बच्चा बंद करने का ऑपरेशन को क्या कहते हैं?pregnancytips.in

Posted on Fri 11th Nov 2022 : 09:26

प्रेगनेंसी को रोकने का परमानेंट तरीका है ट्यूबेक्टोमी है। भारत जैसे देशों में गर्भ निरोधक का ये तरीका बहुत प्रचलित है। अब परिवार नियोजन के बारे में लोग ज्‍यादा जागरूक होने लगे हैं। अब सिर्फ एक या दो ही बच्‍चे पैदा करने का चलन है।


महिला नसबंदी, गर्भनिरोध का स्थाई तरीका है।[1] इस प्रक्रिया में स्त्री की अंडवाहिकाओं (या फालोपिओ-नलिकाओं) के छेदन (Ligature of fallopian tubes) से गर्भस्थापना की तनिक भी संभावना नहीं रहती। इस शल्यकर्म से शुक्राणु और अंडाणु का संगम असंभव हो जाता है और फिर संतान होने की संभावना सदा के लिए मिट जाती है।

इस प्रक्रिया के अंतर्गत महिला के उदर में एक छोटा सा छेद करना पड़ता है जिससे कि महिला के फैलोपियन ट्यूब तक पहुंचा जा सके। फिर उसको काट कर बांध दिया जाता है या ढक दिया जाता है। यह स्थानीय निश्चेतक (एनेस्थेसिया) देकर किया जा सकता है। महिला के अंदर का फैलोपियन ट्यूब ब्लाक कर दिया जाता है जिससे कि अंडाशय में उत्पन्न अंडे, शुक्राणुओं के साथ मिल न सके। सही तरीके की शल्यक्रिया करने पर महिला बन्ध्याकरण बहुत ही प्रभावी सिद्ध होता है।

इसमें जटिलताएं पैदा हो सकती हैं तथा होती भी हैं। संक्रमण, आंतरिक रक्त स्राव, बच्चेदानी और/या अंतड़ियों में छिद्र हो सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप हृदय संबंधित समस्याएं, अनियमित रक्तस्राव, माहवारी के दौरान काफी तकलीफ देने वाला दर्द और बार-बार डी एंड सी करने की आवश्यकता अथवा जननेन्द्रिय थैली तक निकालने की आवश्यकता होती है। ऐसे मामले में तत्काल डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। बन्ध्याकरण क्रिया के पहले तथा बाद में समुचित सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। शल्य क्रिया के बाद कम से कम 48 घंटे आराम की आवश्यकता होती है। सामान्य क्रियाकलाप 2 या 3 दिन के बाद आरंभ किए जा सकते हैं किन्तु एक सप्ताह तक कोई भारी सामान नहीं उठाना चाहिए। संभोग क्रिया सामान्यतौर पर एक सप्ताह के बाद आरंभ की जा सकती है।

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