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विशेषज्ञ कहते हैं कि कब्ज को दूर रखने के लिए रोजाना 4-5 बादाम खाएं और पानी खूब पिएं। लेकिन ध्यान रहे कि अधिक मात्रा में इसके सेवन से पेट संबंधी समस्याएं बढ़ भी सकती हैं।
गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाएं किसी भी चीज का सेवन करने से पहले कई बार सोचती हैं। उनके मन में यह सवाल चलता रहता है कि क्या खाएं और क्या नहीं। देखा जाए तो यह चिंता जायज है, क्योंकि जो कुछ भी गर्भवती महिला खाती है, उसका सीधा असर गर्भस्थ शिशु पर पड़ता है। ऐसे में, अगर गर्भवती महिलाएं ड्राई फ्रूट्स में बादाम का सेवन करना चाहती हैं, तो उन्हें इसके विषय में जरूरी जानकारी होनी चाहिए। मॉमजंक्शन के इस लेख में जानिए कि गर्भावस्था के दौरान बादाम का सेवन सुरक्षित है या नहीं। इसके अलावा, इस लेख में गर्भावस्था में बादाम के सेवन से जुड़े लाभ और नुकसान के बारे में भी जानकारी दी गई है।
हां, गर्भावस्था के दौरान बादाम का सेवन किया जा सकता है (1)। यह कई जरूरी पोषक तत्वों से समृद्ध होता है, जिसमें आयरन, फोलेट, कैल्शियम और फाइबर भी शामिल हैं (1)। ये सभी पोषक तत्व गर्भवती महिला के साथ-साथ भ्रूण को भी स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने का काम करते हैं। इस विषय में विस्तार से आगे लेख में बताया गया है। वहीं, कुछ मामलों में बादाम एलर्जी का कारण भी बन सकता है (3)। हमारी यही सलाह है कि इसे गर्भावस्था के दौरान खाने से पहले एक बार संबंधित डॉक्टर की सलाह भी जरूर लें।
लेख में आगे जानेंगे कि गर्भावस्था में बादाम का सेवन कितनी मात्रा में किया जाना चाहिए।
गर्भावस्था में कितनी मात्रा में बादाम खाना सुरक्षित है?
एक स्वस्थ व्यक्ति एक दिन में मुट्ठीभर (एक तिहाई कप) बादाम का सेवन कर सकता है। वहीं, गर्भावस्था की बात करें, तो इस दौरान दिनभर में 4-6 बादाम खाने की सलाह दी जाती है (4) (5)। इस विषय में अधिक जानकारी के लिए संबंधित डॉक्टर से सलाह ली जा सकती है, क्योंकि हर किसी की गर्भावस्था एक समान नहीं होती है। ऐसे में इसके सेवन से जुड़ी सही जानकारी एक डॉक्टर ही दे सकता है।
लेख के अगले हिस्से में जानिए कि गर्भावस्था में बादाम भिगोकर खाएं या बिना भिगोए।
प्रेगनेंसी में क्या खाना बेहतर है, कच्चा बादाम या भिगोए हुए बादाम?
