Kaise pata kare ki pregnant hai ya nahi?pregnancytips.in

Posted on Mon 2nd May 2022 : 03:34

घर बैठे इन आसान तरीकों से करें प्रेग्नेंसी टेस्ट
कई बार पीरियड मिस होने पर प्रेगनेंसी टेस्‍ट किट लाकर टेस्‍ट करने का इंतजार नहीं किया जाता है और आप तुरंत अपनी प्रेगनेंसी की खबर सुनने को बेचैन रहती हैं। ऐसे में प्रेगनेंसी टेस्‍ट करने के घरेलू तरीके आपके काम आते हैं।

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अगर आप मार्केट जाकर प्रेगनेंसी टेस्‍ट किट लाकर अपना टेस्‍ट करने तक का इंतजार नहीं कर सकती हैं तो घर पर ही मौजूद कुछ चीजों से अपनी प्रेगनेंसी का पता लगा सकती हैं।
कई बार महिलाओं को लगता है कि वह प्रेग्नेंट हैं लेकिन उन्हें इसकी पुष्टि करनी होती है। आज बाजार में ऐसी चीजें उपलब्ध हैं जिनसे खुद ही प्रेग्नेंसी की जांच की जा सकती है लेकिन घरेलू उपाय भी यह जानने में मदद कर सकते हैं। यहां ऐसे ही कुछ घरेलू नुस्खे हम आपको बताएंगे जिनको अपनाकर आप घर पर ही पता कर सकती हैं कि प्रेग्नेंट हैं या नहीं।
किस समय Pregnancy Test करना रहता है सबसे सही
यूरिन यानी पेशाब में ह्यूमन कोरिओनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी) नामक हार्मोन की मौजूदगी का पता लगाने के लिए प्रेगनेंसी टेस्‍ट किया जाता है। यूट्राइन लाइनिंग पर फर्टिलाइज एग के इंप्‍लांट होने के तुरंत बाद यह हार्मोन रिलीज होता है और हर दो से तीन दिन में इस हार्मोन की मात्रा दोगुनी होती है। आप घर पर भी प्रेगनेंसी टेस्‍ट कर सकती हैं।
कई महिलाओं को यह नहीं पता होता है कि प्रेगनेंसी टेस्‍ट कब करना चाहिए। पीरियड मिस होने के बाद जितना जल्‍दी हो, उतना जल्‍दी प्रेगनेंसी टेस्‍ट कर लेना चाहिए। कभी कभी पीरियड की डेट से कुछ दिन पहले भी प्रेगनेंसी टेस्‍ट किया जा सकता है। प्रेगनेंसी के दौरान एचसीजी हार्मोन बनता है और पीरियड की तारीख से पहले भी यह हार्मोन बन सकता है।

हालांकि, पीरियड की डेट मिस होने से पहले टेस्‍ट करने पर रिजल्‍ट सही न आने की भी संभावना रहती है। पीरियड मिस होने के पहले दिन तक टेस्‍ट करने के लिए इंतजार करना चाहिए।
होम प्रेगनेंसी टेस्‍ट करने से पहले गर्भावस्‍था के कुछ शुरुआती लक्षणों से प्रेगनेंसी का पता लगा सकती हैं। भ्रूण के गर्भाशय में इंप्‍लांट होने पर स्‍पॉटिंग या हल्‍की ब्‍लीडिंग होने, पेट में ऐंठन महसूस होने, ब्रेस्‍ट में सूजन या छूने पर दर्द होने, थकान महसूस होने, सूंघने की शक्‍ति बढ़नेऔर खानपान की आदतों में अचानक बदलाव आना प्रेगनेंसी के कुछ लक्षणों में शामिल हैं।
होम प्रेगनेंसी टेस्‍ट का रिजल्‍ट तभी 99 पर्सेंट सही आता है जब इसे पीरियड मिस होने के पहले दिन और उसके बाद किया जाए। प्रेगनेंसी टेस्‍ट करने का सबसे सही समय सुबह का होता है क्‍योंंकि इस समय पेशाब की मात्रा अधिक होती है।
अगर आप मासिक चक्र में बहुत जल्‍दी टेस्‍ट कर लेती हैं तो इसका रिजल्‍ट सही नहीं आ सकता है। वहीं, ठीक तरह से टेस्‍ट न करने या किट की एक्‍सपायरी डेट निकलने पर भी टेस्‍ट का रिजल्‍ट ठीक नहीं आता है।

इसके अलावा निम्‍न कारकों पर होम प्रेगनेंसी टेस्‍ट की सटीकता निर्भर करती है :
निर्देशों को कितना फॉलो किया है।आप कितनी जल्‍दी प्रेगनेंसी टेस्‍ट कर सकती हैं।ओवुलेशन कब हुआ और इंप्‍लांटेशन में कितना समय लगा।कंसीव करने के कई दिन बाद भी आप प्रेगनेंसी टेस्‍ट कर सकती हैं।

