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चौथी बार भी करवाना पड़ा सिजेरियन, तो मां और बच्चे के सामने खड़ी हो सकती हैं कुछ ऐसी मुश्किलें
सिजेरियन डिलीवरी से रिकवर होने में महिलाओं को ज्यादा समय लगता है और नॉर्मल डिलीवरी इससे बेहतर होती है।
चौथी बार भी करवाना पड़ा सिजेरियन, तो मां और बच्चे के सामने खड़ी हो सकती हैं कुछ ऐसी मुश्किलें
डिलीवरी के समय जब पेट काटकर शिशु को बाहर निकाला जाता है, इस प्रक्रिया को सिजेरियन डिलीवरी कहते हैं। माना जाता है कि जब पहली डिलीवरी सिजेरियन हुई है, तो बाकी की भी सिजेरियन ही होती हैं। हालांकि, डॉक्टर सिर्फ तीन सिजेरियन डिलीवरी को ही सेफ मानते हैं और इसके बाद प्रेग्नेंसी रोक देने से मना करते हैं।
लेकिन क्या हो अगर आप 3 बार सी-सेक्शन करवाने के बाद चौथी बार प्रेगनेंट हो जाएं?
चौथा सी-सेक्शन है खतरनाक ?
हर बार सी-सेक्शन करवाना पहले से ज्यादा कॉम्प्लिकेशंस लेकर आता है। बार-बार सी-सेक्शन करवाने से मूत्राशय और गुदा में चोट लग सकती है और अधिक ब्लीडिंग और प्लेसेंटा में भी दिक्कत आ सकती है।
हर बार सिजेरियन डिलीवरी के साथ कई तरह के जोखिम आते हैं।
बार-बार सिजेरियन डिलीवरी होने पर हैवी ब्लीडिंग का खतरा बढ़ सकता है। ऐसा आमतौर पर तीसरे सी-सेक्शन के बाद होता है। कभी-कभी ब्लीडिंग को रोकने के लिए खून चढ़ाने या गर्भाशय को निकालने की भी जरूरत पड़ जाती है। हालांकि, ऐसा बहुत कम मामलों में होता है।
सिजेरियन ऑपरेशन ज्यादा करवाने से इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है। बैक्टीरिया वजाइना में ही रहता है और इसके गर्भाशय में आने पर ऐसा हो सकता है। टांकों पर भी संक्रमण होने का खतरा रहता है।
सिजेरियन डिलीवरी में कुछ कॉम्प्लिेकेशन आने की वजह से महिला की जान भी जा सकती है लेकिन ऐसा बहुत कम ही होता है। एक से ज्यादा कॉम्प्लिेकेशन होने पर ही जान जाने का खतरा होता है जिसमें बहुत ज्यादा इंफेक्शन होना, फेफड़े में खून का थक्का बनना या बहुत ज्यादा खून बहना शामिल है।
नॉर्मल डिलीवरी की तुलना में सी-सेक्शन से होने वाली मौतों का आंकड़ा तीन से चार गुना ज्यादा है लेकिन फिर भी इस तरह की डिलीवरी से मौत बहुत कम ही होती है।
यह भी पढ़ें : सिजेरियन डिलीवरी के कितने साल बाद बनना चाहिए दोबारा मां
कब करवानी पड़ती है सिजेरियन डिलीवरी
कई स्थितियों में सी-सेक्शन ऑपरेशन करवाने की जरूरत पड़ती है, जैसे कि :
अगर पहले भी सिजेरियन हुआ हो, तो दूसरी बार भी इसके चांसेस ज्यादा हो सकते हैं।
नॉर्मल डिलीवरी के दौरान मां से बच्चे में कुछ तरह के इंफेक्शन फैलने का डर हो।
डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर में सी-सेक्शन सुरक्षित हो सकती है।
प्लेसेंटा से गर्भाशय ग्रीवा ब्लॉक होने पर या जुड़वा या इससे ज्यादा बच्चे होने पर।
शिशु में कोई जन्म विकार हो जिसमें सिजेरियन सुरक्षित लगे।
सिजेरियन डिलीवरी से होने वाले जोखिम
सी-सेक्शन एक सामान्य प्रक्रिया है लेकिन हर सर्जरी की तरह इसके भी कुछ जोखिम होते हैं जैसे कि इंफेक्शन, हैवी ब्लीडिंग, खून के थक्के बनना, एनीस्थीासिया से रिएक्शन, मूत्राशय या आंतों का डैमेज होना और शिशु को चोट लगना।
सिजेरियन डिलीवरी के दौरान गर्भाशय को नुकसान पहुंच सकता है और आगे प्रेग्नेंसी में भी दिक्कतें आ सकती हैं। कई महिलाओं की सी-सेक्शन के बाद नॉर्मल डिलीवरी भी हो जाती है। ये आपके शरीर और स्वास्थ्य स्थिति पर भी निर्भर करता है।
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