8 महीने के बच्चे के लिए सबसे अच्छा खाना कौन सा है?pregnancytips.in

Posted on Wed 19th Oct 2022 : 11:30

6-12 महीने के बच्चों को क्या खिलाएं?

जन्म के छह माह बाद बच्चों को कई जरूरी पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, जो सिर्फ दूध पर निर्भर रहने से नहीं मिल पाते। इसलिए, डॉक्टर छह माह से बड़े बच्चों को दूध के अलावा अनाज, दाल, सब्जियां, फल और घर में बने सीरियल्स खिलाने की सलाह देते हैं।

6 से 8 माह के बच्चों के आहार में आप स्मूदी को शामिल कर सकते हैं, ताकि उसकी आंतों पर ज्यादा जोर न आए और वह इन खाद्य पदार्थों को आसानी से हजम कर सके। ध्यान रखने वाली बात यह है कि 6 से 8 माह के बच्चों के आहार में फल प्रतिदिन 30 ग्राम और सब्जियां प्रतिदिन 480 ग्राम से अधिक नहीं शामिल करनी चाहिएं। वहीं, 8 माह से बड़े बच्चों को आप नरम और मुलायम आहार सीधे खाने के लिए दे सकते हैं, ताकि वह खुद से खाना सीखें और भोजन के प्रति उनमें रुझान बढ़े (3)।

अगर आप भी अपने बच्चे के वजन को लेकर परेशान हैं, तो हम आपको कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आप अपने बच्चे के आहार में शामिल कर सकते हैं।
1. सेहत से भरपूर है केला
बच्चों का वजन बढ़ाने के लिए केले को एक बेहतरीन विकल्प माना गया है। यह एनर्जी, कार्बोहाइड्रेट और फैट का अच्छा स्रोत होता है। इन तीनों तत्वों की मौजूदगी इसे वजन बढ़ाने का एक उत्तम आहार बनाती है। इसके अलावा, इसमें प्रोटीन और फाइबर के साथ कई जरूरी मिनरल और विटामिन भी मौजूद रहते हैं, जो बच्चे के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं (4) (5)। खास यह है कि आप इसे बच्चे के आहार में बड़ी आसानी से शामिल कर सकते हैं। सीधा इस्तेमाल के साथ-साथ इसे स्मूदी, शेक, केक या पुडिंग बनाकर भी बच्चे को दिया जा सकता है।

2. वजन बढ़ाने में मददगार है रागी
कैल्शियम व आयरन के साथ फाइबर, प्रोटीन और विटामिन भी बच्चों के विकास के लिए जरूरी हैं। इसके अलावा, एनर्जी, कार्बोहाइड्रेट और फैट भी वजन बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं (4) (6)। पोषक तत्वों से भरपूर रागी आसानी से पच जाती है, इसलिए चिकित्सक भी इसे बच्चों के आहार में शामिल करने की सलाह देते हैं। बच्चे को खिलाने के लिए आप इसे हलवे या खिचड़ी में शामिल कर सकते हैं।

3. दही देता है जरूरी पोषण
विटामिन ए, बी, सी, डी, ई, फोलेट और नियासिन के साथ कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे कई अन्य पोषक तत्व दही में मौजूद होते हैं। वहीं, कम फैट के साथ अच्छी मात्रा में ऊर्जा और प्रोटीन भी इसमें पाया जाता है। इस कारण इसे बच्चे का वजन बढ़ाने के लिए सहायक माना जा सकता है (4) (7)।

4. ओट्स से बढ़ाएं बच्चे का वजन
जहां इसमें मौजूद एनर्जी, फैट और कार्बोहाइड्रेट मिश्रित रूप से बच्चे का वजन बढ़ाने में सहायक होते हैं, वहीं इसमें विटामिन बी-6, फोलेट, राइबोफ्लेविन, थियामिन और नियासिन के साथ पोटैशियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम और कैल्शियम की मौजूदगी बच्चे के विकास में सहयोग करती है (4) (8)।

5. आलू बनाए तंदुरुस्त
बच्चों का वजन बढ़ाने के लिए आप आलू को भी इस्तेमाल में ला सकती हैं। इसमें एनर्जी व कार्बोहाइड्रेट के साथ कुछ मात्रा में फैट भी उपलब्ध होता है, जो वजन बढ़ाने में कारगर माना जाता है। इसके अलावा, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, फास्फोरस और पोटैशियम के साथ इसमें विटामिन बी-6, सी, राइबोफ्लेविन, थियामिन, नियासिन और फोलेट भी मौजूद होते हैं, जो बच्चों के पोषण में सकारात्मक परिणाम देते हैं। बच्चों के आहार में शामिल करने के लिए आप आलू का भरता बनाकर या उसे उबालकर दूध में मैश करके भी दे सकते हैं। दाल, सब्जी या खिचड़ी के साथ भी इसे इस्तेमाल में लाया जा सकता है (4) (9)।

