Login
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi adipiscing gravdio, sit amet suscipit risus ultrices eu. Fusce viverra neque at purus laoreet consequa. Vivamus vulputate posuere nisl quis consequat.
Create an accountLost your password? Please enter your username and email address. You will receive a link to create a new password via email.
गर्भाशय को हेल्दी रखने के लिए महिलाएं रोजाना करें ये 4 योग
अगर आप पीरियड्स और रिप्रोडक्टिव संबंधी समस्याओं से जूझ रही हैं तो गर्भाशय को हेल्दी बनाने के लिए रोजाना ये 4
योग हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी होता है और इस बात की जानकारी हम सभी को है। नियमित योग का अभ्यास करने से आपके संपूर्ण स्वास्थ्य में भारी बदलाव आता है। योग आपके प्रजनन तंत्र को स्वस्थ रखने में भी अहम भूमिका निभाता है।
आजकल, महिलाएं अक्सर गर्भाशय या प्रजनन प्रणाली से संबंधित समस्याओं की शिकायत करती हैं। इसके पीछे प्रमुख कारण बिजी लाइफस्टाइल है, जिसके चलते हम अपने स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान नहीं दे पाते हैं। यहीं पर हमारी लाइफस्टाल की गुणवत्ता में सुधार लाने में योग की भूमिका महत्वपूर्ण है।
योग गर्भाशय फाइब्रॉएड, पॉलीप्स और एंडोमेट्रियोसिस जैसी स्थितियों में सुधार करने में भी मदद करता है। यह सही ब्लड सर्कुलेशन और गर्भाशय की मजबूती सुनिश्चित करता है। इसलिए, सरल योगाभ्यास आपके स्वास्थ्य में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाने की क्षमता रखते हैं।
अगर आप भी हेल्दी गर्भाशय के लिए योग की तलाश कर रही हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए बिल्कुल सही है। इसके बारे में हमें आयुर्वेदिक डॉक्टर जीतू रामचंद्रन जी बता रही हैं। जीतू रामचंद्रन जी का कहना है, ''यदि आप पीरियड्स और रिप्रोडक्टिव संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो ये 5 मूव्स को रोजाना करना चाहिए। यह त्रिक चक्र की रुकावट को दूर करने और आपकी फेमिनिन ऊर्जा से जुड़ने में भी मदद करता है।''
तितली मुद्रा
butterfly pose
यह योगासन गर्भाशय के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है। इसे बद्ध कोणासन के नाम से भी जानते है। यह पेट की मसल्स, विशेष रूप से गर्भाशय और ओवरीज पर प्रभावी ढंग से काम करता है। यह बद्ध कोणासन मुद्रा गर्भाशय में ब्लड सर्कुलेशन को भी बढ़ावा देती है और इसकी मसल्स को स्ट्रेच करता है। यह आसन प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए भी जाना जाता है।
विधि
पैरों को सामने की ओर फैलाकर बैठें।
जैसे ही आप सांस छोड़ती हैं, घुटनों को मोड़ें और एड़ियों को पेल्विक तक ले जाएं।
घुटनों को दोनों ओर आराम दें और तलवों को एक दूसरे से छूते हुए पैरों को आपस में दबाएं।
पैरों को एंगल पोज़ में रखने के लिए पैर की उंगलियों को हाथों से पकड़ें।
पैरों को तितली की तरह ऊपर-नीचे की ओर करें।
5-10 मिनट तक इस आसन को करें और धीरे-धीरे समय बढ़ाते जाएं।
पश्चिमोत्तानासन
paschimottana asana
यह योग आसन प्रजनन स्वास्थ्य के लिए आसान लेकिन प्रभावी है और इसके कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी हैं। पश्चिमोत्तानासन गर्भाशय और ओवरियन मसल्स को फैलाता है और पीरियड्स में ऐंठन से राहत देता है। सुनिश्चित करें कि आप खाली पेट पश्चिमोत्तानासन करें।
विधि
पश्चिमोत्तानासन करने के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा होता है।
इसे करने के लिए सीधी बैठ जाएं और पैरों को सामने की ओर फैलाएं।
जैसे ही आप गहरी सांस छोड़ती हैं, अपने शरीर को आगे की ओर झुकाएं।
चेहरे को अपनी जांघों से स्पर्श करें और बाहों को पैर की उंगलियों को छूने के लिए फैलाएं।
जितना हो सके आसन को स्ट्रेच और होल्ड करें और फिर गहरी सांस लेते हुए इसे धीरे-धीरे छोड़ें।
जब आप ऊपरी शरीर को पीछे स्ट्रेच करती हैं तो बाजुओं को फैलाकर रखें।
गहरी सांस छोड़ते हुए बाजुओं को आराम दें।
अंजनेयासन या अर्धचंद्राकार मुद्रा
crescent pose
इस आसन को करते समय आपको थोड़ा दर्द हो सकता है, लेकिन यह दर्द आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। यह आपकी बॉडी को लचीला, मजबूत और टोंड बना देता है। यह आपके क्वाड्रिसेप्स, हैमस्ट्रिंग, हिप जॉइंट्स और ग्लूट्स में स्ट्रेच खिंचाव को कम करता है।
विधि
इसे करने के लिए नीचे की ओर मुंह करें।
अब दाएं पैर को हाथों के बीच में रखें और बाएं पैर के घुटने को फर्श पर रखें।
बाएं पैर को फर्श के ऊपर की ओर रखें।
यह सुनिश्चित करें कि आपका दायां घुटना 90 डिग्री के कोण पर मुड़ा हुआ हो।
श्वास लें, अपनी रीढ़ को ऊपर की ओर उठाएं।
हाथों को कानों की ओर ऊपर खींचे और हाथों को नमस्कार मुद्रा में जोड़ें।
सिर को थोड़ा नीचे की ओर झुकाएं और ऊपर की ओर देखें।
कुछ सांसों तक इसी मुद्रा में रहे।
फिर यह प्रक्रिया अपने बाएं पैर के साथ दोहराएं।
Recommended Video
उत्कट कोणासन
goddess pose
यह मुद्रा पेट, घुटनों, पैरों और काफ्स को मजबूत करती है और साथ ही पेल्विक फ्लोर को भी उत्तेजित करती है।
विधि
पैरों को थोड़ी दूरी पर रखकर खड़ी हो जाएं।
लचीलेपन के आधार पैरों की उंगलियों को बाहर की ओर 45 से 90 डिग्री तक मोड़ें।
लंबी सांस लें और रीढ़ की हड्डी को ऊपर की ओर स्ट्रेच करें।
सांस छोड़ते हुए घुटनों को मोड़ें और हिप्स को स्क्वाट में नीचे की ओर लाएं। नमस्कार मुद्रा में हथेलियों को चेस्ट के सामने रखें।
अब इसी प्रक्रिया में सांसों को कुछ सेकेंड तक रोकें।
फिर से इस प्रक्रिया को दोहराएं।
इसके अलावा, हिप का मूवमेंट करते हुए कुछ तरह के डांस को भी आप कर सकती हैं। इन 4 योग को करके आप भी गर्भाशय को हेल्दी बनाए रख सकती हैं। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
--------------------------- | --------------------------- |