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क्यों पक जाते हैं टांके?:सीजेरियन डिलीवरी के बाद कैसे रखें सिजेरियन स्टिचेस का ध्यान
सीजेरियन डिलीवरी में कई महिलाओं के टांके पक जाते हैं, ऐसा क्यों होता है, महिलाओं को क्या सावधानियां रखनी चाहिए, किन लापरवाहियों से बचना चाहिए, इसके बारे जानने के लिए भास्कर वुमन ने बात की डॉ. राजेश्वरी पवार, कंसल्टेंट ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनाकोलॉजी, मदरहुड हॉस्पिटल, पुणे से और जाना कि सीजेरियन डिलीवरी के बाद महिलाओं को सिजेरियन स्टिचेस का ध्यान कैसे रखना चाहिए।
दिल्ली की रहने वाली माया मुखर्जी की सिजेरियन डिलीवरी हुई, लेकिन जब टांके पकने लगे तो फिर से स्टिचेस की नौबत आ गई। माया कहती हैं, “सीजेरियन डिलीवरी के बाद मेरे दो टांके पक गए थे। उनसे पस निकलता था और पेट में दर्द, सूजन की परेशानी भी शुरू हो गई थी। पहले स्टिच में जो दर्द हुआ था, वैसा ही दर्द मुझे दूसरी बार भी झेलना पड़ा।
गीता चौरसिया का हाल भी कुछ ऐसा ही है। गीता की दोनों डिलीवरी सिजेरियन हुईं। गीता ने बताया, “एनेस्थीसिया का असर रहने तक राहत रहती है, लेकिन इसका असर खत्म होते वैसा ही दर्द शुरू हो जाता है जैसा पहले ऑपरेशन में हुआ था।
सीजेरियन डिलीवरी का दर्द झेल चुकी महिलाओं और एक्सपर्ट का अनुभव
इसलिए पाक जाते हैं टांके
डॉ. राजेश्वरी पवार कहती हैं, “आमतौर पर सिजेरियन स्टिचेस चार से सात दिन हील हो जाते हैं, लेकिन इन्हें पूरी तरह ठीक होने में एक महीना भी लग सकता है। ज्यादातर केसेस में महिलाओं को कोई परेशानी नहीं होती, लेकिन महिला यदि डायबेटिक है या बहुत ज्यादा मोटी है, तो ऐसी महिलाओं के टांके ठीक होने में ज्यादा समय लगता है। ऐसी महिलाओं को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है। यदि टांकें ठीक नहीं हो पा रहे हैं, तो रोजाना ड्रेसिंग करने की जरूरत भी पड़ती है और कई बार उन्हें खोलकर फिर से स्टिचेस करने पड़ते हैं। कई बार इंफेक्शन की स्थिति में लैब में टेस्ट के लिए भी भेजना पड़ सकता है और इसका कारण जानने की कोशिश की जाती है। जो महिलाएं सही डाइट नहीं लेतीं, उनके टांके पकने में भी समय लग सकता है।
क्यों करनी पड़ती है फिर से सर्जरी?
सिजेरियन डिलीवरी के बाद हम महिलाओं को एंटीबायोटिक, विटामिन सी, एंटी इन्फ्लेमेंट्री आदि देते हैं। एंटीबायोटिक देने और नियमित ड्रेसिंग के बाद भी यदि टांके ठीक नहीं होते, तो कई बार उन्हें खोलकर फिर से स्टिचेस की जरूरत पड़ती है। फिर सात दिन के बाद ड्रेसिंग की जाती है। जिन्हें कोई दिक्कत न हो, उनके टांके अपने आप ठीक हो जाते हैं।
डिलीवरी के बाद रखें खास ध्यान
हम महिलाओं को डिलीवरी के समय बता देते हैं कि उन्हें टांकों का ध्यान कैसे रखना है और चार-पांच दिन के बाद उन्हें चेकअप के लिए बुलाते हैं। यदि टांके ठीक नहीं होते तो ड्रेसिंग के लिए बुलाते हैं। कई महिलाओं में इंफेक्शन के कारण टांके ठीक नहीं हो पाते, ऐसे में ड्रेसिंग की जरूरत पड़ती है। हम चार दिन तक टांकों पर से प्लास्टर नहीं निकालते, प्लास्टर निकालते समय हमें पता चल जाता है कि वो हील हुए हैं या नहीं। कई महिलाओं को टांके ठीक होते समय खुजली होती है, लेकिन ऐसा होना सामान्य है। ऐसे में हम मां को पहले ही आगाह कर देते हैं कि उनके नाखून बढ़े हुए नहीं होने चाहिए, इससे बच्चे और उनके शरीर को नुकसान हो सकता है। जो महिलाएं सफाई का ध्यान नहीं रखती, उनके टांके भी पक सकते हैं, इसलिए सफाई का खास ध्यान रखें।
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