आमतौर पर बादाम का सेवन दोनों रूपों में किया जाता है, लेकिन भिगोकर खाए गए बादाम ज्यादा फायदेमंद माने जाते हैं। इसलिए, गर्भावस्था के दौरान बादाम को भिगोकर खाना उचित रहेगा। इसके पीछे की वजह हम नीचे क्रमवार तरीके से बता रहे हैं:
फाइटिक एसिड कम हो जाता है: बीज, नट्स, अनाज और फलियों में फाइटिक एसिड पाया जाता है। माना जाता है कि यह शरीर में जाकर पोषक तत्वों के अवशोषण को बाधित कर सकता है। इसका मतलब है कि अधिक फाइटिक एसिड पोषक तत्वों की कमी का कारण भी बन सकता है। वहीं, बादाम को रातभर भिगोकर रखने से फाइटिक एसिड को कम करने में मदद मिल सकती है (6)।
पचाने में आसानी होती है: कच्चे बादाम सख्त होते हैं, जिन्हें पचाना मुश्किल हो सकता है (7)। अगर इन्हें भिगो दिया जाए, तो यह मुलायम हो जाते हैं और इन्हें चबाने और पचाने में मदद मिलती है।
अभी आपने पढ़ा कि भीगे हुए बादाम खाना किस तरह फायदेमंद है। अब जानते हैं कि गर्भावस्था में बादाम खाने का सबसे अच्छा समय कब होता है।
बादाम एक गुणकारी खाद्य पदार्थ है, जिसका सेवन पूरी गर्भावस्था के दौरान किया जा सकता है। इसके पीछे की वजह है, इसमें मौजूद कुछ जरूरी पोषक तत्व (जैसे प्रोटीन और कैल्शियम) जिनकी जरूरत पूरी गर्भावस्था के दौरान होती है। इसलिए, प्रेगनेंसी में इन विशेष पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए विशेषज्ञ बादाम के सेवन की सलाह देते हैं (5) (8)। वहीं, इस बात का ध्यान रखें कि सभी बादामों को एक साथ न खाएं, बल्कि उन्हें अपनी सुविधानुसार दो या तीन भागों में बांट लें और दिन भर खाएं। साथ ही सेवन के दौरान इसकी बताई गई मात्रा का भी ध्यान रखें, क्योंकि अधिक मात्रा में किया गया इसका सेवन नुकसानदायक भी हो सकता है, जिसके बारे में आगे लेख में बताया गया है।
नोट – जैसा कि हम लेख में बता चुके हैं कि सभी की गर्भावस्था एक जैसी नहीं होती, इसलिए बादाम का सेवन कौन सी तिमाही में खाना सबसे ज्यादा फायदेमंद रहेगा, यह अनुभवी डॉक्टर सही बता पाएगा।
आइए, अब जानते हैं कि बादाम में कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं।
बादाम के पोषक तत्व
एनसीबीआई (नेशनल सेंटर ऑफ बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) और यूएसडीए (यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर) के अनुसार, 28 ग्राम बादाम में कई जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो इस प्रकार हैं (9) :
प्रोटीन : 12 प्रतिशत दैनिक मूल्य (DV)
अन सैचुरेटेड फैट : 88 प्रतिशत दैनिक मूल्य (DV)
फाइबर : 14 प्रतिशत दैनिक मूल्य (DV)
विटामिन ई : 36 प्रतिशत दैनिक मूल्य (DV)
इनके अलावा, बादाम की सौ ग्राम मात्रा में 269 मिलीग्राम कैल्शियम, 3.71 मिलीग्राम आयरन और 25.63 मिलीग्राम विटामिन-ई भी पाया जाता है।
पोषक तत्वों को जानने के बाद, चलिए अब गर्भावस्था में बादाम के स्वास्थ्य लाभ के बारे में जान लेते हैं।
गर्भावस्था के दौरान बादाम का सेवन कई मायनों में फायदेमंद हो सकता है। इस विषय में हम नीचे जानकारी दे रहे हैं।
फोलिक एसिड – बादाम में फोलिक एसिड पाया जाता है (1)। फोलेट, शिशुओं में होने वाले न्यूरल ट्यूब दोष (ब्रेन और स्पाइन से जुड़ा दोष) के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं (10)। इसलिए, गर्भावस्था के दौरान फोलेट की पूर्ति के लिए बादाम का सेवन किया जा सकता है।
आयरन – गर्भवती महिलाओं को हर दिन 27 मिलीग्राम आयरन की आवश्यकता होती है। बादाम, आयरन का एक अच्छा स्रोत हो सकता है। इसका सेवन शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं को बनाए रखने में मदद करता है (11) (12) । ध्यान रखें कि गर्भावस्था के दौरान दी जाने वाली आयरन की गोलियों का विकल्प बादाम को नहीं माना जा सकता है। इसके सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
कैल्शियम – गर्भावस्था में कैल्शियम भी एक जरूरी पोषक तत्व होता है। प्रेगनेंसी के दौरान कैल्शियम भ्रूण की हड्डियों की संरचना के विकास में मदद करता है। नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज के अनुसार, जो महिलाएं गर्भवती हैं, उन्हें रोजाना 1000 मिलीग्राम कैल्शियम का सेवन करना चाहिए। कैल्शियम युक्त अन्य आहार के साथ-साथ बादाम का सेवन भी इसकी पूर्ति कर सकता है (13)।
