नार्मल डिलीवरी के लिए कितना पानी होना चाहिए?pregnancytips.in

Posted on Wed 12th Oct 2022 : 11:38

गर्भावस्था में पानी की कमी से बढ़ती है दिक्कतें

गर्भावस्था में शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा से न केवल महिला का आराम रहता है बल्कि गर्भवस्थ शिशु भी सुरक्षित रखता है। पानी की कमी से सिर दर्द, मिचली, धड़कन तेज होना, पेट में मरोड़, मसल्स में दर्द, हाथ-पैरों में सूजन और चक्कर आने की समस्या हो सकती है। अगर गर्भ में पानी (एमिनॉटिक फ्लूड यानी बच्चेदानी में पानी) की कमी है तो बच्चे को कई तरह की परेशानी हो सकती है।

क्यों जरूरी है गर्भावस्था मेंं पर्याप्त पानी
पर्याप्त पानी से गर्भावस्था में मिचली यानी उल्टी जैसे समस्या में बचाव होता है। पानी की कमी से पेट में अम्ल अधिक बनता है जिससे पेट में जलन और अपच होता है। पानी शरीर का तापमान भी नियंत्रित रखता है। इंफेक्शन से बचाव होता है। गर्भावस्था में कब्ज की समस्या सामान्य परेशानी है। कब्ज अधिक समय तक रहने से पाइल्स होने की आशंका रहती है। अगर गर्भवती पर्याप्त पानी पीएं तो इन समस्याओं में आराम मिलता है।

इन कारणों से भी घटता है एमिनॉटिक फ्लूड
गर्भ में एमिनॉटिक फ्लूड कम होने के कई दूसरे भी कारण हो सकते हैं जैसे बच्चे को कोई जन्मजात बीमारी, किडनी में परेशानी, गर्भस्थ शिशु के यूरिनरी ट्रैक में रुकावट या फिर प्लेसेंटा में कोई समस्या है। इसके साथ ही कई बार महिला का पानी असमय डिस्चार्ज से भी एमिनॉटिक फ्लूड का लेवल कम हो जाता है।

ऐसे पहचानें शरीर में पानी की कमी
पानी की कमी को आसानी से पहचाना जा सकता है। अगर गर्भवती का यूरिन पीला या कम मात्रा में हो रहा है तो समझें कि शरीर में पानी की कमी हो रही है। ऐसी स्थिति में पानी अधिक पीएं। शरीर में पानी की कमी से शरीर और सिर में दर्द व ऐंठन की समस्या भी होने लगती है। लेकिन कई बार पीलिया के कारण भी यूरिन पीला आ सकता है। इसलिए अपने डॉक्टर को इस बारे में जरूर बताएं ताकि कोई दूसरी परेशानी न हो।

बच्चे के लिए क्यों जरूरी एमिनॉटिक फ्लूड
यह बच्चे के सम्पूर्ण विकास और सुरक्षा के लिए जरूरी है। इसकी कमी से शिशु का विकास प्रभावित हो सकता है। इसकी ज्यादा कमी होने पर कई बार डॉक्टर समय से पहले डिलीवरी की सलाह देते हैं। यह फ्लूड एंटीबॉडीज की तरह काम करता है जिससे गर्भस्थ शिशु को संक्रमण से बचाव होता है। अल्ट्रासाउंड जांच से इसका पता लगाते हैं। सामान्य रूप से गर्भवती में एमिनॉटिक फ्लूड लेवल 8-18 सेमी के बीच होता है।

पानी व अन्य तरल लेते रहें
गर्मी में गर्भवती को तीन लीटर से अधिक पानी पीना चाहिए। पानी का स्वाद अच्छा नहीं लगता है तो उसमें नींबू का रस, पुदीना, सौंफ, धनिया मिलाकर स्वाद बदल सकती हैं। नारियल पानी पी सकती हैं। घर बना जलजीरा या आम पना लिया जा सकता है। अगर पानी साफ नहीं है तो उबालकर पीएं। कई बार अधिक पानी पीने से भी परेशानी होती है।

कॉफी से यूरिन अधिक
फलों का रस पीना ठीक रहता है लेकिन ज्यादा न लें। इनमें कैलोरी अधिक होती है। सॉफ्ट ड्रिंक्स और चाय-कॉफी तो बिलकुल ही न लें। इससे यूरिन अधिक बनता है और शरीर का तरल बाहर निकलता है।

ये फल खा सकते हैं
गर्भावस्था में संतरा, मौसमी, नींबू, कीवी, अनार, आड़ू, खुबानी और आलूबुखारा आदि फल खाएं। इनसे ताजगी मिलती है। गर्मी में अंगूर, खीरा, टमाटर, तरबूज, मूली, पालक, सेब आदि ले सकती हैं।

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