प्रेगनेंसी में सर्दी जुकाम क्यों होता है?pregnancytips.in

Posted on Fri 11th Nov 2022 : 09:34

गर्भावस्था में सर्दी-जुकाम और खांसी का इलाज व घरेलू उपाय

गर्भावस्था में महिला को सर्दी-जुकाम की समस्या होना आम बात है। गर्भावस्था के दौरान महिला काफी संवेदनशील हो जाती है, जिस कारण सर्दी-खांसी व जुकाम जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। भले की यह समस्या छोटी-सी लगे, लेकिन अगर इसे सही समय पर नियंत्रित न किया जाए, तो यह और बढ़ सकती है। इससे मां और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों को तकलीफ हो सकती है। साथ ही गर्भवती को कोई भी दवा खाने से पहले डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए।बहरहाल, मॉमजंक्शन के इस लेख में हम प्रेगनेंसी के दौरान सर्दी-जुकाम व खांसी जैसी समस्याओं पर विस्तार से बात करेंगे। इस लेख में हम जानेंगे कि प्रेगनेंसी में सर्दी-खांसी होने के क्या कारण हैं, इसका घरेलू इलाज क्या है और कैसे इससे बचाव किया जाए। इन सभी सवालों के जवाब आपको इस लेख में मिलेंगे।

आइए, सबसे पहले जानते हैं कि प्रेगनेंसी में सर्दी-जुकाम व खांसी किन कारणों से होती है।
गर्भावस्था में सर्दी-जुकाम और खांसी के कारण

सर्दी-जुकाम ऊपरी श्वसन प्रणाली का एक सामान्य संक्रमण है। कई लोग मानते हैं कि ठंड के संपर्क में आने से या ठंड में गर्म कपड़े न पहनने से सर्दी-जुकाम हो जाता है, लेकिन कुछ अन्य कारण भी होते हैं। सर्दी-जुकाम के लिए कई तरह के विषाणु जिम्मेदार हो सकते हैं। गर्भावस्था के दौरान गर्भवती में इसके लक्षण अधिकतम तीन सप्ताह तक नजर आ सकते हैं। आइए, जानते हैं कि गर्भावस्था में किन कारणों से सर्दी-जुकाम व खांसी होती है :

ह्यूमन राइनो वायरस : इस तरह के कई वायरस मौजूद हैं, जो सर्दी-जुकाम का कारण हो सकते हैं। यह आमतौर पर व्यक्ति की नाक में पाए जाते हैं। ये वायरस तेजी फैलते हैं, लेकिन किसी तरह की गंभीर स्वास्थ्य समस्या नहीं होती (1)।

कोरोना वायरस : केवल छह प्रकार के ऐसे वायरस इंसान को प्रभावित करते हैं, अन्य वायरस ज्यादातर जानवरों में पाए जाते हैं (2)।

मानव पैरेनफ्लुएंजा वायरस (एचपीवी), एडीनोवायरस और श्वसन संश्लेषण वायरस (आरएसवी) : इस वायरस से हल्का-सा संक्रमण हो सकता है। यह कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है। इंफ्लुएंजा वायरस मुख्य रूप से एन1एच1 का प्रकार है, जो स्वाइन फ्लू का कारण बनता है।

गर्भावस्था के दौरान सर्दी-जुकाम के लक्षण

सर्दी-जुकाम के लक्षण पहचानने में देर नहीं लगती। जरा-सी सर्दी होने पर इसके लक्षण तुरंत सामने आ जाते हैं, जो कुछ दिनों के लिए बने रहते हैं। फिलहाल, हम नीचे प्रेगनेंसी में सर्दी-जुकाम के कुछ सामान्य लक्षण बता रहे हैं :

नाक बहना
लगातार छीकें आना
थकान महसूस होना
हल्का बुखार महसूस होना (100 डिग्री फारेनहाइट से कम तापमान)
खांसते समय कफ निकलना
गले में खराश होना
नाक बंद होना
सिर दर्द होना

आइए, अब सर्दी-जुकाम के लिए घरेलू उपचारों के बारे में जानते हैं।
गर्भावस्था में सर्दी-जुकाम के लिए घरेलू उपचार

