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प्रेगनेंट होते ही बिल्कुल न खाएं ये चीजें, पेट में ही मर सकता है बच्चा
कंसीव करने के बाद गर्भावस्था का नौ महीनों का सफर बहुत नाजुक और महत्वपूर्ण होता है। इन महीनों में छोटी सी गलती भी भारी पड़ सकती है।
pregnancy me kya khana chahiye
प्रेगनेंसी की पहली तिमाही तक गर्भपात होने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है, इसलिए इन महीनों में महिलाओं को सबसे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत होती है। कंसीव करने के बाद अगर आप कुछ विशेष फूड्स खाती हैं तो इससे मिसकैरेज हो सकता है।
यहां हम आपको कुछ ऐसे फूड्स के बारे में बता रहे हैं जिन्हें प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों में बिलकुल भी नहीं खाना चाहिए, वरना बच्चा पेट में ही मर सकता है।
मिसकैरेज का कारण है एलोवेरा जूस
बालों और स्किन के लिए एलोवेरा बहुत अच्छा होता है। यहां तक कि एलोवेरा का जूस पीने से कई बीमारियों से बचा जा सकता है, लेकिन आपको बता दें कि प्रेगनेंट महिलाओं के लिए एलोवेरा जूस जहर बन सकता है।
गर्भावस्था में एलोवेरा जूस लेने से पेल्विक हिस्से से ब्लीडिंग हो सकती है, इसलिए बेहतर होगा कि आप प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में एलोवेरा जूस का सेवन न करें।
करीना कपूर को पहली प्रेगनेंसी में नीम से भी ज्यादा कड़वी इस चीज की होती थी क्रेविंग
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शायद आपके लिए भी इस बात पर यकीन कर पाना मुश्किल होगा कि करीना कपूर को तैमूर के टाइम पर करेला खाने की क्रेविंग हुई थी। करीना का बार बार करेला खाने का मन करता था जो कि वाकई में बहुत अलग बात है। करीना बताती हैं कि उन्हें इसका स्वाद बहुत पसंद आ रहा था।
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करीना कहती हैं कि गर्भावस्था के दौरान उनका जब भी करेला खाने का मन करता था तो लोग उनसे इस पर थोड़ी चीनी डालकर खाने के लिए कहते थे जिससे करेले की कड़वाहट कम हो जाए लेकिन उन्हें ये पसंद नहीं था। करीना को करेले का कड़वा और कसैला स्वाद ही अच्छा लगता था।
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करेले में फोलेट होता है जो कि शिशु को न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट से बचाने में मदद करता है। इसमें मौजूद फाइबर पेट को देर तक भरा रखता है। इससे हाई कैलोरी वाले और जंक फूड की क्रेविंग कम हो जाती है। यह सब्जी आपको प्रेगनेंसी में पतला रहने में भी मदद करती है।
करेले में एंटी डायबिटिक गुण होते हैं जाे गर्भवती महिला को जेस्टेशनल डायबिटीज से बचा सकते हैं। इसके अलावा करेले में आयरन, नियासिन, पोटैशियम, पैंटोथेनिक एसिड, जिंक, पाइरिडोक्सिन, मैग्नीशियम और मैंगनीज होता है। ये सभी पोषक तत्व भ्रूण के विकास में मदद करते हैं।
प्रेगनेंसी में ज्यादा मात्रा में करेला खाना सही नहीं है लेकिन आप इसमें थोड़ा बदलाव करके इसे कभी कभी खा सकती हैं।
हफ्ते में एक या दो बार करेले का जूस पी सकती हैं लेकिन इससे ज्यादा मात्रा में न पिएं। एक बार में दो कप से ज्यादा करेला खाना सही नहीं होता है। आप लंच और डिनर में कम कम मात्रा में करेला खा सकती हैं।
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करेला खाने के अलावा करीना का मीठा खाने का भी मन करता था। उन्हें पेस्ट्री और केक की बजाय इंडियन मिठाईयां खाने की इच्छा होती थी। करीना घर पर बने सूजी के पेड़े और बेसन के लड्डू खाती थीं जो कि सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।
अपनी प्रेगनेंसी डायट के बारे में करीना कहती हैं कि सबको लगता था कि वो ओवरईटिंग कर रही हैं लेकिन ऐसा नहीं था। करीना की डायटीशियन रुजुता देवेकर ने डायट कंट्रोल करने में उनकी बहुत मदद की थी। रुजुता ही करीना को बताती थीं कि उन्हें दिनभर में क्या खाना है और किन चीजों से दूर रहना है।
