बच्चा होने पर माँ को क्या खाना चाहिए?pregnancytips.in

Posted on Fri 11th Nov 2022 : 09:30

डिलीवरी के बाद महिला का शरीर काफी नाजुक होता है, ऐसे में सही खानपान पर ध्यान देना जरूरी होता है, ताकि अच्छी तरह से पोषण मिले और किसी तरह का नुकसान न हो। डिलीवरी के बाद महिला नवजात शिशु को स्तनपान भी कराती है, जिस कारण से अधिक पोषण की जरूरत होती है। इसलिए, आपको डिलीवरी के बाद की डाइट सोच समझकर चुननी चाहिए। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम डिलीवरी के बाद की डाइट के बारे में आपको विस्तार से बताएंगे। हम बताएंगे कि डिलीवरी के बाद आपको क्या खाना चाहिए और किन चीजों से परहेज करना चाहिए।


आइए, सबसे पहले जानते हैं कि डिलीवरी के बाद अपनी डाइट में क्या शामिल करना चाहिए।
डिलीवरी के बाद क्या खाना चाहिए? |
यह समझना जरूरी है कि प्रसव के बाद किस तरह के पौष्टिक तत्व आपको अपने खानपान में शामिल करने चाहिए, जो आपको पोषण दे सकें। नीचे हम नई मां की डाइट में शामिल होने वाले खाद्य पदार्थों की लिस्ट दे रहे हैं। ये सभी विटामिन, खनिज, प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम और ओमेगा-3 एस से भरपूर हैं, जो नई मां के लिए जरूरी हैं। इनकी मदद से महिला को डिलीवरी के बाद सामान्य अवस्था में आने में मदद मिलती है (1)। आप इस डाइट को सी-सेक्शन के बाद भी ले सकती हैं (2)। फिर भी सी-सेक्शन के बाद और सही खानपान के लिए एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

कम फैट वाले डेयरी उत्पाद : प्रसव के बाद महिला को डेयरी उत्पादों का सेवन करना चाहिए। यह स्तनपान के लिए जरूरी है। इनमें कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन-ई होता है, जो महिला के लिए जरूरी है। आपको बता दें कि नवजात शिशु मां के दूध से ही कैल्शियम ग्रहण करता है, जिससे उसकी हड्डियां मजबूत होती हैं। ऐसे में मां के लिए कैल्शियम बहुत जरूरी हो जाता है। इसलिए, आप रोजाना तीन कप डेयरी उत्पादों को अपने खानपान में शामिल करें।



लीन मीट : अगर महिला मांसाहारी है, तो डिलीवरी के बाद उन्हें लीन मीट भी अपने खानपान में शामिल करना चाहिए। इसमें आयरन, प्रोटीन और विटामिन बी-12 प्रचुर मात्रा में होता है, जो महिला को ऊर्जा देता है। यह उस समय आपको ऊर्जा देता है, जब स्तनपान के बाद आपकी ऊर्जा कम होने लगती है।

दालें : एक अच्छी डाइट के लिए जरूरी है कि आपके खानपान में दालें जरूर शामिल हों। ये प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और खनिज का बेहतर स्रोत हैं। आप हरी और लाल दाल उबाल कर खा सकती हैं या इनका हलवा बनाकर खाना भी बेहतर विकल्प है। दालें आपको ताकत देंगी। साथ ही अतिरिक्त फैट से भी बचाएंगी और प्रोटीन भी देंगी।

फलियां : गहरे रंग की फलियां जैसे राजमा और ब्लैक बीन्स में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होता है। ये स्तनपान कराने वाली माताओं को ऊर्जा देती हैं और शाकाहारी महिलाओं के लिए काफी फायदेमंद हैं।

हरी सब्जियां : इनमें विटामिन-ए, विटामिन-सी और कैल्शियम प्रचुर मात्रा में होता है। इसके अलावा, इनमें कम कैलोरी पाई जाती हैं, जो प्रेगनेंसी के बाद के बढ़े हुए वजन को कम करने में मदद करती हैं। आप ब्रोकली, पालक, बीन्स, परवल और टिंडा जैसी हरी सब्जियों को अपने खानपान में जरूर शामिल करें।

भूरे चावल : इसमें कोई दो राय नहीं है कि प्रेगनेंसी के बाद महिला का वजन काफी बढ़ जाता है, जिसे कम करना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए, अपने खानपान में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को कम करें। आप अपने खाने में सफेद चावल की जगह भूरे चावल को शामिल करें। इससे आपको ऊर्जा भी मिलेगी और नुकसान भी नहीं होगा। साथ ही अगर सफेद चावल माढ़ हटाकर यानी बिना स्टार्च वाले लिए जाएं, तो नुकसान नहीं करेंगे।

ब्लूबेरी : गर्भावस्था के बाद अपनी डाइट में ब्लूबेरी शामिल करना एक बेहतर विकल्प है। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन और खनिज होते हैं, जो फायदा पहुंचाते हैं। इसके अलावा, यह आपको स्वस्थ कार्बोहाइड्रेट देते हैं, जिससे ऊर्जा मिलती है।