ज्यादातर लोग सर्दी, खांसी व जुकाम जैसी समस्या के लिए सबसे पहले घरेलू उपचार करना ही पसंद करते हैं। आपको घर में ऐसी कई गुणवत्ता वाली चीजें मिल जाएंगी, जो इस बीमारी में काफी फायदा पहुंचा सकती हैं। नीचे हम आपको गर्भावस्था के दौरान सर्दी-जुकाम और सूखी खांसी से राहत पाने के लिए कुछ घरेलू उपचार बता रहे हैं :

ज्यादा से ज्यादा तरल लें : सर्दी-जुकाम से आपकी भूख प्रभावित होती है। ऐसे में आपके शरीर में पोषक तत्वों और पानी की कमी न हो, उसके लिए ज्यादा से ज्यादा तरल चीजों का सेवन करें। आप ताजे फलों का रस, सूप और शोरबा पी सकती हैं। तरल पदार्थ कफ को निकालने में मदद करेंगे। आप दिन में आठ से 10 गिलास पानी जरूर पिएं।

पौष्टिक चीजें खाएं : गर्भावस्था में रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ जाती है, जिस कारण सर्दी-जुकाम होने लगता है। इसलिए, इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए आपको पौष्टिक चीजें खानी चाहिए। आप अपने खानपान में हरी सब्जियां, टमाटर, पालक व फल जरूर शामिल करें, जिससे आपको भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट मिले और रोग-प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो। आपको बता दें कि एंटीऑक्सीडेंट से रोग-प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है, जो इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करते हैं (3)। कुछ भी हो, आप खाना-पीना बंद बिल्कुल न करें। आप दिनभर में तीन बार खाने की जगह छह बार में खाएं।

आराम करें : सर्दी-जुकाम में ज्यादा से ज्यादा आराम करना जरूरी है। आप जितना सोएंगी, जितना आराम करेंगी, उतनी ही जल्दी इस बीमारी से राहत मिलेगी। साथ बेडरेस्ट करने से यह संक्रमण परिवार के दूसरे लोगों में नहीं फैल पाता है।

अपने सिर को ऊपर रखें : लेटते समय अपने सिर को ऊंचा रखें। इसके लिए आप सिर के नीचे तकिये लगा सकती हैं। इससे आपको सांस लेने में आसानी होगी।

गर्म सिकाई करें : सर्दी की वजह से आपकी नाक बंद हो सकती है। इससे सिर दर्द जैसी समस्या हो जाती है। ऐसे में आप गर्म कपड़े से सिर की सिकाई करें। आपको राहत मिलेगी (4)।

भांप लें : जुकाम की वजह से नाक बंद होने के कारण सांस लेने में तकलीफ होती है। ऐसे में आप गर्म पानी से भांप लें। बंद नाक से आपको राहत मिलेगी और आप ठीक से सांस ले पाएंगी। आप गर्म पानी में यूकेलिप्टस तेल की कुछ बूंदें डालें और सिर को तौलिये ऐसे ढकें कि भाप बाहर न जा सके। फिर भाप के ऊपर मुंह ले जाकर गहरी सांस लेने की कोशिश करें। इस दौरान अपनी आंखें बंद रखें।

नींबू का रस और शहद : गले में खराश से राहत पाने के लिए यह बेहतरीन उपाय है। इसके लिए आप एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद और थोड़ा-सा नींबू का रस मिलाएं और धीरे-धीरे करके इस पानी को पिएं।

ताजा लहसुन खाएं : लहसुन में एंटीवायरल गुण होते हैं (5), जो वायरस को खत्म करने में मदद करते हैं। आप रोजाना लहसुन की एक कली खा सकती हैं।

घरेलू उपचार जानने के बाद हम बात करेंगे सूखी खांसी और सामान्य खांसी की।
सूखी खांसी और सामान्य खांसी के बीच अंतर क्या है?

