पीरियड आने से पहले के लक्षण?pregnancytips.in

Posted on Sun 23rd Aug 2020 : 23:59

क्या हैं पीरियड से जुड़ी खास 6 समस्याएं और उनके कारण, कैसे हो निवारण?
Arunima Soni
अरुणिमा सोनी
All Menstrual Problems and their Solutions

मासिक धर्म चक्र/मेंस्ट्रुअल साइकल अक्सर पीरियड आने से पहले अपने कई असहज लक्षणों का अहसास करा ही देता है या कहें कि अपने आने का आभास दे देता है। जिनमें, हाथ पैरों में दर्द, पेट के निचले भाग में हल्का सा दर्द होना, मतली आना, थकान, ऐंठन आदि लक्षण शामिल हैं। जो कि पीरियडस शुरू होने के साथ ही बंद भी हो जाते हैं।

लेकिन ऐसा नहीं है कि मासिक धर्म से जुड़ी बस यह हल्की-फुल्की परेशानियां ही होती हों! बल्कि अन्य अधिक गंभीर समस्याएं भी कई बार सिर उठा लेती हैं। जैसे हर महीने तय समय पर ‘डेट’ न आना, कभी समय से पहले तो कभी समय के बाद आना। कभी बहुत ब्लीडिंग होना और कभी एक या दो दिन में ही पीरियड का बंद हो जाना। और कुछ मामलों में पीरियड आए तो 1 महीने तक होता ही रहे, ऐसा भी देखा गया है।

Table of Contents

पीरियड से जुड़ी समस्याएं
प्रीमेन्स्ट्रुअल सिंड्रोम, Premenstrual Syndrome
हेवी ब्लीडिंग, Heavy Bleeding
एब्सेंट पीरियड या पीरियड न आना, Absent Period
पेनफुल पीरियड्रस, Painful Periods
डायग्नोज मेंस्ट्रुअल प्राॅब्लम, Diagnose menstrual Problem
लाॅन्ग टर्म आउटलुक, Long Term Outlook

पीरियड से जुड़ी समस्याएं
1. प्रीमेन्स्ट्रुअल सिंड्रोम (Premenstrual Syndrome)
2. हेवी ब्लीडिंग, Heavy Bleeding
3. एब्सेंट पीरियड या पीरियड न आना (Absent Period)
4. पेनफुल पीरियड्रस (Painful Periods)
5. डायग्नोज मेंस्ट्रुअल प्राॅब्लम (Diagnose menstrual Problem)
6. लाॅन्ग टर्म आउटलुक, Long Term Outlook
प्रीमेन्स्ट्रुअल सिंड्रोम, Premenstrual Syndrome

Premenstrual Syndrome Femina

‘पीएमएस’ यानी प्री-मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम, यह आपको पीरियड शुरू होने के एक से दो सप्ताह पहले से होता है। जिससे हमें यह पता चलता है कि हमारी डेट आने वाली है। इसमें, कुछ महिलाओं को कई तरह के शारीरिक और भावनात्मक लक्षणों का अनुभव होता है, तो वहीं कुछ को कुछ होता ही नहीं। उनके लिए जैसे कोई दूसरा दिन वैसे ही माहवारी के दिन। यह सभी शारीरिक लक्षण ‘पीएमएस’ यानी प्री मेंस्ट्रुअल पीरियड में आते हैं। जैसे-

सूजन, चिड़चिड़ापन
सिर दर्द
मुंहासे
स्तन दर्द
पीठ व पैर दर्द
बढ़िया भोजन की इच्छा
चिंता
अनिद्रा
कब्ज
दस्त
पेट में हल्की ऐंठन

इस तरह से आप हर महीने मासिक धर्म के आने से पहले या दौरान अलग-अलग लक्षणों का अनुभव कर सकती हैं और इन लक्षणों की गंभीरता भी अलग-अलग हो सकती है। वैसे प्री-मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम असहज हो सकते हैं! लेकिन चिंताजनक नहीं, क्योंकि ज्यादातर में मामलों में यह लक्षण हर किसी में थोड़े बहुत मिलते ही हैं। लेकिन यह चिंताजनक नहीं हैं, यह बात भी तब तक ही कही जा सकती है जब तक वह आपकी ‘डेली लाइफ’ में रुकावट न पैदा करने लग जाएं।
हेवी ब्लीडिंग, Heavy Bleeding