पाचन में सहायक है बादाम – गर्भावस्था के दौरान कब्ज और अपच जैसी समस्या होना सामान्य है। ऐसे में फाइबर का सेवन करना लाभकारी साबित हो सकता है। बादाम में मौजूद फाइबर पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने में मदद कर सकता है (14)(15)।
इसके अलावा, बादाम खाने के कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। आइए, जानते हैं गर्भावस्था में बादाम खाने के नुकसान।
गर्भावस्था के दौरान बादाम खाने के नुकसान
वजन बढ़ा सकता है बादाम – बादाम का अधिक सेवन वजन बढ़ने का कारण बन सकता है। इसकी वजह है कि बादाम में कैलोरी और फैट की मौजूदगी (1)
मैंगनीज दे सकता है नुकसान – बादाम में मैंगनीज भी पाया जाता है, जो समय पूर्व प्रसव का कारण बन सकता है। हालांकि, यह एक जरूरी खनिज है, लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन नुकसान दे सकता है। इसलिए, बादाम का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है (16)।
पेट संबंधी समस्या – जैसा कि हमने बताया कि बादाम में फाइबर भी पाया जाता है और फाइबर का अधिक सेवन पेट फूलने, कब्ज और पेट में ऐंठन का कारण बन सकता है (15)।
एलर्जी हो सकती है – बादाम का अधिक सेवन इम्यून सिस्टम को प्रभावित कर सकता है, जिससे एलर्जी हो सकती है (17)। हालांकि, इस तरह के मामले कम ही देखने को मिलते हैं।
विटामिन-ई का प्रभाव – जैसा कि हम लेख में पहले ही बता चुके हैं कि बादाम में विटामिन-ई पाया जाता है और विटामिन-ई का अधिक सेवन जन्म विकार का जोखिम बढ़ा सकता है। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध किए जाने की जरूरत है (18)।
आइए, जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान बादाम का सेवन करते समय कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए।
बादाम का सेवन करते समय बरती जाने वाली सावधानियां
बादाम का सेवन करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना जरूरी है:
अपने आहार में बादाम को शामिल करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर कर लें।
बादाम को उसकी प्राकृतिक अवस्था में खाना ही फायदेमंद हो सकता है। बाजार में मिलने वाले नमकीन, मीठे या चॉकलेट वाले बादाम को खाने से बचें।
बादाम को हमेशा धोकर खाएं, ताकि उस पर मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया से बचा जा सके।
अच्छी तरह पैक हुए बादाम ज्यादा फायदेमंद हो सकते हैं, क्योंकि खुले में मिलने वाले बादाम की तरह इनमें जीवाणु पनपने का डर कम रहता है।
आइए, अब जानते हैं कि बादाम का इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है।
बादाम को अपने आहार में कैसे शामिल कर सकते हैं?
अपने आहार में बादाम को शामिल करने के लिए इन तरीकों पर ध्यान दें।
बादाम को रात भर भिगोकर रखें और अगली सुबह एक महीन पेस्ट बनाएं। इसे एक गिलास दूध के साथ मिलाकर पिएं।
सुबह को नाश्ते में भिगोकर छीले गए बादाम, एक गिलास दूध के साथ लें।
बादाम को मक्खन की जगह इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए भीगे बादाम का बारीक पेस्ट बनाएं और वीट ब्रेड पर लगाकर खाएं।
क्या बादाम का छिल्का खाना हानिकारक है?
नहीं, बादाम का छिल्का खाना हानिकारक नहीं है। इसमें कई जरूरी पोषक तत्व (जैसे फाइबर) पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकते हैं (19)।
क्या खाली पेट बादाम खाना अच्छा है?
खाली पेट बादाम खाया जा सकता है, यह चयापचय (मेटाबॉलिज्म) की क्रिया को बढ़ा सकता है, हालांकि यह एक लोक मान्यता है और इस पर शोध किए जाने की जरूरत है। जिन महिलाओं का प्रेग्नेंसी के समय वजन ज्यादा बढ़ रहा हो, उन्हें बादाम का सेवन कम करना चाहिए। क्योंकि बादाम में कैलोरी काफी अधिक होती हैं। बादाम प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत है। जिन महिलाओं का वजन कम है या जिनके बेबी में इंट्रायूटेरिन ग्रोथ रेस्ट्रिक्शन (आईयूजीआर) हो, उनके लिए बादाम अच्छा ऑप्शन है। इससे बच्चे का वजन बढ़ने में मदद हो सकती है।
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