सूखी खांसी और सामान्य खांसी के बीच केवल यही अंतर है कि सूखी खांसी में बलगम नहीं आता और सामान्य खांसी में खांसते समय बलगम आता है। सूखी खांसी नाक और गले में संक्रमण के कारण हो सकती है। सूखी खांसी होने पर आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि आपके गले में कुछ फंसा हुआ है। वहीं, सामान्य खांसी में फेफड़ों में बलगम जम जाता है, जो खांसते समय मुंह से बाहर आता है।
गर्भावस्था में सूखी खांसी के कारण

गर्भावस्था में सूखी खांसी कई कारणों से हो सकती है। नीचे हम इन्हीं कारणों के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं :

एलर्जी : जिस गर्भवती महिला को किसी खाने की चीज से एलर्जी होती है, तो उन्हें उसके सेवन से सूखी खांसी हो सकती है। जैसे ही गर्भवती महिला एलर्जी वाली चीज खाएगी, तो उसे सांस लेने में तकलीफ होगी और खांसी होने लगेगी।

अस्थमा : अगर गर्भवती को अस्थमा की समस्या है, तो भी खांसी की समस्या हो सकती है।

ब्रोंकोस्पाज्म : जिन महिलाओं को पहले से ब्रोंकाइटिस की समस्या होती है, उन्हें भी गर्भावस्था में सूखी खांसी हो सकती है। ब्रोंकोस्पास्म किसी कीड़े के काटने या किसी खाने की चीज से एलर्जी होने से भी हो सकता है।

गर्भावस्था में राइनाइटिस : यह ऐसी समस्या है, जो सिर्फ गर्भवती महिलाओं को होती है, जिस कारण उन्हें खांसी होने लगती है। गर्भावस्था के दौरान एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जिस कारण कभी-कभी नाक की श्लेष्म झिल्ली में सूजन आ जाती है। इस कारण गला बैठ सकता है और सूखी खांसी हो सकती है (6)।

गर्भावस्था के दौरान सूखी खांसी के लिए घरेलू उपचार

आप कुछ घरेलू उपाय अपनाकर प्रेगनेंसी के दौरान सूखी खांसी से राहत पा सकते हैं। जानिए क्या हैं, गर्भावस्था के दौरान सूखी खांसी के घरेलू उपचार :

पर्याप्त नींद : अच्छी नींद कई बीमारियों का इलाज है। अगर आपको सूखी खांसी है, तो जितना हो सके आराम करें और पर्याप्त नींद लें।

नींबू : नींबू पर थोड़ा-सा काली मिर्च का पाउडर डालकर चाटने से आपको सूखी खांसी से राहत मिल सकती है।

अदरक : खाने के साथ अदरक के एक-दो टुकड़े खाना आपके लिए फायदेमंद हो सकता हैं।

तुलसी और शहद : तुलसी के पत्ते पीसकर इसमें शहद मिलाएं और इस पेस्ट को खाएं। सूखी खांसी से राहत पाने के लिए इसका रोजाना सेवन करें।

प्याज और शहद : प्याज के रस में थोड़ा-सा शहद मिलाएं और इसका सेवन करें। सूखी खांसी से राहत मिलेगी।

संतरे का जूस : संतरे का जूस भी सूखी खांसी से राहत दिलाने में मदद करता है। इसमें विटामिन-सी होता है, जो आपकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।

नींबू और गर्म पानी : अगर आपको सूखी खांसी से राहत नहीं मिल रही है, तो आप गुनगुने पानी में आधा नींबू निचोड़कर पिएं। इससे आपको राहत मिलेगी।

गर्भावस्था के दौरान सर्दी-जुकाम और खांसी के लिए दवाएं | Pregnancy Me Khasi Medicine

यूं तो डॉक्टर प्रेगनेंसी में सर्दी-जुकाम की दवा ज्यादातर नहीं देते, लेकिन अगर समस्या ज्यादा बढ़ जाती है, तो कुछ दवाएं आपको दी जा सकती हैं। साथ ही ध्यान रहे कि गर्भावस्था की पहली तिमाही में कोई भी दवा या सीरप नहीं देना चाहिए। इससे गर्भपात और कंजेनिटल अनोमालीज होने की आशंका रहती है। आइए, कुछ दवाओं के बारे में जानते हैं (7):

एसिटामिनोफेन, यह दवाई सर्दी के कारण होने वाले बुखार में दी जा सकती है (8)।
सूडोफेड्रीन (9)।
लोरैटैडाइन।
मेंथोल या नॉन मेंथोल वाला कफ सिरप।

इसके अलावा, डॉक्टर विक्स वेपोरब लगाने और गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारे करने की सलाह भी दे सकते हैं।