संतरे : डिलीवरी के बाद आप संतरे का सेवन जरूर करें। इसमें विटामिन-सी होता है, जो स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए ज्यादा जरूरी होता है। आप चाहें तो इसे फल के तौर पर खा सकती हैं या संतरे का जूस भी पी सकती हैं।

साल्मन : इसे नई मां के लिए पोषण का खजाना कहा जाता है। अन्य फैटी मछली की तरह साल्मन में डीएचए होता है, जो बच्चे के तंत्रिका विकास के लिए जरूरी होता है। हालांकि, मां के दूध में भी प्राकृतिक डीएचए होता है, लेकिन अगर महिला डीएचए युक्त चीजें खाए, तो यह बच्चे को ज्यादा फायदा पहुंचाता है। डीएचए, डिलीवरी के बाद अवसाद को कम करने में भी मदद करता है। यूएस एफडीए के अनुसार, नई मां को सप्ताह में दो सर्विंग साल्मन का सेवन करना चाहिए, ताकि उसमें मौजूद मर्करी आपको बच्चे को नुकसान न पहुंचाए (3)।

गेहूं की ब्रेड : आप गेहूं की ब्रेड को भी अपने खानपान में शामिल कर सकती हैं। इसमें भरपूर मात्रा में आयरन और फाइबर होते हैं, जो नई मां के लिए जरूरी है।

ओटमील : सुबह के नाश्ते में आप ओटमील का सेवन कर सकती हैं। इनमें भरपूर मात्रा में पोषक तत्व होते हैं, जो आपको दिनभर ऊर्जा से भरपूर रखते हैं। ओट्स में कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन और स्वस्थ कार्बोहाइड्रेट होते हैं। इसके अलावा, इनमें भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो कब्ज की समस्या से राहत दिलाता है। आप चाहें तो दूध में ओटमील, फल और सूखे मेवे डालकर खा सकती हैं। आप खिचड़ी या ओट्स का उपमा भी बनाकर खा सकती हैं।

अंडे : अंडों में भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है, जो नई मां को फायदा पहुंचाता है। इसके लिए आप उबला अंडा, अंडे की भुर्जी या फिर ऑमलेट के रूप में अपने खानपान में अंडे को शामिल कर सकती हैं। आप अपने दूध में आवश्यक फैटी एसिड के स्तर को सुधारने के लिए डीएचए-फोर्टिफाइड अंडे चुन सकती हैं।

पानी : जब नई मां स्तनपान कराती है, तो उसे डिहाइड्रेशन का खतरा ज्यादा रहता है। आपको डिहाइड्रेशन न हो, उसके लिए जरूरी है कि ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। इसके अलावा, खुद में एनर्जी बनाए रखने के लिए दूध और जूस का भी नियमित रूप से सेवन करें।

हल्दी : हल्दी में विटामिन-बी6, विटामिन-सी, पोटैशियम व मैंगनीज होते हैं। इसमें सूजन कम करने के गुण होते हैं और यह घाव को भी जल्दी भरती है। इसलिए, डिलीवरी के बाद घाव को भरने में और पेट संबंधी परेशानियों को ठीक करने में हल्दी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है (4)। आप रोजाना रात को सोते समय एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी डालकर पी सकती हैं।

अदरक का चूर्ण : इसमें विटामिन-बी6, विटामिन-ई, मैग्नीशियम व पोटैशियम होता है, जो डिलीवरी के बाद आपको फायदा पहुंचाता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर से सूजन कम करने में मदद करते हैं। आप एक चुटकी अदरक का चूर्ण अपनी सब्जी या चटनी में डालकर खा सकती हैं।

अजवायन : प्रसव के बाद अजवायन का सेवन भी काफी फायदेमंद होता है। यह आपको गैस और अपच की समस्या से राहत दिलाती है। इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीसेप्टिक गुण भी होते हैं। आप रोजाना एक चुटकी अजवायन गुनगुने पानी के साथ खा सकती हैं।

रागी : रागी में भरपूर मात्रा में आयरन और कैल्शियम होता है, जो डिलीवरी के बाद महिला के लिए जरूरी है। यह बच्चे को जन्म देने के बाद खोई ऊर्जा को फिर से प्राप्त करने में मदद करती है। अगर आपको डेयरी उत्पादों से एलर्जी है, तो रागी एक बेहतरीन विकल्प है। इसके लिए आप रागी के आटे का डोसा, रोटी या हलवा बनाकर खा सकती हैं।

बादाम : प्रसव के बाद डाइट में बादाम को जरूर शामिल करना चाहिए। इसमें स्वस्थ कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, विटामिन-बी2, विटामिन-ई, मैग्नीशियम, कॉपर, जिंक, कैल्शियम और पोटैशियम होते हैं, जो डिलीवरी के बाद सामान्य अवस्था में आने में मदद करते हैं। आप बादाम को दूध में डालकर पी सकती हैं।

