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जुकाम होने पर बच्चों में अधिक बलगम जम जाता है। जो धीरे-धीरे उनके सीने तक पहुंचकर कफ में बदल जाता है। इसलिए जब बच्चे को खांसी आए या बलगम की समस्या हो, तो इसे बिलकुल नजरअंदाज न करें। दूषित वातावरण होने पर भी बच्चों में यह समस्या हो सकती है। अगर आपके आसपास के माहौल में गंदगी या फिर अधिक प्रदूषण है, तो इससे भी बच्चों को कफ की समस्या हो सकती है। इम्युनिटी कमजोर होने से भी बच्चे को खांसी, सर्दी और जुकाम के साथ कफ जैसी समस्या हो सकती है। हालांकि सभी बच्चों के साथ ऐसा नहीं होता है, लेकिन ऐसा उन बच्चों में ज्यादा होता है, जिनकी इम्युनिटी बेहद कमजोर होती है। कई बार एसिड रिफ्लक्स के कारण भी छाती में कफ जमने की समस्या हो सकती है।
बच्चों में कफ की समस्या से छुटकारा
अजवायन और लहसुन की पोटली
कफ निकालने के लिए अजवायन और लहसुन की पोटली का नुस्खा पुराने समय से ही चला आ रहा है। यह कफ को निकालने के लिए सस्ता और प्रभावी नुस्खा है। इसके लिए आप लहसुन को थोड़ा खुरदुरा पीस लें और अजवायन लेकर किसी कपड़े में बांधकर पोटली तैयार करें। अब इसे तवे पर थोड़ा सा गर्म करें और बच्चे की छाती पर रखें। इससे उनकी छाती में जमा अतिरिक्त कफ या बलगम आसानी से पिघलने लगेगा। लेकिन ध्यान रहे कि पोटली को हल्का ही गर्म करें, जिससे बच्चे की त्वचा को नुकसान न हो। कुछ देर तक इसे बच्चे के पैर के तलवे और छाती पर मलने से जुकाम में भी आराम मिलता है।
तरल पदार्थों का कराएं सेवन
बच्चे में कफ जमने पर उन्हें पूरी तरह से हाइड्रेट रखें। पानी की मात्रा बच्चों में नमी बनाए रखती है। बेहतर होगा कि उन्हें हल्के गुनगुने पानी का सेवन कराया जाए। आप चाहें तो उन्हें पौष्टिक सूप भी पिला सकते हैं। इससे उनकी छाती में जमा कफ आसानी से निकल सकता है। बच्चे गरारे नहीं कर सकते इसलिए उन्हें हल्के गुनगुने पानी का सेवन कराना बेहतर होगा। इससे धीरे-धीरे सीने में जमा बलगम कम होने लगेगा।
तेल मालिश से मिलता है आराम
बच्चों का कफ निकालने के लिए तेल की मालिश काफी कारगर मानी जाती है। सरसों के गुनगुने तेल में अजवायन और लहसुन मिलाकर बच्चे की छाती और पैर के तलवे की मालिश करें। ध्यान रहे कि अजवायन कच्ची नहीं रहनी चाहिए। अजवायन में हल्का भूरापन आने के बाद ही इससे बच्चे की छाती पर मालिश करें। इससे निश्चित तौर पर उन्हें आराम मिलेगा। ध्यान रहे कि तेल ज्यादा गर्म न हो, नहीं तो बच्चे की त्वचा जलने का भी खतरा रहता है। चिकित्सक की सलाह के बाद आप असेंशियल ऑयल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
नींबू और शहद
नींबू और शहद भी बच्चे के कफ को कम करने में मददगार साबित होता है। लेकिन अगर आपका बच्चा एक वर्ष से कम है, तो उस पर यह नुस्खा न आजमाएं। नींबू और शहद का उपयोग बच्चे के कफ को ढीला बनाता है। चेस्ट कंजेशन को कम करने के लिए नींबू की कुछ बूंदों में शहद मिलाएं और बच्चे को पिलाएं। अगर बच्चा नींबू का सेवन नहीं कर रहा है, तो आप गर्म पानी के साथ शहद का सेवन करा सकते हैं। इससे कफ के साथ ही खांसी में भी राहत मिलेगी।
भाप से मिलती है राहत
कफ की समस्या से राहत पाने के लिए तो भाप को प्राचीन काल से ही काफी प्रभावी घरेलू नुस्खा माना गया है। भाप लेने से छाती में मौजूद कफ आसानी से ढीला होकर पिघलने लगता है। इसके लिए बच्चों को किसी बरतन में भाप न दिलाकर उन्हें वेपोराइजर या फिर ह्यूमिडिफायर की मदद से भाप दिलाएं। भाप लेने से बच्चे को सांस संबंधी समस्याएं होने की संभावना भी कम हो जाती है। यह एक चिकित्सकीय तरीका है। इससे सांस की नली और उसके आसपास जमा कफ भी आसानी से निकल जाता है।
हल्दी
हल्दी वैसे तो हर उम्र के लोगों के लिए प्रभावी होती है। इसमें पाया जाने वाला करक्यूमिन कफ निकालने में मदद करता है। पानी में हल्दी की थोड़ी सी मात्रा मिलाकर बच्चे को पिलाने से उनकी कफ की समस्या में आराम मिलता है। आप चाहें तो इसमें सौंफ के बीज या फिर काली मिर्च पीसकर भी डाल सकते हैं। अजवायन के साथ भी हल्दी का प्रयोग आपके बच्चे को चेस्ट कंजेशन से राहत दिलाता है।
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