तो कुछ इस तरह था करीना के लिए पहली प्रेगनेंसी का एक्सीपीरियंस। अब करीना कपूर दूसरी बार मां बनने जा रही हैं और आपको बता दें कि सेकंड प्रेगनेंसी में भी पहले की तरह ही क्रेविंग हो, ऐसा जरूरी नहीं है।
पपीता
गर्भपात का कारण बनने वाली चीजों में पपीते का नाम सबसे ऊपर आता है। हरा और अधपका पपीता एंजाइम्स से युक्त होता है जिससे गर्भाशय में संकुचन पैदा हो सकता है और गर्भपात हो सकता है, इसलिए कंसीव करने के बाद शुरुआती महीनों में हरा पपीता नहीं खाना चाहिए।
एक स्टडी में बताया गया है कि हरा या अधपका पपीता माइरिड एंजाइम और पस से युक्त होता है। इससे गर्भाशय में ऐंठन पैदा हो सकती है जो गर्भपात करवा सकती है।
कच्चे अंडे
गर्भावस्था के शुरुआती महीनों में कच्चा अंडा या इससे बनी चीजों को भी खाने से बचना चाहिए। इससे फूड पॉइजनिंग हो सकती है। आप मैयोनीज न खाएं। अंडे का सफेद और पीला हिस्सा पकाने के बाद प्रेगनेंट महिलाओं के लिए सुरक्षित होता है। आपको अधपका अंडा खाने से बचना है।
करीना कपूर को पहली प्रेगनेंसी में नीम से भी ज्यादा कड़वी इस चीज की होती थी क्रेविंग
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शायद आपके लिए भी इस बात पर यकीन कर पाना मुश्किल होगा कि करीना कपूर को तैमूर के टाइम पर करेला खाने की क्रेविंग हुई थी। करीना का बार बार करेला खाने का मन करता था जो कि वाकई में बहुत अलग बात है। करीना बताती हैं कि उन्हें इसका स्वाद बहुत पसंद आ रहा था।
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करीना कहती हैं कि गर्भावस्था के दौरान उनका जब भी करेला खाने का मन करता था तो लोग उनसे इस पर थोड़ी चीनी डालकर खाने के लिए कहते थे जिससे करेले की कड़वाहट कम हो जाए लेकिन उन्हें ये पसंद नहीं था। करीना को करेले का कड़वा और कसैला स्वाद ही अच्छा लगता था।
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करेले में फोलेट होता है जो कि शिशु को न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट से बचाने में मदद करता है। इसमें मौजूद फाइबर पेट को देर तक भरा रखता है। इससे हाई कैलोरी वाले और जंक फूड की क्रेविंग कम हो जाती है। यह सब्जी आपको प्रेगनेंसी में पतला रहने में भी मदद करती है।
करेले में एंटी डायबिटिक गुण होते हैं जाे गर्भवती महिला को जेस्टेशनल डायबिटीज से बचा सकते हैं। इसके अलावा करेले में आयरन, नियासिन, पोटैशियम, पैंटोथेनिक एसिड, जिंक, पाइरिडोक्सिन, मैग्नीशियम और मैंगनीज होता है। ये सभी पोषक तत्व भ्रूण के विकास में मदद करते हैं।
प्रेगनेंसी में ज्यादा मात्रा में करेला खाना सही नहीं है लेकिन आप इसमें थोड़ा बदलाव करके इसे कभी कभी खा सकती हैं।
हफ्ते में एक या दो बार करेले का जूस पी सकती हैं लेकिन इससे ज्यादा मात्रा में न पिएं। एक बार में दो कप से ज्यादा करेला खाना सही नहीं होता है। आप लंच और डिनर में कम कम मात्रा में करेला खा सकती हैं।
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करेला खाने के अलावा करीना का मीठा खाने का भी मन करता था। उन्हें पेस्ट्री और केक की बजाय इंडियन मिठाईयां खाने की इच्छा होती थी। करीना घर पर बने सूजी के पेड़े और बेसन के लड्डू खाती थीं जो कि सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।
अपनी प्रेगनेंसी डायट के बारे में करीना कहती हैं कि सबको लगता था कि वो ओवरईटिंग कर रही हैं लेकिन ऐसा नहीं था। करीना की डायटीशियन रुजुता देवेकर ने डायट कंट्रोल करने में उनकी बहुत मदद की थी। रुजुता ही करीना को बताती थीं कि उन्हें दिनभर में क्या खाना है और किन चीजों से दूर रहना है।
तो कुछ इस तरह था करीना के लिए पहली प्रेगनेंसी का एक्सीपीरियंस। अब करीना कपूर दूसरी बार मां बनने जा रही हैं और आपको बता दें कि सेकंड प्रेगनेंसी में भी पहले की तरह ही क्रेविंग हो, ऐसा जरूरी नहीं है।
अनानास
अनानास बहुत स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से युक्त फल है, लेकिन गर्भावस्था के शुरुआती महीनों में ये फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकता है। यदि कोई महिला प्रेगनेंसी के पहले तीन महीनों में अनानास खाती या इसका जूस पीती है तो उसका बच्चा पेट में ही मर सकता है। अनानास में ब्रोमलिन होता है जिससे पेट में संकुचन पैदा होकर मिसकैरेज हो सकता है।
