बच्चेदानी कमजोर होने के कारण?pregnancytips.in

Posted on Thu 11th Aug 2022 : 05:48

कमजोर बच्चेदानी के संकेत हो सकते हैं ये 5 लक्षण, जानिए बच्चेदानी को मजबूत करने के तरीके

कमजोर बच्चेदानी के संकेत हो सकते हैं ये 5 लक्षण, जानिए बच्चेदानी को मजबूत करने के तरीके
कमजोर बच्चेदानी के कारण महिलाओं को प्रेग्नेंट होने में तो दिक्कत आती ही है साथ ही इससे मिसकैरेज का खतरा भी बढ़ सकता है। आज हम आपको कमजोर बच्चेदानी के लक्षण और कारण बताने के साथ ही उसे दुरुस्त करने के तरीके भी बता रहे हैं। साथ ही यह ध्यान रखें कि बच्चेदानी एक बहुत ही सेंसटिव अंग है। इसलिए यहां बताए गए किसी भी वाकया को फॉलो करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
महिलाओं के शरीर में उम्र बढ़ने के साथ साथ कई तरह के बदलाव आते हैं। हॉर्मोनल चेजेंज के चलते कई बार शरीर में ऐसी​ दिक्कतें होने लगती हैं जो गंभीर परिणाम दे सकती हैं। आजकल महिलाओं में इनफर्टिलिटी की दिक्कत बहुत बढ़ गई है। वैसे तो इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं लेकिन इसके पीछे कमजोर बच्चेदानी भी एक कारण हो सकता है। कमजोर बच्चेदानी के कारण महिलाओं को प्रेग्नेंट होने में तो दिक्कत आती ही है साथ ही इससे मिसकैरेज का खतरा भी बढ़ सकता है। आज हम आपको कमजोर बच्चेदानी के लक्षण और कारण बताने के साथ ही उसे दुरुस्त करने के तरीके भी बता रहे हैं। साथ ही यह ध्यान रखें कि बच्चेदानी एक बहुत ही सेंसटिव अंग है। इसलिए यहां बताए गए किसी भी वाकया को फॉलो करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
कमजोर बच्चेदानी के संकेत

वजाइना से ब्लीडिंग होना

जरूरत से ज्यादा डिस्चार्ज होना

ऐसा महसूस होना जैसे आप किसी बॉल पर बैठे हो

सेक्स करते वक्त दिक्कत होना

कब्ज बनना या मल पास करने में दिक्कत होना

वजाइना के आसपास दर्द या हल्की जलन भी इसका कारण हो सकते हैं।

किन कारणों से होती है बच्चेदानी कमजोरी?

1. मानसिक स्वास्थ्य का सही न रहना या मानसिक कमजोरी

2.यूट्रस संबंधी कोई बीमारी भी बच्चेदानी के कमजोर होने का कारण बन सकती है।

3. प्रसव के बाद भी बच्चेदानी कमजोर हो सकती है।

4. बाहरी या अंदरूनी चोट के कारण

5. खानपान की गलत आदत या अस्त व्यस्त लाइफस्टाइल
बच्चेदानी को मजबूत करने के तरीके

1- नियमित रूप से एक्सरसाइज करें। अपने एक्सरसाइज रूटीन में कमी न लायें बल्कि जितनी क्षमता हो उतनी एक्सरसाइज ज़रूर करें। रोजाना सुबह वाक पर जायें, जिम जायें या अगर जिम जाने का टाइम नहीं है तो घर पर ही एक्सरसाइज करें। इससे शरीर में ब्लड का फ्लो बेहतर होता है जो कि गर्भाशय के स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी है।

2- शारीरिक स्वास्थ्य के साथ साथ मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही ज़रूरी है। इसलिए दिमाग को ऐसी चीजों में व्यस्त रखें जिसमें बहुत ज्यादा दिमाग लगाने की ज़रूरत पड़ती हो। इससे दिमाग की एक्सरसाइज होती रहती है और स्ट्रेस वाले हार्मोन नियंत्रित रहते हैं जिसका सीधा प्रभाव शरीर के बाकी अंगों के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है।
[caption id="attachment_654956" align="alignnone" width="655"] Stomach ulcers can be caused by an infection with the bacterium Helicobacter pylori (H. pylori) or long-term use of nonsteroidal anti-inflammatory drugs (NSAIDs), such as aspirin, ibuprofen, or naproxen.
The most common symptom of a stomach ulcer is a burning or gnawing pain in the centre of the abdomen (tummy). But some people may experience other symptoms, such as indigestion, heartburn and feeling sick. The severity of the symptoms depends on the severity of the ulcer. Here are some common signs and symptoms of stomach ulcers. Talk to your doctor if you have any symptoms of a stomach ulcer.[/caption]

3- बच्चेदानी को दुरुस्त रखने के लिए यह भी ज़रूरी है कि आप अपनी सोशल लाइफ भी बेहतर बनाये रखें। ऐसे दोस्त बनाएं जो आपके सही और बुरे दोनों वक़्त में काम आयें और जो आपको पूरा इमोशनल सपोर्ट दे सकें। इन चीजों के कारण आप नेगेटिव फीलिंग से भी दूर रहती हैं।

4- कई शोधों में इस बात की पुष्टि हुई है कि सिगरेट के अधिक सेवन से एस्ट्रोजन लेवल काफी कम हो जाता है साथ ही इससे आपकी बच्चे पैदा करने की क्षमता पर भी बुरा असर पड़ता है। इसलिए जितनी जल्दी हो सके इस बुरी आदत को छोड़ दें।

5- अपने खानपान पर ध्यान दें। अच्छा खानपान शरीर के बाकी अंगों के साथ ही गर्भाशय के अच्छे स्वास्थ्य के लिए भी बहुत ज़रूरी है। इसलिए अपनी डायट में ओमेगा-3 फैटी एसिड, फाइबर और कैल्शियम की मात्रा बढ़ा दें।

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