नोट : ध्यान रहे कि प्रेगनेंसी में हर महिला की स्थिति अलग-अलग हो सकती है। इसलिए, आप अपनी मर्जी से कभी कोई दवाई न लें। हमेशा डॉक्टर की सलाह से ही दवा खाएं।

आइए, अब जानते हैं कि प्रेगनेंसी में सर्दी-जुकाम और खांसी से कैसे बचाव किया जा सकता है।
प्रेगनेंसी में सर्दी-जुकाम और खांसी से बचाव

प्रेगनेंसी में इम्यून सिस्टम कमजोर होने के कारण वायरस जल्दी पकड़ लेता है और सर्दी-खांसी हो जाती है। ऐसे में आप शुरू से ही कुछ सावधानी रखेंगी, तो इससे बचा जा सकता है। नीचे हम प्रेगनेंसी में सर्दी-जुकाम और खांसी से बचाव के कुछ टिप्स दे रहे हैं :

साफ-सफाई बनाए रखें : हवा के जरिए फैलने वाली खांसी व जुकाम के लिए राइनोवायरस जिम्मेदार होते हैं। यह न फैले, इसके लिए आपको साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना होगा। आप कुछ भी खाने से पहले और खाने के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह जरूर धोएं।

फ्लू वैक्सिनेशन : आप फ्लू और सर्दी-जुकाम से बचने के लिए टीके भी लगवा सकते हैं। इंफ्लुएंजा वैक्सीन अब नियमित रूप से महिला को दी जाती है। यह महिला और 6 माह तक के शिशु को स्वस्थ रखती है (10)।

हैंड सैनिटाइजर : जब आप बाहर जा रही हों, तो हमेशा अपने साथ हैंड सेनेटाइजर रखें। हो सकता है आपको कहीं हाथ धोने का मौका न मिल पाए, ऐसे में हैंड सैनिटाइजर आपके काम आ सकता है। इसमें मौजूद एल्कोहल सर्दी-खांसी फैलाने वाले वायरस को फैलने से रोकता है।

मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

यूं तो हल्का-सा सर्दी जुकाम घरेलू नुस्खों से ही ठीक हो जाता है, लेकिन गर्भावस्था में किसी तरह का जोखिम लेना ठीक नहीं, इसलिए आप इस समस्या के ज्यादा बढ़ने का इंतजार न करें। अगर आपको लगे कि आपकी भूख कम हो रही है, इस वजह से आप ठीक से सो नहीं पा रही हैं और लगातार कुछ दिनों यह समस्या बनी हुई है, तो डॉक्टर से संपर्क करने में देरी न करें।

इसके अलावा, अगर सर्दी-जुकाम में शरीर का तापमान 102 डिग्री फारेनहाइट यानी 100 से ज्यादा होने लगे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा, अगर आपको खांसते समय सीने में दर्द या रंगहीन कफ निकले, तो डॉक्टर के पास जरूर जाएं। ऐसे में डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक दवा दे सकते हैं।


गर्भावस्था के दौरान सूखी खांसी बेबी को प्रभावित करेगी?

नहीं, सूखी खांसी गर्भ में पल रहे शिशु के प्रभावित नहीं करती। इससे सिर्फ रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ती है, जो सिर्फ मां को प्रभावित करती है। प्लेसेंटा से शिशु को पूरी सुरक्षा मिलती है, लेकिन अगर इसका सही समय पर इलाज न कराया गया, तो इससे शिशु के विकास में बाधा आ सकती है। सावधानी के तौर पर आप नियमित रूप से अपना चेकअप कराती रहें और शिशु के विकास पर नजर बनाए रखें।

क्या गर्भावस्था में खांसी-जुकाम की सामान्य दवाई लेना सुरक्षित है?

आप डॉक्टर की सलाह के बिना खुद से कोई भी दवाई न लें। खांसी-जुकाम की कोई भी दवाई लेने से पहले अपने डॉक्टर से पूछ लें। सर्दी-खांसी की दवाओं में ऐसे तत्व हो सकते हैं, जो गर्भावस्था के दौरान नुकसान पहुंचा सकते हैं। कुछ दवाओं में तो एल्कोहल भी होता है, जिससे शिशु को नुकसान पहुंच सकता है।

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