1- विनेगर : विनेगर में पेशाब मिलाकर यह टेस्ट किया जाता है। विनेगर में पेशाब मिलाने के बाद अगर रंग में बदलाव नजर आता है तो हो सकता है कि आप गर्भवती हों।
2- कांच के ग्लास : अगर आप प्रेग्नेंट हैं तो कांच के ग्लास में यूरिन डालने से कुछ देर बाद इसपर सफेद परत दिखाई देगी। अगर ऐसा होता है तो आप प्रेग्नेंट हो सकती हैं।
3- ब्लीच का प्रयोग : किसी बर्तन में थोड़ी ब्लीच लें और इसमें पेशाब मिला दें। इसके बाद अगर इसमें बुलबुले दिखाई देते हैं तो आपके प्रेग्नेंट होने का संकेत हो सकता है।
4- चीनी से टेस्ट : चीनी का प्रयोग करके भी प्रेग्नेंसी का पता लगाया जा सकता है। किसी बर्तन में चीनी लेकर इसमें थोड़ी पेशाब मिलाएं। अगर चीनी आपस में चिपक जाती है तो गर्भ के लक्षण हो सकते हैं। अगर चीनी घुल जाती है तो आप प्रेग्नेंट नहीं हैं।
5- साबुन टेस्ट : साबुन में यूरिन मिलाने पर अगर बुलबुले बनते हैं तो प्रेग्नेंसी टेस्ट पॉजिटिव हो सकता है।
6- डेटॉल टेस्ट : डेटॉल टेस्ट करने के लिए किसी कांच के बर्तन में बरामबर मात्रा में यूरिन और डेटॉल मिला लें। अगर डेटॉल और यूरिन घुल जाता है तो आप प्रेग्नेंट नहीं हैं लेकिन यदि यूरिन ऊपर परत बना लेता है और तैरने लगता है तो हो सकता है आप प्रेग्नेंट हों।
7- टूथपेस्ट टेस्ट : सफेद टूथपेस्ट में यूरिन सैंपल मिलाकर आप प्रेग्नेंसी टेस्ट कर सकती हैं। अगर टूथपेस्ट का रंग नीला हो जाता है तो यह प्रेग्नेंट होने का संकेत है।

किस समय Pregnancy Test करना रहता है सबसे सही

यूरिन यानी पेशाब में ह्यूमन कोरिओनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी) नामक हार्मोन की मौजूदगी का पता लगाने के लिए प्रेगनेंसी टेस्‍ट किया जाता है। यूट्राइन लाइनिंग पर फर्टिलाइज एग के इंप्‍लांट होने के तुरंत बाद यह हार्मोन रिलीज होता है और हर दो से तीन दिन में इस हार्मोन की मात्रा दोगुनी होती है। आप घर पर भी प्रेगनेंसी टेस्‍ट कर सकती हैं।

कई महिलाओं को यह नहीं पता होता है कि प्रेगनेंसी टेस्‍ट कब करना चाहिए। पीरियड मिस होने के बाद जितना जल्‍दी हो, उतना जल्‍दी प्रेगनेंसी टेस्‍ट कर लेना चाहिए। कभी कभी पीरियड की डेट से कुछ दिन पहले भी प्रेगनेंसी टेस्‍ट किया जा सकता है। प्रेगनेंसी के दौरान एचसीजी हार्मोन बनता है और पीरियड की तारीख से पहले भी यह हार्मोन बन सकता है।

हालांकि, पीरियड की डेट मिस होने से पहले टेस्‍ट करने पर रिजल्‍ट सही न आने की भी संभावना रहती है। पीरियड मिस होने के पहले दिन तक टेस्‍ट करने के लिए इंतजार करना चाहिए।

होम प्रेगनेंसी टेस्‍ट करने से पहले गर्भावस्‍था के कुछ शुरुआती लक्षणों से प्रेगनेंसी का पता लगा सकती हैं। भ्रूण के गर्भाशय में इंप्‍लांट होने पर स्‍पॉटिंग या हल्‍की ब्‍लीडिंग होने, पेट में ऐंठन महसूस होने, ब्रेस्‍ट में सूजन या छूने पर दर्द होने, थकान महसूस होने, सूंघने की शक्‍ति बढ़नेऔर खानपान की आदतों में अचानक बदलाव आना प्रेगनेंसी के कुछ लक्षणों में शामिल हैं।

होम प्रेगनेंसी टेस्‍ट का रिजल्‍ट तभी 99 पर्सेंट सही आता है जब इसे पीरियड मिस होने के पहले दिन और उसके बाद किया जाए। प्रेगनेंसी टेस्‍ट करने का सबसे सही समय सुबह का होता है क्‍योंंकि इस समय पेशाब की मात्रा अधिक होती है।
अगर आप मासिक चक्र में बहुत जल्‍दी टेस्‍ट कर लेती हैं तो इसका रिजल्‍ट सही नहीं आ सकता है। वहीं, ठीक तरह से टेस्‍ट न करने या किट की एक्‍सपायरी डेट निकलने पर भी टेस्‍ट का रिजल्‍ट ठीक नहीं आता है।

इसके अलावा निम्‍न कारकों पर होम प्रेगनेंसी टेस्‍ट की सटीकता निर्भर करती है :
निर्देशों को कितना फॉलो किया है।आप कितनी जल्‍दी प्रेगनेंसी टेस्‍ट कर सकती हैं।ओवुलेशन कब हुआ और इंप्‍लांटेशन में कितना समय लगा।कंसीव करने के कई दिन बाद भी आप प्रेगनेंसी टेस्‍ट कर सकती हैं।

ध्यान रखने योग्य बातें
प्रेग्नेंसी टेस्ट करने से पहले ध्यान रखें कि तीन घंटे तक टॉइलट न गई हों और इसमें उपयोग की जाने वाली सामग्री साफ सुथरी हो। साथ ही घरेलू टेस्ट के बाद डॉक्टर से परामर्श भी लेनी चाहिए। किसी गलती की वजह से या ठीक से जानकारी न होने की वजह से टेस्ट के परिणाम गलत भी हो सकते हैं।

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