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गर्भवती महिला का वजन कितना होना चाहिए
गर्भवती महिला का वजन कितना होना चाहिए महीने के हिसाब से, प्रेगनेंसी के दौरान महिला का वजन, गर्भावस्था के समय महिला का वजन कितना होना चाहिए, प्रेगनेंसी में महिला का कितना वजन बढ़ता है
महिला प्रेगनेंसी के दौरान बहुत से शारीरिक बदलाव से गुजरती है, जैसे की महिला के ब्रेस्ट में बदलाव, कूल्हे व् जांघो का भारी महसूस होना, पेट का बाहर आना, आदि। ऐसे में महिला का वजन बढ़ना सामान्य बात होती है, लेकिन प्रेगनेंसी के दौरान महिला का औसतन वजन कितना बढ़ना चाहिए आज हम इस बारे में आपको बताने जा रहे हैं। प्रेगनेंसी के दौरान बॉडी में ब्लड की मात्रा बढ़ती है, गर्भाशय में मौजूद एमनियोटिक फ्लूड का वजन होता है, गर्भ में शिशु का भार होता है, महिला के शरीर का वजन भी बढ़ता है, ऐसे में औसतन महिला का बारह किलोग्राम तक वजन बढ़ सकता है।
और ऐसा भी जरुरी नहीं है की हर महिला का वजन एक जैसा ही बढे, यह हर महिला के शरीर में होने वाले बदलाव और महिला की शारीरिक सरंचना पर निर्भर करता है। कम से कम आठ और ज्यादा से ज्यादा सोलह किलोग्राम तक महिला का वजन बढ़ना सही होता है। प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में ज्यादा वजन नहीं बढ़ता है, क्योंकि इस दौरान केवल शिशु के अंग विकसित होते हैं, और बॉडी में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण महिला को बहुत सी परेशानियां भी हो जाती है, जिसके कारण वजन में एक या दो किलो तक ही बढ़ता होती है। जबकि दूसरी और तीसरी तिमाही में शिशु के अंग अच्छे से विकसित हो जाते हैं और उसके बाद शिशु का शारीरिक विकास यानी की आकार और वजन बढ़ना शुरू होता है।
इसके अलावा महिला का वजन इस बात पर भी निर्भर करता है की गर्भ में एक शिशु है या फिर जुड़वां, यदि महिला के गर्भ में एक से ज्यादा शिशु होते हैं तो महिला का वजन सोलह से अठारह किलो तक बढ़ सकता है। प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादातर लोग ऐसा मानते हैं की दुगुना खाना चाहिए, लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता है की आप सारा दिन खाते रहें। क्योंकि महिला यदि बहुत अधिक खाती है तो इसके कारण महिला का वजन बहुत अधिक बढ़ सकता है। जिसके कारण महिला को शुगर, हाई ब्लड प्रैशर, थकान, पीठ में दर्द, दूध का उत्पादन कम होना, डिलीवरी के दौरान अधिक परेशानी जैसी समस्या हो सकती है।
दूसरी तिमाही में गर्भवती महिला का वजन
प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में शिशु का शारीरिक विकास होता है, चौथे महीने के बाद से ही महिला का पेट भी थोड़ा बाहर की तरफ आने लगता है। जिसका मतलब यही होता है की शिशु का गर्भ में विकास हो रहा है। चौथे और पांचवे महीने में महिला का वजन लगभग दो से तीन किलो तक और बढ़ जाता है, और छठे महीने में दो से ढाई किलो तक महिला का वजन और भी बढ़ जाता है। इसका मतलब प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में गर्भवती महिला का वजन पांच से छह किलो तक बढ़ सकता है।
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