सहजन
विटामिनों, आयरन और पोटैशियम से भरपूर सहजन बहुत पौष्टिक होती है, लेकिन इसमें एल्फा सिटोस्टेरोल भी होता है जो आपके गर्भस्थ शिशु की जान ले सकता है। इस एस्टोजन जेसे यौगिक की वजह से मिसकैरेज हो सकता है।
करीना कपूर को पहली प्रेगनेंसी में नीम से भी ज्यादा कड़वी इस चीज की होती थी क्रेविंग
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शायद आपके लिए भी इस बात पर यकीन कर पाना मुश्किल होगा कि करीना कपूर को तैमूर के टाइम पर करेला खाने की क्रेविंग हुई थी। करीना का बार बार करेला खाने का मन करता था जो कि वाकई में बहुत अलग बात है। करीना बताती हैं कि उन्हें इसका स्वाद बहुत पसंद आ रहा था।
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करीना कहती हैं कि गर्भावस्था के दौरान उनका जब भी करेला खाने का मन करता था तो लोग उनसे इस पर थोड़ी चीनी डालकर खाने के लिए कहते थे जिससे करेले की कड़वाहट कम हो जाए लेकिन उन्हें ये पसंद नहीं था। करीना को करेले का कड़वा और कसैला स्वाद ही अच्छा लगता था।
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करेले में फोलेट होता है जो कि शिशु को न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट से बचाने में मदद करता है। इसमें मौजूद फाइबर पेट को देर तक भरा रखता है। इससे हाई कैलोरी वाले और जंक फूड की क्रेविंग कम हो जाती है। यह सब्जी आपको प्रेगनेंसी में पतला रहने में भी मदद करती है।
करेले में एंटी डायबिटिक गुण होते हैं जाे गर्भवती महिला को जेस्टेशनल डायबिटीज से बचा सकते हैं। इसके अलावा करेले में आयरन, नियासिन, पोटैशियम, पैंटोथेनिक एसिड, जिंक, पाइरिडोक्सिन, मैग्नीशियम और मैंगनीज होता है। ये सभी पोषक तत्व भ्रूण के विकास में मदद करते हैं।
प्रेगनेंसी में ज्यादा मात्रा में करेला खाना सही नहीं है लेकिन आप इसमें थोड़ा बदलाव करके इसे कभी कभी खा सकती हैं।
हफ्ते में एक या दो बार करेले का जूस पी सकती हैं लेकिन इससे ज्यादा मात्रा में न पिएं। एक बार में दो कप से ज्यादा करेला खाना सही नहीं होता है। आप लंच और डिनर में कम कम मात्रा में करेला खा सकती हैं।
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करेला खाने के अलावा करीना का मीठा खाने का भी मन करता था। उन्हें पेस्ट्री और केक की बजाय इंडियन मिठाईयां खाने की इच्छा होती थी। करीना घर पर बने सूजी के पेड़े और बेसन के लड्डू खाती थीं जो कि सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।
अपनी प्रेगनेंसी डायट के बारे में करीना कहती हैं कि सबको लगता था कि वो ओवरईटिंग कर रही हैं लेकिन ऐसा नहीं था। करीना की डायटीशियन रुजुता देवेकर ने डायट कंट्रोल करने में उनकी बहुत मदद की थी। रुजुता ही करीना को बताती थीं कि उन्हें दिनभर में क्या खाना है और किन चीजों से दूर रहना है।
तो कुछ इस तरह था करीना के लिए पहली प्रेगनेंसी का एक्सीपीरियंस। अब करीना कपूर दूसरी बार मां बनने जा रही हैं और आपको बता दें कि सेकंड प्रेगनेंसी में भी पहले की तरह ही क्रेविंग हो, ऐसा जरूरी नहीं है।
तिल के बीज
गर्भवती महिलाओं को नौ महीनों में तिल के बीज ज्यादा नहीं खाने चाहिए। इसे शहद में मिलाकर खाने से गर्भपात होने का डर रहता है। आप गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में काले तिल के बीज खा सकती हैं क्योंकि ये नॉर्मल डिलीवरी में मदद करते हैं, लेकिन इसी वजह से गर्भावस्था के शुरुआती महीनों में इनका सेवन करना हानिकारक होता है। अत: अपने आहार में तिल के बीजों को शामिल न करें।
गर्भावस्था के शुरुआती तीन महीने बहुत नाजुक होते हैं और अगर ये ठीक तरह से निकल जाएं तो मिसकैरेज का खतरा बहुत कम रह जाता है। इसलिए इन महीनों में कुछ भी ऐसा न करें जिससे बच्चे को नुकसान पहुंच सकता हो।
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