2 साल के बच्चे को दस्त और उल्टी से क्या मदद मिलती है?pregnancytips.in

Posted on Wed 19th Oct 2022 : 14:21

दस्त और उल्टी (gastroenteritis)
**आंत्रशोथ के लक्षण (symptoms of gastroenteritis)**
**आंत्रशोथ (gastroenteritis) होने पर क्या करें**
**मेडिकल सलाह कब लें**
**आंत्रशोथ (gastroenteritis) से पीड़ित बच्चे की देखभाल**
**अपने बच्चे के लिए चिकित्सकीय सलाह लेना**
**आंत्रशोथ (gastroenteritis) कैसे फैलता है**
**आंत्रशोथ (gastroenteritis) से बचने के उपाय**

आंत्रशोथ या गैस्ट्रोएन्टेराइटिस (gastroenteritis) एक बहुत ही सामान्य समस्या है जिसमें दस्त और उल्टी होती है। यह आमतौर पर पेट में बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण के कारण होता है।

यह सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करता है, लेकिन खासतौर पर छोटे बच्चों में यह समस्या ज्यादा होती है।

बच्चों में यह समस्या रोटावायरस (rotavirus) के कारण होती है। जबकि वयस्कों में यह समस्या आमतौर पर नोरोवायरस (norovirus)
("विंटर वोमिटिंग बग") या बैक्टीरियल फूड पॉइजनिंग
के कारण होती है।

आंत्रशोथ (gastroenteritis) के कारण काफी परेशानी हो सकती है लेकिन आमतौर पर यह एक हफ्ते में अपने आप ठीक हो जाता है। आप घर पर ही अपनी या अपने बच्चे की उचित देखभाल करके इस समस्या से निजात पा सकते हैं।

आंत्रशोथ (gastroenteritis) से पीड़ित व्यक्ति को डॉक्टर के पास जाने से बचना चाहिए, क्योंकि यह एक से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकता है। सलाह की जरूरत पड़ने पर आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
आंत्रशोथ के लक्षण (symptoms of gastroenteritis)

आंत्रशोथ (gastroenteritis) के मुख्य लक्षण हैं:

अचानक पतला दस्त होना
बीमार महसूस करना
तेज उल्टी
हल्का बुखार

कुछ लोगों में अलग तरह के लक्षण भी होते हैं, जैसे भूख न लगना, पेट गड़बड़ होना, हाथ पैरों में दर्द और सिरदर्द।

अमूमन ये लक्षण संक्रमित होने के एक दिन बाद दिखाई देते हैं और आमतौर पर एक हफ्ते से कम या कभी-कभी लंबे समय तक बने रहते हैं।
आंत्रशोथ (gastroenteritis) होने पर क्या करें

यदि आपको अचानक दस्त और उल्टी महसूस होती है, तो ठीक होने तक घर पर रहें। इस समस्या का कोई विशेष इलाज नहीं होता है, इसलिए इसे अपने आप ही ठीक होने दें।

आपको तब तक चिकित्सीय सलाह की जरूरत नहीं है, जब तक कि इसके लक्षणों में सुधार नहीं होता है या अधिक गंभीर समस्या का खतरा नहीं होता है (जानें चिकित्सा सलाह कब लें
।)

लक्षणों को कम करने के उपाय:

डिहाइड्रेशन (dehydration
)
से बचने के लिए अधिक से अधिक तरल पदार्थ का सेवन करें- उल्टी और दस्त के दौरान शरीर से तरल पदार्थ बाहर निकल आते हैं, इसलिए आपको सामान्य से अधिक तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए। पानी सबसे अच्छा विकल्प है, लेकिन आप फलों के रस और सूप का सेवन भी कर सकते हैं।
बुखार या अंगों में दर्द होने पर पेरासिटामोल (paracetamol) लें।
खूब आराम करें।
भूख लगने पर कम मात्रा में सादे भोजन जैसे सूप, चावल, पास्ता और ब्रेड का सेवन करें।
डिहाइड्रेशन
के लक्षण जैसे मुंह सूखने या गहरे रंग का पेशाब होने पर फार्मेसी से खरीदकर विशेष रिहाइड्रेशन पेय पदार्थों के पाउच का सेवन करें- यहां जानें डिहाइड्रेशन का उपचार

आवश्यकता पड़ने पर उल्टी-रोधी दवा (जैसे कि मेटोक्लोप्रामाइड- metoclopramide) या एंटीडायरियल दवा (लोपरामाइड- loperamide) लें। कुछ अन्य प्रकार की दवाएं भी फार्मेसियों पर उपलब्ध हैं, लेकिन दवा के साथ आने वाले लीफलेट को देखकर ही दवा खरीदें। इसके अलावा आप अपने फार्मासिस्ट या डॉक्टर की सलाह से भी उपयुक्त दवा ले सकते हैं।
आंत्रशोथ (gastroenteritis) बहुत आसानी से फैल सकता है, इसलिए आपको बीमार होने पर अपने हाथों को नियमित रूप से धोना चाहिए और लक्षणों के कम होने के 48 घंटे बाद तक काम या स्कूल से दूर रहना चाहिए, ताकि इसे फैलने से रोका जा सके (पढ़ें आंत्रशोथ (gastroenteritis) को रोकने का तरीका
)।