6. शक्करकंद से बनाएं बच्चे की सेहत
आलू की ही तरह शक्करकंद को भी बच्चों के आहार में शामिल करना बेहत आसान है। आप इसे उबाल कर बच्चों को सीधा खाने के लिए दे सकते हैं। अगर आप चाहे तो दूध के साथ मैश करके भी इसे बच्चों को दे सकते हैं। एनर्जी और कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्रोत होने के कारण इसे बच्चे का वजन बढ़ाने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। वहीं, कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन और मैग्नीशियम के साथ विटामिन-सी, नियासिन व फोलेट और अन्य कई जरूरी विटामिन और पोषक तत्व भी इसमें भरपूर मात्रा में उपलब्ध रहते हैं, जो बच्चे के विकास में लाभकारी माने जाते हैं (4) (10)।

7. दालें हैं पोषण का खजाना
दालें प्रोटीन का अच्छा स्रोत मानी जाती हैं। साथ ही इसमें आयरन, मैग्नीशियम, जिंक और फोलेट जैसे मिनरल और कई जरूरी विटामिन पाए जाते हैं। प्रोटीन मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है और मिनरल व विटामिन बच्चे के विकास में प्रभावी सहयोग प्रदान करते हैं। इस कारण यह कहा जा सकता है कि दालों को बच्चों के आहार में शामिल करने से उनके बेहतर विकास में मदद मिल सकती है (4) (11)।

8. एवोकाडो से दें जरूरी पोषण
जैसा कि हमने आपको लेख में पहले भी बताया है कि बच्चे का वजन बढ़ाने के लिए उपयोग में लाए जाने वाले खाद्य पदार्थों में फैट, कार्बोहाइड्रेट और वसा का संयोजन लाभकारी परिणाम देता है। ठीक वैसे ही एवोकाडो में भी इन तीनों के साथ मिनरल्स और विटामिन भरपूर मात्रा में उपलब्ध होते हैं, जो बच्चे के विकास में सहायक माने जाते हैं (4) (12)। 6 से 9 महीने तक के बच्चों को इसकी प्यूरी बनाकर दी जा सकती है। वहीं, 9 महीने से बड़े बच्चे को इसे मैश करके खिलाया जा सकता है।

9. अंडा है वजन बढ़ाने में मददगार
अंडा फैट, कार्बोहाइड्रेट और एनर्जी के साथ मिनरल और विटामिन का अच्छा स्रोत होता है। इस कारण इसे बच्चे के आहार में शामिल करना काफी लाभकारी सिद्ध हो सकता है। इससे बच्चों का वजन तो बढ़ता ही है, साथ ही यह बच्चों को अन्य जरूरी पोषक तत्व भी प्रदान करता है (4) (13)। ध्यान देने वाली बात यह है कि कुछ बच्चों में इसके कारण एलर्जी भी हो सकती है। इसलिए, एक बार अंडा देने के बाद आप तीन दिन तक इसके पड़ने वाले प्रभाव को अच्छे से परख लें। उसके बाद ही इसे बच्चे के नियमित आहार में शामिल करें। अगर एलर्जिक प्रभाव दिखाई दें, तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लें।

10. पनीर का उपयोग है लाभकारी
पनीर कम वसा वाला एनर्जी का अच्छा स्रोत है। इसमें कैल्शियम, फास्फोरस, पोटेशियम और सोडियम के साथ अधिकतर विटामिन थोड़ी-थोड़ी मात्रा में उपलब्ध होते हैं। इस कारण यह बच्चे का वजन बढ़ाने में सहायक माना जा सकता है (4) (14)। पनीर के छोटे-छोटे टुकड़े काटकर बच्चों को खाने के लिए दिए जा सकते हैं, लेकिन इसके इस्तेमाल में भी आपको तीन दिन के लिए एलर्जिक रिएक्शन वाला नियम पालन करने की आवश्यकता है। कुछ बच्चों में इसका उपयोग एलर्जी पैदा कर सकता है।

11. ड्राई फ्रूट्स से बढ़ेगा बच्चों का वजन
वजन बढ़ाने के लिए बच्चों के आहार में ड्राई फ्रूट्स शामिल करना एक उत्तम विकल्प साबित हो सकता है। दरअसल, इनमें एनर्जी भरपूर मात्रा में पाई जाती है, जो वजन बढ़ाने में सहायक होती है (4) (15)। बच्चों को आप इसकी प्योरी या स्मूदी बनाकर दे सकते हैं।

12. फ्रूट जूस है सहायक
बच्चों के आहार में फ्रूट जूस को शामिल करना भी वजन बढ़ाने में आपकी मदद कर सकता है। इनमें एनर्जी, कार्बोहाइड्रेट और शुगर की आवश्यक मात्रा पाई जाती है। वहीं, इसे मिनरल और विटामिन का भी अच्छा स्रोत माना जाता है, जो बच्चे का वजन बढ़ाने के साथ-साथ उनके पोषण में भी मदद कर सकता है (4) (16)। आप 9 माह से बड़े बच्चों को गूदेदार फल सीधे खाने के लिए भी दे सकते हैं।

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