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त्रिफला है बच्चों के कब्ज की दवा (Triphala: Home Remedies to Treat Children Constipation in Hindi) कब्ज का आयुर्वेदिक तरीके से इलाज करने के लिए त्रिफला का प्रयोग करें। त्रिफला कब्ज के लिए सबसे सही हर्बल इलाज है। कब्ज से ग्रसित बच्चे को एक चम्मच त्रिफला पानी, या दूध में मिलाकर सोने से पहले दें।
शिशु का कब्ज उपचार कैसे करना चाहिए?
शिशु की असहजता कम करने के लिए कोई भी उपाय आजमान से पहले डॉक्टर से बात करें। हो सकता है डॉक्टर शिशु को जांच के लिए बुलाएं। डॉक्टर निम्नांकित कुछ घरेलू उपचारों को बारे में सलाह दे सकते हैं:
शिशु की टांगों को साइकिल चलाने के ढंग से घुमाएं इससे उसकी सख्त पॉटी बड़ी आंत में से नरम होकर थोड़ा खिसकना शुरु हो सकेगी। शिशु को पाचन से जुड़ी समस्याओं से राहत देने की लिए हमारे इस छोटे वीडियो में मालिश की तकनीकें सीखें। जब शिशु असहज हो, तो उसे तुरंत आराम देने के लिए अक्सर मालिश की ये तकनीकें आजमाई जा सकती हैं। कब्ज से बचाव के लिए भी ये अच्छा उपाय हैं, इसलिए रोजाना शिशु की मालिश के दौरान नियमित तौर पर इन्हें करें, ताकि शिशु को इसका अधिकतम फायदा मिल सके।
अगर आपका शिशु फॉर्मूला दूध पीता है, तो उसे एक से दूसरे फीड के बीच अतिरिक्त पानी देती रहें। मगर, इसके लिए फॉर्मूला दूध में ही ज्यादा पानी न मिलाएं। वहीं, बहुत ज्यादा दूध पाउडर शिशु के शरीर में पानी की कमी कर सकता है, जिससे कब्ज हो सकता है। डॉक्टर आपको अलग ब्रांड का फॉर्मूला दूध आजमाने की सलाह दे सकते हैं।
अगर आपके शिशु ने ठोस आहार लेना शुरु कर दिया है, तो उसे पर्याप्त मात्रा में उबालकर ठंडा किया गया पानी और फलों का जलमिश्रित रस दें। आप उसे दो छोटी चम्मच सूखे आलूबुखारे (प्रून) का रस भी दे सकती हैं। आप एक गिलास पानी में दो से तीन छोटी चम्मच चीनी मिलाकर भी शिशु को दे सकती हैं। कभी-कभार पानी में चीनी मिलाकर भी शिशु को दिया जा सकता है, मगर ऐसा शिशु के डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
अपने थोड़े बड़े शिशु के आहार में पर्याप्त मात्रा में फाइबर शामिल करने स मदद मिल सकती है। प्यूरी बनाकर या छोटे-छोटे हिस्सों में काटकर सेब, आड़ू, अंगूर, नाशपति, आलूबुखारा, किशमिश, रसभरी, स्ट्रॉबेरी शिशु को दी जा सकती है। इन सभी में फाइबर उच्च मात्रा में होता है। मुनक्का की प्यूरी को विशेषकर फायदेमंद माना गया है। आप शिशु के नियमित सीरियल में एक या दो चम्मच यह प्यूरी मिला सकती हैं। पालक, मटर, पत्तागोभी जैसी सब्जियां फाइबर से भरपूर होती हैं, इसलिए इन्हें शिशु के आहार में शामिल करें। आप शिशु के सामान्य ब्रेकफास्ट सीरियल में थोड़ी मात्रा में उच्च फाइबर वाले सीरियल भी शामिल कर सकती हैं।
यदि ये घरेलू उपचार काम न करें या फिर शिशु का बहुत ज्यादा कब्ज हो तो डॉक्टर रेचक (लैग्जेटिव) लेने की सलाह दे सकते हैं शिशु को किसी भी तरह का लैग्जेटिव या सपोजिटरी देने से पहले डॉक्टर से पूछ लें, चाहे फिर वह रेचक जड़ी-बूटी (हर्बल) या होमियोपैथिक ही क्यों न हो।
इस सबके बावजूद, शिशु को कब्ज होने पर कोशिश करें कि आप ज्यादा चिंतित न हों। शिशुओं को यदा-कदा कब्ज हो ही जाता है, खासकर कि यदि वह फॉर्मूला दूध पी रहा हो या उसने ठोस आहार खाना शुरु किया हो। आपके ध्यान, उपचार और समय के साथ जल्द ही शिशु दोबारा सामान्य और नियमित मलत्याग करने लगेगा।
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