Heavy Bleeding TOI

मासिक धर्म की दूसरी सबसे काॅमन समस्या है, हेवी ब्लीडिंग यानी भारी रक्तस्राव। इसे मेनोरेजिया भी कहते हैं। मेनोरेजिया यानी सामान्य से अधिक रक्तस्राव। इससे पीड़ित होने पर आपके पीरियड 5 या 7 दिनों केे नाॅर्मल पीरियड से ज्यादा दिनों के भी हो सकते हैं।

मेनोरेजिया ज्यादातर हार्मोन के स्तर में असंतुलन के कारण होता है। विशेष रूप से प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन के असंतुलित होने पर।
भारी या अनियमित मासिक धर्म रक्तस्राव के अन्य कारणों में शामिल हैं- यौवनारंभ यानी टीनएज
योनि में संक्रमण
गर्भाशय ग्रीवा की सूजन
अंडरएक्टिव थायराॅयड ग्रंथि
फाइब्राॅइड
आहार या व्यायाम में परिवर्तन

एब्सेंट पीरियड या पीरियड न आना, Absent Period

All Menstrual Problems and their Solutions TOI

कुछ मामलों में, ऐसा भी देखा गया है कि महिलाओं को पीरियड या तो आते ही नहीं या रूक-रूक कर आते हैं। या फिर एक दिन आया फिर नहीं आया फिर 2 दिन बाद फिर थोड़ा सा आ गया। इसे ‘एमेनोरिया’ कहते हैं। प्राइमरी एमेनोरिया तब होता है, जब आपको 16 साल की उम्र तक पहला पीरियड न हो। इसका पहला कारण ‘पिटटयूटरी ग्लैंड’ में समस्या हो सकती है। जो प्रजनन प्रणाली के जन्मजात दोष या टीनएजर होने में देरी के कारण हो सकती है। दूसरा कारण, जब 6 महीने या उससे अधिक समय के लिए आपका पीरियड न आए, उसे भी एमेनोरिया तब होता है।

किशोरावस्था में प्राइमरी ऐमेनोरिया और सेकेंडरी ऐमेनेरोइया में निम्न कारण शामिल हैं-

एनोरेक्सिया
अतिसक्रिय थायराॅयड ग्रंथि यानी हाइपरथायराॅयड
ओवरी सिस्ट
अचानक वजन बढ़ना या कम होना
प्रेगनेंसी
बर्थ कंट्रोल
जब वयस्कों यानी मेच्योर महिलाओं को मासिक धर्म नहीं होता, तो सामान्य कारण अक्सर भिन्न होते हैं। जैसे-
समय से पहले डिंबग्रंथि की विफलता
पेल्विक इंफलेमेटरी डिजीज। एक फर्टिलिटी इंफेक्शन
बर्थ कंट्रोल
प्रेगनेंसी
ब्रेस्ट फीडिंग
मेनोपाॅज

आमतौर पर पीरियड मिस होने का मतलब होता है, कि आप प्रेग्नेंट हैं। इसलिए सबसे पहले तो यदि आपको यह संदेह हो कि ऐसा हो सकता है तो, प्रेगनेंसी टेस्ट करें।
पेनफुल पीरियड्रस, Painful Periods

Painful Periods TOI

आपका मासिक धर्म न केवल सामान्य से हल्का या भारी हो सकता है, बल्कि यह दर्दनाक भी हो सकता है। पीएमएस के दौरान ऐंठन सामान्य है। ये तब भी होती है, जब आपका गर्भाशय आपके मासिक धर्म की शुरुआत के साथ सिकुड़ता है। हालांकि, कुछ महिलाओं को असहनीय दर्द का अनुभव भी हो सकता है। इसे ‘डिस्मेनोरिया’ भी कहते हैं। हद से ज्यादा दर्दनाक माहावारी संभावित रूप से एक अंतर्निहित चिकित्सा समस्या से जुड़ी होती है, जैसे-

