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जन्म के बाद शुरूआत के छह से आठ महीनों में शिशु को दिन में दो से तीन बार, नौ से 11 महीनों में दिन में तीन से चार बार और 12-24 महीनों के बीच में शिशु को दिन में एक से दो बार ब्रेस्ट मिल्क के अलावा कुछ पौष्टिक स्नैक्स देने चाहिए।
नवजात शिशु की देखरेख कैसे करें?
नवजात शिशु को कैसे पकड़ें?
नवजात शिशु का पालन पोषण कैसे करें?
नवजात शिशु की देखरेख के लिए स्वैडलिंग है जरूरी।
डायपर बदलते समय क्या करें और क्या नहीं?
नवजात शिशु की देखरेख के लिए कैसे ध्यान रखें गर्भनाल की सफाई का?
नवजात शिशु को स्तनपान कराते समय किन बातों का रखें ध्यान?
नवजात शिशु की देखरेख कैसे करें? (Newborn baby care tips)
शिशु के जन्म के तुरंत बाद सबसे पहले फीडिंग एक्सपर्ट से सलाह लें और समझें कि नवजात शिशु को कैसे दूध पिलाना है? स्तनपान कराते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना है इस बारे में घर के बड़े लोग भी आपकी मदद कर सकते हैं। ज्यादा लोगों से नवजात शिशु को दूर रखें क्योंकि इससे इंफेक्शन का खतरा रहता है।
न्यू बोर्न बेबी केयर टिप्स: नवजात शिशु का पालन पोषण :
नवजात शिशु की देखरेख के समय याद रखें कि शिशु को मां के पास ही रहने दें क्योंकि मां के शरीर से बच्चे को गर्मी मिलती है।
जन्म के आधे घंटे के अंदर शिशु को मां का दूध पिलाना चाहिए। मां का पहला पीला दूध जिसे कोलोस्ट्रम कहते हैं, शिशु को कई बीमारियों से लड़ने की शक्ति देता है। जन्म के बाद के छह महीने तक बच्चे के लिए मां का दूध (Mother’s milk) ही संपूर्ण आहार है। शुरूआती छह महीनों तक स्तनपान करने वाले शिशु अच्छी तरह से विकसित होते हैं। संक्रमण से उनका बचाव होता है।
न्यू बोर्न बेबी केयर टिप्स के दौरान इस बात का ख्याल रखें कि शिशु को पहले 6 महीने में पानी नहीं पिलाना चाहिए। यह लोगों के बीच गलत धारणा है कि स्तपान के बाद भी बच्चों को प्यास लगती है।
छह महीने से ऊपर के बच्चे को मां के दूध के अलावा ऊपरी आहार भी देना चाहिए।
जन्म के तुरंत बाद शिशु को पोलियो की दवा, बीसीजी और हेपेटाइटिस का टीका लगवाना चाहिए।
सभी नवजात शिशुओं की बेबी मसाज ऑयल से मालिश करना चाहिए। इससे शिशु की मांसपेशियां और हड्डियां मजबूत होती हैं। मालिश करते समय ध्यान रखें कि हल्के-हल्के हाथों से ही मालिश करें।
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