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प्रेग्नेंट महिलाओं में हीमोग्लोबिन का लेवल 12 से कम नहीं होना चाहिए. अगर 11 से कम हो तो इसका मतलब है कि आपको एनीमिया है. अगर समय पर ध्यान न दिया जाए तो मां और बच्चे दोनों की सेहत को खतरा हो सकता है.
डॉक्टर आपकी पहली प्रसव-पूर्व जांच के दौरान खून की जांच कराने को कहेंगी। इससे आपके हीमोग्लोबिन स्तर का पता लगता है।
हीमोग्लोबिन स्तर 11 ग्राम/डेसीलीटर रक्त से कम होने पर एनीमिया माना जाता है। हीमोग्लोबिन के विभिन्न स्तर हैं:
10 से 10.9 ग्राम/डेसीलीटर रक्त तक हल्का एनीमिया
7 से 9.9 ग्राम/डेसीलीटर रक्त तक मध्यम स्तर का एनीमिया
7 ग्राम/डेसीलीटर रक्त से कम होने पर गंभीर एनीमिया
गर्भावस्था में हीमोग्लोबिन के स्तर में थोड़ा बहुत बदलाव आना सामान्य है। यदि गर्भावस्था की शुरुआत के समय आपके आयरन संग्रह का स्तर अच्छा हो तो आपका हीमोग्लोबिन स्तर शुरुआत में ऊंचा रहने की संभावना होती है।
इसके बाद धीरे-धीरे यह तीसरी तिमाही के पहले महीने में गर्भावस्था से पहले के स्तर के आधे स्तर पर आ जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अब आपके खून में पहले से काफी ज्यादा तरल होता है और यह लाल रक्त कोशिकाओं के साथ मिल जाता है। ऐसे में आपके शरीर में मौजूद आयरन का इस्तेमाल ज्यादा तेजी से होता है।
तीसरी तिमाही के अंत में आपका हीमोग्लोबिन स्तर स्वत: ही थोड़ा बढ़ सकता है।
चाहे आपको गर्भावस्था की शुरुआत में एनीमिया न हो, तो गर्भावस्था में आगे आपको यह हो जाना असामान्य बात नहीं है। इसलिए हो सकता है बाद में आपकी यह जांच कराई जाए।
आपका एनीमिया आयरन की कमी की वजह से है या फिर फॉलिक एसिड या विटामिन बी12 जैसे विटामिन की कमी के कारण है। यह पता लगाने के लिए आपकी डॉक्टर अतिरिक्त परीक्षण भी करवा सकती है।
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