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शारदीय नवरात्रों में पंडित बीएल गौतम ने नवरात्र में निःसंतानता दूर करने के उपाय बताये।
मथुरा
मथुरा। शारदीय नवरात्रों में माँ भगवती की विधि विधान से पूजा करने से संतान की प्राप्ति होती है। जिन महिलाओं को संतान नहीं होती है वो अगर इस विधि से और इस तिथि को पूजा करें तो निश्चित ही संतान की प्राप्ति होती है। पंडित बीएल गौतम ने नवरात्र में निःसंतानता दूर करने के उपाय बताये।
पंडित बीएल ने नवमी के दिन नि:संतानता दूर करने के उपायों के बारे में जानकारी देते हुए बताया मां भगवती का दिन है नवमी। स्वरूप शक्ति के रूप में किसी जातक की कोख में वह बालक जन्म लेता है तो वह दिव्य शक्ति स्वरूप होता है। मां जननी जगत धारणी सभी की मनोकामना करें। लेकिन | श्रीफल भेंटम कायिक वाचिक मानसे शक्ल दोषं परियर्टम | यानि जाने अनजाने में जो गलती होती हैं उन्हें संतान प्राप्ति नहीं होती। जिसमें पितृदोष, देव दोष कई प्रकार के दोष होते हैं। नवमी को मां भगवती के चरणों में नारियल भेंट करते हैं तो पुत्र की प्राप्ति होती है। ऐसी महिला जिनका गर्भधारण नहीं हुआ, पति और पत्नी दोनों नारियल को लेकर सात बार कलावा लपेट कर मां भगवती के चरणों में उसे रखें। अवश्य ही द्वितीय साल में पुत्र प्राप्ति का योग बन जाता है। उसी साल में नौ कन्याओं और ब्राह्मण भोजन कराना चाहिए। उनको रोली का टीका लगाना चाहिए बच्चों की उम्र 5 वर्ष से 9 वर्ष के बीच में होनी चाहिए। तो यह योग बन जाता है उन्होंने पूजा की विधि के बारे में बताते हुए कहा पूर्व साइड में मुंह करके एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर चौकी पर अष्ट कमल बनाकर बीच में सबसे पहले गणेश जी को स्थापित करना चाहिए। गणपति विराजमान करने के बाद नौ देवियों का आह्वान करें अगर बीच में कोई छूट भी गई हो तो पहले दिन से लेकर नौवें दिन तक सभी का आह्वान कर लें। आह्वान करने के बाद 9 चावल की ढेरी लगावें इन चावल की ढेरियों पर 9 सुपारी को रखें। उनका पूजन करें दुर्गा सरस्वती का पाठ करें संतान गोपाल का भी पाठ संग में करें। संतान गोपाल का पाठ करने के साथ ही हवन करें और जो उनके नाम हैं उन्हीं आहूतियों से हवन इत्यादि करें। हवन इत्यादि करने के बाद कन्याओं को भोजन प्रसादी देकर खुद भी प्रसाद पाएं।
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लाल पुष्प है भगवती को अतिप्रिय
रोली चावल अबीर गुलाल पुष्प इन सभी वस्तुओं को लें और मां भगवती के चरणों में अर्पित कर दें। मां भगवती को जो सामग्री पसंद है उन सामग्रियों को ले खासकर पुष्प लाल रंग के उन्हें भेंट करें जो अंकुरारोपन है। जिन्हें जौ के नाम से जानते हैं। जिनको पहले दिन बोते हैं और नवमी के दिन निकालते हैं, उन्हें तोड़ने की दोनों हाथ आगे करके मां भगवती की आज्ञा लें।नवरात्र में कन्या पूजन के बगैर व्रत अधूरे, जानिए क्यों होती है पूजा और कन्या पूजन की विधि
रावण को मारने के लिए भगवान राम ने मां सरस्वती का आह्वान किया
पंडित बीएल गौतम ने बताया कि इनसे ठाकुर जी का धनुष बनता है और इसी धनुष से भगवान राम ने रावण का वध किया था। क्योंकि रावण जितना ज्ञानी था उसको मारने के लिए बड़े-बड़े दिग्गज उनके सामने नतमस्तक हो गए। भगवान राम ने 9 दिन तक देवी की पूजा की थी उसी के अनुरूप रावण पर भगवान राम ने विजय पाई थी। भगवान राम ने चार दिन सप्तमी, अष्टमी, नवमी और दसवीं इन चार दिन भगवान राम ने मां सरस्वती का आह्वान किया था। गोपनीय रूप से ठाकुर जी ने सरस्वती आह्वान किया। अगर कोई निसंतान व्यक्ति इस विधि से पूजा करता है तो उसे अवश्य ही संतान की प्राप्ति होती है।
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