैप्स या कहें यूटरस का बाहर आना (Uterus prolapse in hindi) एक ऐसी समस्या है जिसके बारे में ज्यादातर महिलाओं को पता नहीं होता। इस समस्या में महिलाओं की बच्चेदानी बाहर की ओर आने लगती है। दरअसल,यूटेरिन प्रोलैप्स की ये समस्या 40 के बाद और 50 से 60 की आयु की लगभग आधी महिलाओं को होती है। इसमें गर्भाशय आगे खिसकता है और बाहर की ओर बढ़ने लगता है। इसकी वजह से महिलाएं अपना पेशाब नहीं रोक पातीं, वे हमेशा ब्लॉटिंग और गैस की शिकायत करती है, साथ ही शरीर में में कई समस्याओं से भी परेशान रहती हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप जानें कि यूटरस बाहर आने का कारण क्या है, लक्षण क्या है और महिलाएं इस समस्या से कैसे बच सकती हैं।
यूटरस बाहर आने का कारण-Uterus Prolapse causes

बच्चेदानी बाहर की ओर तब निकलने लगती है जब आपकी पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां और टिशूज कमजोर हो जाती हैं। ऐसे में ये मांसपेशियां बच्चेदानी को छोड़ने लगती हैं और ये बाहर की ओर आ जाती है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। जैसे कि

-उम्र बढ़ना खास कर कि 40 के बाद की महिलाओं में ये समस्या ज्यादा होती है।
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- 2 से 3 बच्चे की मां बनी महिलाओं में जो कि नॉर्मल डिलीवरी (normal delivery) से गुजरी हों।

- वजन बढ़ने पर

-एक्सरसाइज की कमी से

बच्चेदानी बाहर आने के लक्षण-Uterus Prolapse symptoms
1. हंसने और खांसने पर भी पेशाब आ जाना (urine leakage in ladies)

बच्चेदानी जब बढ़ने लगती है और बाहर निकलने लगती है तो इससे पेल्विक एरिया के अंग जैसे वजाइना और ब्लैडर पर जोड़ पड़ता है। ऐसे में जब बच्चीदानी नीचे खिसकती है और ब्लैडर पर दबाव बनाता है तो महिलाओं में पेशाब रोकने में समस्या होती है। ऐसे में हंसने और खांसने पर भी यूरिन लीक हो जाता है।
2. ब्लॉटिंग रहना (bloating in women)

महिलाओं में बच्चेदानी के बाहर आने से ब्लॉटिंग की समस्या बढ़ जाती है। दरअसल, बच्चेदानी जब नीचे आता है तो य निचले अंगों पर दवाब बनाता है और आंतों और किडनी के काम काज को प्रभावित करता है। इसके कारण पेट और पाचनतंत्र भी प्रभावित हो जाता है, खाना धीमे-धीमे पचता है और ब्लॉटिंग की समस्या बढ़ जाती है।
3. कब्ज की समस्या का लगातार रहना (constant constipation)

महिलाएं एक उम्र के बाद कब्ज की समस्या ज्यादा करती हैं। वो बताती हैं कि उन्हें रेगुलर कब्ज रहता है। ऐसे में इसके पीछे एक कारण यूटरस का बाहर आना हो सकता है। दरअसल, जब यूटरस बाहर आने लगता है तो मेटाबोलिक रेट और बॉवेल मूवमेंट स्लो हो जाता है और कब्ज की समस्या बढ़ जाती है।
4. हिप्स और पेट का ज्यादा बाहर निकला (Hips and stomach protrude more)

क्या आपने कभी गौर किया है कि एक समय के बाद महिलाओं में हिप्स और पेट बाहर क्यों निकल जाते हैं। इसके पीछे एक बड़ा कारण है यूटेरिन प्रोलैप्स। दरअसल, जब बच्चेदानी बाहर की ओर आने लगती है तो महिलाओं के पॉस्चर में बदलाव आने लगता है। साथ ही खराब मेटाबोलिज्म के कारणवजन बढ़ने लगता है और पेट आगे की ओर निकल जाता है। जब पेट आगे की ओर निकलता है तो इसे बैलेंस करने के लिए हिप्स बाहर की ओर निकलने लगता है।
5. कमर दर्द की समस्या (Back Pain)

बच्चेदानी बाहर आने के लक्षणों में एक बड़ा लक्षण है कमर दर्द की समस्या। दरअसल, बच्चेदानी बाहर आने से शरीर के निचले भागों का काम काज प्रभावित हो जाता है जिसकी वजह से पहले तो वजन बढ़ता है और फिर इन अंगों के भार से कमर दर्द की समस्या बढ़ जाती है।
यूटेरिन प्रोलैप्स से बचाव के टिप्स-Uterus prolapse prevention Tips

यूटेरिन प्रोलैप्स से बचाव के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। जैसे कि

-रेगुलर कीगल एक्सरसाइज (kegel exercise for woman) करें। ये पेल्विक फ्लोर को मजबूत करने में मदद करती है।

-शरीर के निचले हिस्से को मजबूत करने वाले योग जैसे कि तितली आसन करें।

-फाइबर से भरपूर फूड्स का सेवन करें।

-हिप्स निकाल कर ना चलें और इसके लिए ढंग के चप्पल पहनें।

-ज्यादा से ज्यादा एक्टिव रहें।

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