मेथी के दाने : मेथी के दानों में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम, आयरन, विटामिन और खनिज पाए जाते हैं। मेथी आपको जोड़ों के दर्द और पीठ दर्द से राहत दिलाने में मदद करती है। आप अपने खाने में मेथी के दाने डालकर पका सकती हैं।

काले और सफेद तिल : तिल में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम, मैग्नीशियम, कॉपर और फॉस्फोरस होता है, जो डिलीवरी के बाद महिला को फायदा पहुंचाता है। इससे आपका पेट ठीक रहता है और जरूरी खनिज शरीर को मिलते हैं। आप इसे चटनी, सब्जी या किसी मीठे में डालकर खा सकती हैं।

ये थे कुछ जरूरी खाद्य पदार्थ, जिन्हें डिलीवरी के बाद आपको अपने खानपान में शामिल करना चाहिए। इसके अलावा, अगर आप किसी अन्य चीज को अपनी डाइट में शामिल करना चाहती हैं, तो इस बारे में अपने डॉक्टर से सलाह लें।

आइए, अब जानते हैं कि डिलीवरी के बाद क्या नहीं खाना चाहिए।



डिलीवरी के बाद क्या नहीं खाना चाहिए? |
जिस तरह प्रेगनेंसी में कई चीजों से परहेज करने की जरूरत होती है, उसी तरह डिलीवरी के बाद भी कुछ चीजों से दूरी बनाए रखनी चाहिए। नीचे हम बता रहे हैं कि डिलीवरी के बाद क्या नहीं खाना चाहिए :

मसालेदार भोजन : डिलीवरी के बाद भी आपको मसालेदार भोजन खाने से बचना चाहिए। मसालेदार भोजन स्तनपान के जरिए आपके नवजात शिशु को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे उसकी आंतें और रक्त प्रवाह प्रभावित हो सकता है (5)।

तैलीय खाद्य पदार्थ : डिलीवरी के बाद तैलीय खाद्य पदार्थ आपके शरीर का फैट और बढ़ा सकते हैं, जिससे आपको सही शेप में आने में और दिक्कत हो सकती है। इसके अलावा, आप ज्यादा मीठा, मक्खन या अन्य वसा युक्त भोजन न खाएं। इसकी बजाए आप स्वस्थ फैट का इस्तेमाल कर सकती हैं, जैसे अखरोट, सोयाबीन, अलसी, वेजिटेबल ऑयल, ओलिव ऑयल (जैतून का तेल) जैसे तेल का इस्तेमाल कर सकती हैं।

गैस बनाने वाले खाद्य पदार्थ : जिन खाद्य पदार्थों से गैस, एसिडिटी व डकार जैसी समस्याएं हों, उनसे दूर रहें। इनसे शिशु के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ सकता है। यहां तक कि आप सॉफ्ट चीज़, आइसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक आदि से भी दूर रहें।

एलर्जी वाली चीजों से दूर रहें : ऐसी कई चीजें होती हैं, जिससे ब्रेस्ट मिल्क के जरिए शिशु को एलर्जी हो सकती है। अगर आपको ऐसा महसूस हो कि ब्रेस्ट मिल्क पीने के बाद शिशु को किसी तरह की एलर्जी हो रही है, तो ध्यान दें कि बच्चे को ऐसा किस चीज की वजह से हो रहा है। इसका पता लगाने के लिए आप अपने डॉक्टर से भी मदद ले सकती हैं।

कैफीन, एल्कोहल व निकोटिन न लें : अपनी डाइट से कैफीन व एल्कोहल पूरी तरह से हटा दें (6)। अगर आपको लगता है कि प्रेगनेंसी खत्म हो गई है और अब इनका सेवन किया जा सकता है, तो आप गलत सोच रही हैं। जब तक आपका शिशु आपका दूध पिएगा, आपके खानपान का सीधा असर आपके शिशु पर पड़ता है।

खुद से दवाएं न लें : आप डॉक्टर की सलाह के बिना खुद से कोई भी दवा न लें। ये दवाएं ब्रेस्ट मिल्क के माध्यम से शिशु के स्वास्थ्य पर असर डाल सकती हैं। यहां तक कि अगर आप मल्टी विटामिन दवा भी लेना चाहती हैं, तो डॉक्टर से पूछकर लें।

नोट : डिलीवरी के बाद क्या खाएं और क्या न खाएं की इस लिस्ट का पालन डिलीवरी के कम से कम तीन महीने बाद तक करते रहें।



प्रसव के बाद स्वस्थ भोजन की आदतें

जब आप लंबे समय तक स्वस्थ खानपान की आदत डाल लेंगी, तो इससे न सिर्फ आपका वजन संतुलित रहेगा, बल्कि शरीर भी स्वस्थ रहेगा। नीचे हम खाने की कुछ आदतों के बारे में बता रहे हैं, जिससे आपको जल्दी असर होगा :

जब भूख लगे तभी खाएं।
थोड़ा-थोड़ा और धीरे-धीरे खाएं।
स्वस्थ वसा का सेवन करें।
हर भोजन में प्रोटीन शामिल करें।
पर्याप्त मात्रा में फल और सब्जियां खाएं।

solved 5
wordpress 1 year ago 5 Answer
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