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नॉर्मल डिलीवरी चाहती हैं, इन उपायों से नौवें महीने में अपने आप खुल सकता है बच्चेदानी का मुंह
अगर नौवें महीने में बच्चेदानी का मुंह टाइम पर खुल जाए तो नॉर्मल डिलीवरी में काफी मदद मिल जाती है।
नॉर्मल डिलीवरी चाहती हैं, इन उपायों से नौवें महीने में अपने आप खुल सकता है बच्चेदानी का मुंह
नौंवे महीने में कदम रखने का मतलब होता है कि अब तक आपकी सारी मेहनत रंग लाने वाली है और जल्द ही आपकी गोद में नन्हा शिशु होगा। डॉक्टर जांच कर के पहले ही बता देते हैं कि किस डेट के आसपास आपकी डिलीवरी होगी।
कई बार कुछ महिलाओं की इस ड्यू डेट से कुछ दिन पहले डिलीवरी हो जाती है तो कुछ महिलाओं की ये डेट निकलने के कई दिनों बाद भी लेबर पेन शुरू नहीं होता है। कहते हैं कि जब बच्चेदानी का मुंह खुलने लगे, तो समझ लेना चाहिए कि अब बच्चा बाहर आने का तैयार है।
हालांकि, कई बार लेबर पेन शुरू होने के बाद अस्पताल में भर्ती होने पर भी बच्चेदानी का मुंह नहीं खुलता है, जिसकी वजह से लेबर का दर्द ज्यादा देर तक सहना पड़ता है। ऐसे में महिलाएं क्या करें?
हल्दी
हल्दी में दर्द निवारक गुण होते हैं और नौवें महीने में यह जड़ी बूटी दर्द को कम करने का काम करती है। आठवां खत्म होने और नौवां महीना शुरू होने पर पेट में कॉन्ट्रैक्शन उठना शुरू हो जाती हैं।
इस समय आपको अचानक से पेट, घुटनो, कमर और पैरों में दर्द होने की परेशानी रहती है। एक गिलास गुनगुने दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर पिएं। रोज रात को सोने से पहले दूध पिएं और नौवां महीना शुरू होते ही आपको ऐसा करना शुरू कर देना है।
इन दोनों जड़ी बूटियों की तासीर गर्म होती है। नौवां महीना लगते ही अदरक और लहसुन का सेवन शुरू कर दें। आप अदरक की चाय पी सकती हैं या पानी में अदरक को उबालकर उसका पानी पी सकती हैं। रोज सुबह खाली पेट लहसुन की दो कली खां। ये नुस्खा बीमारियों से तो बचाता ही है, साथ ही बच्चेदानी का मुंह भी समय पर खुलने में मदद करता है
अजवाइन की तासीर भी गर्म होती है और यह डिलीवरी के लिए शरीर को ताकत और मजबूती देती है। डिलीवरी के बाद भी अजवाइन के लड्डू खाना फायदेमंद होता है। अजवाइन के लड्डू डिलीवरी के दर्द को सहने की ताकत देते हैं और प्रसव के बाद भी शरीर में आई कमजोरी को दूर करते हैं।
डिलीवरी का समय नजदीक आने पर मांसपेशियों में तनाव पैदा होने लगता है। गुनगुना पानी इस प्रॉब्लम को दूर करता है और मांसपेशियों में आ रहे खिंचाव से राहत दिलाता है। प्रेग्नेंसी में ठंडी चीजें खाने और पीने से मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं जिससे नॉर्मल डिलीवरी में दिक्कत आ सकती है। इसलिए जितना हो सके प्रेग्नेंसी में गुनगुना पानी ही पिएं।
खजूर
नौवें महीने में खजूर खाने से भी बच्चेदानी का मुंह खुलने में मदद मिलती है। इसके लिए एक गिलास दूध गर्म होने के लिए रख दें और उसमें तीन से चार खजूर डालें। दूध को अच्छी तरह से उबालें और फिर छानकर पी लें। इसके अलाावा नौवें महीने में दूध में घी डालकर पीने से भी बच्चेदानी का मुंह टाइम पर खुलने में मदद मिलती है। एक गिलास गुनगुने दूध में आधा चम्मच घी डालकर पिएं।
नोट : ये सभी घरेलू नुस्खे हैं और इनका प्रयोग करने से पहले आप एक बार अपनी गायनेकोलॉजिस्ट से बात कर लेंगी, तो बेहतर होगा। कुछ महिलाओं की प्रेग्नेंसी में कॉम्प्लिकेशंस ज्यादा होती हैं या हाई रिस्क प्रेग्नेंसी होती है, इसलिए इन स्थितियों में डॉक्टरी सलाह लेना जरूरी होता है।
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