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स्वास्थ्य मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) शिशु को शुरुआती छह महीनों तक अनन्य स्तनपान (एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफीडिंग) करवाने की सलाह देते हैं। इसके बाद स्तनपान के साथ-साथ शिशु को ठोस आहार देना शुरु किया जाना चाहिए। वे शिशु को दो साल का हो जाने तक स्तनपान करवाना जारी रखने की भी सलाह देते हैं। स्तनदूध में मौजूद पोषक तत्व उसे फायदा पहुंचाते रहेंगे और उसे जीवन की स्वस्थ शुरुआत मिलेगी।
बहरहाल, आप कितने समय तक शिशु स्तनपान करवाती हैं, यह पूरी तरह आपका निर्णय है। यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आप भावनात्मक तौर पर कैसा महसूस करती हैं और साथ ही आपकी व्यक्तिगत परिस्थितियां कैसी हैं।
यदि आपको स्तनपान करवाना अच्छा लग रहा है तो आप और आपका शिशु जब तक चाहे इसे जारी रख सकते हैं। आप शिशु को एक साल का होने तक या फिर दो साल तक भी स्तनपान करवा सकती हैं। जब तक आप दोनों तैयार न हों, इसे बंद करने की जरुरत नहीं है। फिर चाहे शिशु एक साल का हो जाए या फिर दो साल का भी।
छह महीने का होने पर जब आपका शिशु ठोस आहार खाना शुरु कर देता है, तो भी आप उसे स्तनपान करवाना जारी रख सकती हैं। छह महीने के बाद केवल स्तनदूध शिशु को पर्याप्त पोषण प्रदान नहीं कर पाता, विशेषकर कि आयरन। इसी वजह से आपके शिशु को स्तनदूध के साथ-साथ अन्य सेहतमंद भोजनों की जरुरत होती है।
आपके पति और परिवार व दोस्तों के सहयोग से आपके लिए स्तनपान करवाना और जब तक चाहें तब तक इसे जारी रखना आपना लिए आसान रहेगा। कई बार माँओं को अपनी इच्छा के बिना परिवार के दबाव में आकर स्तनपान करवाना बंद करना पड़ता है। मगर यह निर्णय पूरी तरह आपका है, इसलिए इस बारे में किसी भी तरह के दबाव में न आएं।
शुरुआती दिनों में आपका शिशु शायद दिन-रात स्तनपान कर रहा होगा, मगर धीरे-धीरे बड़ा होने पर वह स्तनपान करना कम कर देगा। बहुत सी माँओं के लिए स्तनपान के शुरुआती कुछ हफ्ते मुश्किल लग सकते हैं, मगर जो माँए इस दौरान हार नहीं मानती और स्तनपान पर अडिग रहती हैं, उन्हें बाद में सफलता मिलती है। वे खुश होती हैं कि उन्होंने इसे जारी रखने का निर्णय लिया।
स्तनपान जारी रखते हुए हो सकता है आप पाएं कि परिवार के सदस्यों और स्तनपान करवाने वाली अन्य मांओं से बहुमूल्य सहयोग मिलता है। हमारी कम्युनिटी में आप अपने अनुभव और सलाह को अन्य माँओं के साथ सांझा कर सकती हैं।
नौकरी पर वापिस लौटने का मतलब यह नहीं है कि आपका स्तनपान करवाना अब बंद हो जाएगा। बहुत सी नौकरीपेशा माँएं स्तनदूध निकाल लेती हैं (एक्सप्रेस) और स्तनदूध और बोतल का सफलतापूर्वक मेल बिठा लेती हैं। हालांकि, इसमें पहले से थोड़ी-बहुत योजना बनाने की जरुरत होती है। स्तनपान जारी रखना शिशु के साथ गहन रिश्ता बनाए रखने का भी एक तरीका हो सकता है। दिन में एक-दूसरे से अलग रहने पर जब आप शिशु के पास लौटती हैं तो स्तनपान आपको शिशु से और नजदीकी महसूस करा सकता है।
इस सबके बावजूद, बहुत से ऐसे कारण हैं, जिनकी वजह से माँ के लिए स्तनपान करवाना मुश्किल हो सकता है। यदि आपको स्तनपान से जुड़ी परेशानी हो तो इसके लिए सहयोग व मदद लें, मगर यदि कोई उपाय काम न आए और आपको स्तनपान बंद ही करना पड़े तो खुद को इसका जिम्मेदार न माने।
अपनी परिस्थिति में आपको क्या करना चाहिए, इसका निर्णय आप खुद ही ले सकती हैं। और जिस तरह आपके शिशु को स्तनपान करवाने का निर्णय लिया था, उसी तरह स्तनपान बंद करवाने का निर्णय भी आपका व्यक्तिगत निर्णय है। इसलिए आप इसके लिए खुद को जिम्मदेार न मानें। एक अच्छी माँ होने की बजाय एक खुशहाल माँ होना अधिक महत्वपूर्ण है।
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