यदि आपको लगता है कि आपको आंत्रशोथ (gastroenteritis) है, तो आमतौर पर आपको डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह अपने आप ठीक हो जाता है।

डॉक्टर के पास जाने पर दूसरे व्यक्ति को भी यह समस्या हो सकती है। इसलिए कोई गंभीर समस्या या सलाह की जरूरत होने पर ही अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

चिकित्सीय सलाह तब लें, यदि:

आपको डिहाइड्रेशन के गंभीर लक्षण
जैसे कि लगातार चक्कर आना
, पेशाब न होना या कम मात्रा में होना या बेहोशी महसूस होती हो।
खूनी दस्त हो
लगातार उल्टी और शरीर में तरल पदार्थों की कमी हो जाए
आपको 38C (100.4F) से अधिक बुखार हो
कुछ दिनों बाद भी लक्षणों में सुधार न हो
पिछले कुछ हफ्तों में आप गंदी और प्रदूषित जगहों से यात्रा करके लौटे हों
आपको गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं जैसे किडनी रोग
, इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज
(inflammatory bowel disease) या कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र, दस्त और उल्टी हो।

लक्षणों की जांच के लिए आपके डॉक्टर आपके मल के नमूने को प्रयोगशाला में भेजने का सुझाव दे सकते हैं। बैक्टीरियल इंफेक्शन होने पर आपको एंटीबायोटिक्स
](https://www.your.md/condition/antibiotics-penicillins
)[का सेवन करने की सलाह दी जा सकती है।
आंत्रशोथ (gastroenteritis) से पीड़ित बच्चे की देखभाल

अगर आपके बच्चे को दस्त या उल्टी हो रही हो, तो आप घर पर ही उसकी देखभाल कर सकते हैं। आमतौर पर इस समस्या का कोई विशेष उपचार नहीं है और कुछ दिनों में आपका बच्चा बेहतर महसूस करने लगेगा।

जब तक लक्षणों में सुधार न आए या कोई अधिक गंभीर समस्या न हो, तब तक आपको चिकित्सीय सलाह की जरूरत नहीं है (जानें बच्चे के लिए चिकित्सा सलाह
)

आपके बच्चे में लक्षणों को कम करने के लिए उपाय:

बच्चे को खूब तरल पदार्थ पीने के लिए प्रोत्साहित करें। उल्टी और दस्त के कारण बच्चे के शरीर में तरल पदार्थ की कमी हो सकती है। पानी सबसे बेहतर विकल्प है। उसे गैसयुक्त पेय पदार्थ या फलों के जूस न दें क्योंकि इससे दस्त और भी गंभीर हो सकता है। बच्चे को रोज की तरह स्तन का दूध या अन्य दूध पिलाते रहें।
उसे भरपूर आराम करने दें।
यदि बच्चे को भूख लगती है, तो उसे ठोस आहार खाने दें। उसे कम मात्रा में सादा भोजन जैसे सूप, चावल, पास्ता और रोटी दें।
अगर बुखार या दर्द हो तो पैरासिटामोल (paracetamol
)
दें। छोटे बच्चों को गोलियों की अपेक्षा तरल पैरासिटामोल निगलने में आसानी होती है।
डिहाइड्रेशन होने पर बच्चे को फार्मेसी से खरीदकर रिहाइड्रेशन पेयपदार्थ दें। अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट से सलाह लें कि बच्चे को कितना पेयपदार्थ देना है। डॉक्टर या फार्मासिस्ट से सलाह लिए बिना उसे एंटी डायरिया(antidiarrhoeal) और उल्टी-रोधी(anti-vomiting) दवाएं न दें

एक साल से कम उम्र के शिशुओं और छोटे बच्चों में डिहाइड्रेशन का अधिक खतरा होता है। पाँच साल से कम उम्र के शिशुओं और बच्चों को उल्टी और दस्त होने पर उनकी देखभाल के लिए सलाह पढ़ें।

जब आपका बच्चा बीमार हो तो उस दौरान यह सुनिश्चित करें कि आप एवं आपका बच्चा नियमित रूप से हाथ धो रहे हैं। लक्षणों में सुधार होने के बाद कम से कम 48 घंटे तक अपने बच्चे को स्कूल या नर्सरी से दूर रखें (पढ़ें, आंत्रशोथ (gastroenteritis) से बचने के उपाय)।
अपने बच्चे के लिए चिकित्सकीय सलाह लेना

यदि आपके बच्चे को आंत्रशोथ (gastroenteritis) है, तो आमतौर पर आपको डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। यह समस्या अपने आप ठीक हो जाती है और डॉक्टर के पास जाने से दूसरे व्यक्ति में भी आंत्रशोथ फैलने का खतरा हो सकता है।

बच्चे की स्थिति में सुधार न होने पर अपने डॉक्टर से संपर्क करें, या अगर:

बच्चे में डिहाइड्रेशन के लक्षण
जैसे सामान्य से कम पेशाब होना, चिड़चिड़ापन, पीली त्वचा या त्वचा पर धब्बे, हाथ-पैर ठंडे होना आदि नजर आए।
मल में खून या हरे रंग की उल्टी होने पर।
लगातार उल्टी होना और किसी भी तरल पदार्थ का सेवन न कर पाना।
एक सप्ताह से अधिक समय से दस्त होना
तीन दिन या उससे अधिक समय से उल्टी होना
किसी अधिक गंभीर बीमारी के संकेत जैसे कि तेज बुखार (38C या 100.4F से अधिक), सांस लेने में तकलीफ, तेजी से सांस लेना, गर्दन में ऐंठन, दाने निकलना जो कि इसके ऊपर ग्लास रोल करने के बाद भी कम न हों या सर के ऊपर के नरम हिस्से (fontanelle) पर उभार आना
कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या जैसे कि इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (inflammatory bowel disease) या प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होना और दस्त व उल्टी होना

लक्षणों की जांच के लिए आपके डॉक्टर प्रयोगशाला में बच्चे के मल का नमूना भेजने का सुझाव दे सकते हैं। बैक्टीरियल इंफेक्शन होने पर बच्चे को एंटीबायोटिक्स (antibiotics) देने की सलाह दी जा सकती है।
आंत्रशोथ (gastroenteritis) कैसे फैलता है

आंत्रशोथ (gastroenteritis) का संक्रमण एक से दूसरे व्यक्ति में बहुत आसानी से फैल सकता है।

यदि संक्रमित व्यक्ति के उल्टी या मल का एक छोटा सा कण आपके मुंह में चला जाए तो आपको संक्रमण हो सकता है। जैसे कि:

आंत्रशोथ (gastroenteritis) से पीड़ित उल्टी करते हुए व्यक्ति के नजदीक बैठने पर।
दूषित सतहों या वस्तुओं को छूना
दूषित भोजन खाने से - यह तब हो सकता है जब कोई संक्रमित व्यक्ति भोजन करने से पहले अपने हाथ नहीं धोता है, या आप ऐसा भोजन खाते हैं जो दूषित सतहों या वस्तुओं के संपर्क में रखा गया है, या सही तरीके से नहीं पकाया गया हो (पढ़ें फूड पॉयजनिंग के कारण
)

आंत्रशोथ से पीड़ित व्यक्ति सबसे अधिक संक्रामक लक्षणों के शुरू होने से सुधार होने के 48 घंटे बाद तक होता है, हालांकि इससे पहले और बाद में भी वे थोड़े समय के लिए संक्रामक हो सकते हैं।
आंत्रशोथ (gastroenteritis) से बचने के उपाय

आंत्रशोथ से हमेशा बचना संभव नहीं है, लेकिन नीचे दिए गए सुझावों का पालन कर इसे फैलने से रोका जा सकता है:

लक्षण समाप्त होने के कम से कम 48 घंटे बाद तक काम, स्कूल या नर्सरी से दूर रहें। आप या आपके बच्चे को इस दौरान अस्पताल में किसी से भी मिलने से बचना चाहिए।
टॉयलेट का इस्तेमाल करने के बाद और खाना खाने से पहले बच्चे को साबुन और पानी से नियमित और बार-बार अपना हाथ धोने की आदत डालें। हाथ धोने के लिए एल्कोहल युक्त जेल का इस्तेमाल न करें, क्योंकि ये बहुत प्रभावी नहीं होते हैं।
दूषित सतह या वस्तुओं को साफ करके कीटाणुओं से मुक्त बनाएं। इसके लिए ब्लीच युक्त घरेलू क्लीनर का इस्तेमाल करें।
दूषित कपड़े और बिस्तर को गर्म पानी में अलग-अलग धोएं।
जब आप या आपका बच्चा बीमार हो, तो तौलिया, कपड़े और बर्तन साझा न करें।
शौचालय में मल या उल्टी को पानी से अच्छी तरह बहा दें और आसपास के क्षेत्र को साफ करें।
पर्याप्त साफ-सफाई रखें। रेफ्रिजरेटर में भोजन को अच्छी तरह रखें। इसके साथ ही हमेशा भोजन को अच्छी तरह पकाकर खाएं। कभी भी ऐसा भोजन न करें, जिसके उपयोग की तारीख समाप्त हो गई हो (पढ़ें, फूड पॉयजनिंग से बचने के उपाय)


दूषित जगहों पर यात्रा करते समय अपना विशेष ध्यान रखें क्योंकि आपके पेट में संक्रमण होने का खतरा बढ़ सकता है। उदाहरण के लिए नल का पानी आपको उबाल कर पीना चाहिए।

छोटे बच्चों में दो से तीन महीने की उम्र में रोटावायरस का टीकाकरण करवाएं। इससे उनमें आंत्रशोथ (gastroenteritis) के खतरे को कम किया जा सकता है।

solved 5
wordpress 1 year ago 5 Answer
--------------------------- ---------------------------
+22

Author -> Poster Name

Short info