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क्या एक महीने में दो बार पीरियड्स हो सकते हैं? यहां जानें
हर महिला जीवन में एक निश्चित समय के लिए पीरियड्स का अनुभव करती है, लेकिन क्या उसे एक ही महीने में दो बार पीरियड्स हो सकते हैं. यहां जानें
सभी महिलाओं का शरीर अलग-अलग होता है. लेकिन अगर महिलाओं के मासिक धर्म की बात की जाए, तो एक चक्र 24 से 38 दिन के बीच में हो सकता है. किशोरावस्था में यह चक्र थोड़ा बढ़ भी सकता है. हालांकि, हर महीने मासिक धर्म चक्र में परिवर्तन होने की संभावना रहती है. इसलिए पिछले महीने के मुकाबले अगली मेंस्ट्रुअल साइकिल कम दिन की हो सकती है और महिलाओं को महीने की 1 से 30 तारीख के बीच दो बार पीरियड्स हो सकते हैं. लेकिन कुछ छिपे हुए कारण या समस्या की वजह से भी आपको जल्द ही पीरियड्स जैसा अनुभव हो सकता है. आइए जानते हैं कि किन कारणों के कारण महीने में दो बार पीरियड्स हो सकते हैं.
एक महीने में दो बार पीरियड्स होने के कारण
निम्नलिखित कारणों की वजह से आपको असली पीरियड्स नहीं होते हैं, बल्कि आपको वजायनल ब्लीडिंग (Vaginal Bleeding) होने लगती है. जिसे पीरियड्स समझ लिया जाता है. आइए इन कारणों के बारे में जानते हैं.
1. पेल्विक इंफ्लामेटरी डिजीज के कारण
महिलाओं में पेल्विक इंफ्लामेटरी डिजीज के कारण असामान्य वजायनल ब्लीडिंग (Vaginal Bleeding) हो सकती है. क्योंकि इस बीमारी का कारण बनने वाले बैक्टीरिया वजायना और सर्विक्स के माध्यम से महिलाओं के जननांग के भीतर पहुंच जाते हैं और उसे संक्रमित कर देते हैं. इस समस्या के कारण आपको महीने में दो बार पीरियड्स जैसा अनुभव हो सकता है.
2. यूटेराइन फाइब्रॉयड के कारण
जब गर्भाशय के अंदर ट्यूमर (बिनाइन ट्यूमर) विकसित हो जाता है, तो उसे यूटेराइन फाइब्रॉयड की समस्या कहा जाता है. आमतौर पर यह समस्या उन महिलाओं को होती है, जिनकी उम्र गर्भवती होने के लायक होती है. इन बिनाइन ट्यूमर के कारण वजायनल ब्लीडिंग हो सकती है.
3. गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन
जो महिलाएं नियमित रूप से गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन कर रही होती हैं, उनके अचानक दवाओं का सेवन छोड़ने पर असामान्य पीरियड्स शुरू हो सकते हैं. वहीं, कुछ गर्भनिरोधक दवाएं आपके शरीर में हॉर्मोनल चेंज का कारण बन सकती हैं, जिसके कारण असामान्य ब्लीडिंग हो सकती है.
4. प्रेग्नेंसी के कारण ब्लीडिंग
गर्भधारण होने के दौरान आपको वजायनल ब्लीडिंग का अनुभव हो सकता है. इसे इंप्लांटेशन ब्लीडिंग कहा जाता है. जो कि ब्लड स्पॉटिंग से लेकर मध्यम रक्तस्राव तक हो सकता है. यह रक्तस्राव गर्भधारण करने के 6 दिन से लेकर 12 दिन के अंदर हो सकता है. इसलिए अगर आप सेक्शुअली एक्टिव हैं और आपने एक महीने में दो बार पीरियड्स जैसा अनुभव किया है, तो प्रेग्नेंसी टेस्ट जरूर करवा लें.
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