फाइब्राॅइड
गर्भाशय के बाहर टिश्युज का असामान्य रूप से बढ़ जाना।
पेल्विक इंफलेमेटरी डिजीज।

डायग्नोज मेंस्ट्रुअल प्राॅब्लम, Diagnose menstrual Problem

Diagnose menstrual Problem TOI

किसी भी समस्या से निपटने का पहला जरूरी स्टेप होता है, समस्या का सही ‘डायग्नोज।’ क्योंकि जब तक ‘डायग्नोसिस’ सही नहीं होगी, आप इलाज किस चीज का करेंगे? इसलिए डाॅक्टर से मिलें। बात करें। उन्हें अपनी दिक्कतें विस्तार से बताएं। लेकिन इसके लिए भी आपको पूरी तैयारी करनी होगी क्योंकि डाॅक्टर जब आपसे आपकी समस्या के बारे में पूछे, तो आपके पास जवाब पहले से होना चाहिए, ताकि और वक्त बर्बाद न करते हुए, वह जल्द से जल्द आपका इलाज शुरू कर सके। लिहाजा अपने पीरियडस और उससे जुड़ी समस्याओं की एक टेबल यानी तालिका बना लें। इस तालिका या नोटस की मदद से आपका डाॅक्टर आपकी समस्या को जल्दी भांप सकता है।

शारीरिक जांच के अलावा डाॅक्टर आपकी पेल्विक जांच भी करेगा। पेल्विक परीक्षण डाॅक्टर आपके प्रजनन अंगों का आंकलन करने और यह निर्धारित करने के लिए करता है कि, आपकी योनि या गर्भाशय में सूजन तो नहीं? इसके अलावा कैंसर या दूसरी गंभरी समस्याओं के परीक्षण के लिए ‘पैप स्मीयर’ भी किया जा सकता है।

इसके अलावा ब्लड टेस्ट के जरिए आपका हार्मोनल इंबैलेंस यानी असंतुलन पता किया जा सकता है। यह देखने के लिए कि कहीं, हार्मोन के असंतुलन की वजह से तो कोई समस्या नहीं?

इसके अलावा डाॅक्टर कुछ और टेस्ट भी कर सकते हैं, जैसे-

एंडोमीट्रियल बायाॅप्सी
हिस्टीरोस्कोपी
अल्ट्रासाउण्ड
ट्रीटमेंट

अब जैसा मर्ज, वैसी दवा और वैसा ही इलाज! तो जो भी इलाज आपके पीरियड या उससे जुड़ी समस्या को ठीक करने के लिए किया जाएगा, वो इस बात पर निर्भर करेगा कि, आपकी माहवारी संबंधित समस्या कितनी साधारण या गंभीर है। तो ठीक रहेगा यदि इसका फैसला हम आपकी डाॅक्टर पर छोड़ दें।
लाॅन्ग टर्म आउटलुक, Long Term Outlook

देखिए, जरूरी नहीं कि हर बात में कोई मुददा हो ही। इसलिए अगर पीरियडस सिर्फ अनियमित हैं, लेकिन आते हैं और सही से आते हैं/यानी फ्लो ठीक है, तो यह स्थिति नाॅर्मल है। यानी आपको परेशान न होने की जरूरत है, न किसी को करने की।

इसके अलावा कभी-कभार यदि फ्लो ज्यादा आ जाए वो भी नाॅर्मल सी ही बात होती है।

.... लेकिन, यदि आपको पीरियड के समय नाॅर्मल से तेज दर्द हो, हेवी फ्लो यानी भारी रक्तस्राव के साथ खून के थक्के गिरें, तो यह नाॅर्मल नहीं है। तब आप तुरंत अपनी डाॅक्टर से मिलें।

इसके साथ ही यदि आपके पीरियड 21 दिन से पहले और 35 दिनों के बाद आ रहे हैं और यह लगातार हो रहा है, तो भी आपको तुरंत डाॅक्टर से संपर्क करने की आवश्यकता है।

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