ब्रीच का मतलब क्या होता है?pregnancytips.in

Posted on Tue 25th Oct 2022 : 13:46

पेट में उल्टा बच्चा (ब्रीच) होने का क्या मतलब है?
पूरी गर्भावस्था के दौरान आपका शिशु गर्भ में घूमता रहता है और अपनी अवस्था बदलता रहता है। जब आप गर्भावस्था के अंतिम चरण पर पहुंचती हैं, करीब 36 सप्ताह के आसपास तो अधिकांश शिशु श्रोणि में सिर नीचे वाली अवस्था में आ जाते हैं।

जो शिशु सिर नीचे की अवस्था में हो और उसका चेहरा आपकी रीढ़ की हड्डी की तरफ हो तो इसे एंटीरियर अवस्था कहा जाता है। यह गर्भस्थ शिशु की जन्म लेने की सबसे आम अवस्था होती है और नॉर्मल डिलीवरी के लिए यह सबसे आसान रहती है।

कभी-कभार शिशु उल्टी अवस्था में होते हैं। जब शिशु के सिर की बजाय उसका नितंब नीचे की तरफ हो, तो इस अवस्था को अंग्रेजी में ब्रीच पॉजिशन कहा जाता है। इसका मतलब है कि सिर की बजाय शिशु का नितंब या पैर पहले बाहर आएंगे।

तीसरी तिमाही के दौरान तक ब्रीच अवस्था आमतौर पर अस्थाई होती है। बहुत से शिशु जन्म से पहले घूमकर सिर नीचे वाली अवस्था में आ जाते हैं। हालांकि, यदि 36 सप्ताह की गर्भावस्था के बाद भी आपका शिशु गर्भ में उल्टा ही है, तो उसके सीधी अवस्था में आने की संभावना बहुत कम होती है।
ब्रीच की अलग-अलग अवस्थाएं कौन सी हैं?
गर्भ में आपके शिशु की अवस्था को देखते हुए कई तरह की ब्रीच अवस्थाएं (प्रेजेंटेशन) हो सकती हैं।

कम्प्लीट ब्रीच
जब शिशु का नितंब नीचे की तरफ हो और कूल्हे और घुटने मुड़कर पालथी वाली अवस्था में हों। आपको अपने पेट के निचले हस्से में शिशु के पैर चलाने की हलचल महसूस हो सकती है।

इनकम्प्लीट ब्रीच
इसमें शिशु का एक घुटना इस तरह मुड़ा होता है कि उसका वह पैर नितंब के साथ लगा होता है, वहीं दूसरी टांग इस तरह फैली होती है कि उसका पैर चेहरे के नजदीक होता है।

फ्रेंक ब्रीच
फ्रेंक ब्रीच अवस्था में शिशु की दोनों टांगे ऊपर की तरफ फैली होती है, जिससे दोनों पैर उसके चेहरे के पास होते हैं।

सिंगल फुटलिंग ब्रीच
सिंगल फुटलिंग ब्रीच अवस्था में शिशु का एक पैर ग्रीवा की तरफ होता है।

डबल फुटलिंग ब्रीच
डबल फुटलिंग ब्रीच अवस्था में शिशु के दोनों पैर ग्रीवा की तरफ होते हैं।
ब्रीच गर्भावस्था होने के क्या कारण होते हैं?
पेट में शिशु के उल्टा होने का आमतौर पर कोई स्पष्ट कारण नहीं होता। कुछ कारक शिशु के ब्रीच अवस्था में होने का खतरा बढ़ा देते हैं, जैसे कि:

आपके गर्भ में जुड़वा या इससे ज्यादा शिशु हैं।
आप पहले भी गर्भवती हो चुकी हैं।
आपके गर्भ में बहुत ज्यादा या बहुत कम एमनियोटिक द्रव है।
आपके गर्भाशय में असामान्यताएं हैं।
आपको प्लेसेंटा प्रिविया है (प्लेसेंटा ने गर्भाशय को मुख को पूरी तरह ढक रखा है)।
आपका जन्म ब्रीच अवस्था में हुआ था या आपके भाई-बहन या माता-पिता का जन्म ब्रीच अवस्था में हुआ था।
आपके शिशु का वजन जन्म के समय कम है।
आपके शिशु का जन्म समय से पहले हो रहा है।
आपके शिशु को कुछ भ्रूणीय असामान्यताएं हैं।
आप अधिक उम्र में माँ बन रही हैं।

हालांकि, उपर्युक्त जोखिमों के बिना भी शिशु ब्रीच अवस्था में हो सकता है।

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