Login
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi adipiscing gravdio, sit amet suscipit risus ultrices eu. Fusce viverra neque at purus laoreet consequa. Vivamus vulputate posuere nisl quis consequat.
Create an accountLost your password? Please enter your username and email address. You will receive a link to create a new password via email.
इरेग्युलर पीरियड्स/अनियमित मासिक धर्म महिलाओं में होने वाली कॉमन प्रॉब्लम है। कई बार यह समस्या बेहद सामान्य होती है और थोड़ी सावधानी व उपचार से ठीक हो जाती है, लेकिन कई मामलों में यह बेहद गंभीर बीमारी बन जाती है। ऐसे में इरेग्युलर पीरियड्स की समस्या को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। इससे ग्रस्त महिलाओं को कई प्रकार की समस्याएं होने लगती हैं। इस समस्या के कई लक्षण हैं, जिनसे इसकी पहचान की जा सकती है और समय से इसका इलाज कराकर परेशानी से निजात पाई जा सकती है।
आमतौर पर महिलाओं में पीरियड्स 14 से 50 साल की उम्र के बीच होता है।यह चक्र महीने में एक बार होता है और तीन से पांच दिन तक रहता है। इरेग्युलर पीरियड्स की समस्या इन दिनों महिलाओं को इसलिए भी ज्यादा होती है, क्योंकि जीवन शैली बहुत तेज हो गई और वे न तो खाने-पीने की ठीक से ख्याल रख पाती हैं और न ही पर्याप्त आराम मिल पाता है। यही कारण है कि कई किशोरियों में जल्दी या फिर देर से पीरियड्स शुरू होते हैं। इस अवस्था को ओलिगोमेनोरिया कहा जाता है।
समस्या केवल किशोरियों को जल्दी या देर से पीरियड्स शुरू होने तक सीमित नहीं है बल्कि महिलाओं में अनियमित पीरियड्स की समस्या भी अब काफी बढ़ती जा रही है। कारण यह है कि 20 से 40 वर्ष की उम्र की महिलाओं पर जिम्मेदारी ज्यादा हैं।वे भागती-दौड़ती जिंदगी में दफ्तर, घर, बच्चे सभी को संभालने के चक्कर में खुद का ध्यान नहीं रख पाती हैं।कई मामलों में अनियमित पीरियड्स के पीछे हार्मोन भी बड़ा कारण बन जाते हैं।
वैसे आमतौर पर किसी भी स्वस्थ महिला के पीरियड्स की अवधि 21 से 35 दिन के बीच होती है।इससे ज्यादा समय लगता है तो उसे हम अनियमित पीरियड्स कहते हैं।इसे सही उपचार और जीवनशैली और खान-पान में बदलाव से ठीक किया जा सकता है।अधिक तनाव की वजह से भी अनियमित पीरियड्स की समस्या होती है।विशेषज्ञ बताते हैं कि तनाव का सीधा असर एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोंस पर पड़ता है।इन हार्मोंस के प्रभावित होने से पीरियड्स में अनियमितता बढ़ जाती है।महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और टेस्टोस्टेरोन नाम के तीन हार्मोन होते हैं।इन हार्मोंस का संतुलन बिगड़ना मतलब पीरियड्स में परेशानी शुरू।लगातार बीमार रहने या थायरॉयड की वजह से भी महिलाओं में अनियमित पीरियड्स की समस्या हो जात है।
--------------------------- | --------------------------- |