पेट में पल रहे बच्चे का वजन कैसे बढ़ाएं?pregnancytips.in

Posted on Fri 14th Oct 2022 : 13:31

अब टेक्‍नोलोजी के जमाने में बच्‍चों के हाथ में मोबाइल फोन रहने लगे हैं और कहानी सुनने के मजे से जैसे वो परे हो गए हैं। हालांकि, आपको बता दें कि बच्‍चों के लिए गैजेट्स का इस्‍तेमाल जितना नुकसानदायक होता है कहानी सुनना उतना ही ज्‍यादा फायदेमंद होता है।
बच्‍चों को कहानी सुनाने की बहुत पुरानी प्रथा है। हम भी अपने बचपन में कहानी सुने बिना नहीं सोते थे। कहानी की दुनिया बच्‍चों को जैसे अपनी-सी लगती है। बीरबल, पांडवों, विक्रम और बेताल की कहानियों से भी बच्‍चों को बहुत कुछ सीखने को मिलता है।
बच्‍चों ही नहीं बल्कि बड़ों को भी कहानियों से जीवन की सीख मिलती है। हालांकि, अब समय बदल रहा है और अब बच्‍चे कहानी सुनने की बजाय स्‍मार्टफोन और टैबलेट पर चिपके रहते हैं। आपको बता दें कि बच्‍चों के लिए गैजेट से ज्‍यादा कहानी सुनना फायदेमंद होता है।
यहां हम आपको बच्‍चों को कहानी सुनाने के कुछ फायदे बता रहे हैं।

भाषा पर पकड़
किताबें पढ़ने से ही नहीं बल्कि कहानी सुनने से भी बच्‍चे की भाषा यानी वोकैबलरी बढ़ती है। अगर आपका बच्‍चा अभी छोटा है तो आप उसे कहानी सुनाकर बोलना सिखा सकती हैं। वहीं ये आपके बच्‍चे के लिए शिक्षा की पहली सीढ़ी होगी। कहानियों से बच्‍चे में भाषा के प्रति कुशलता बढ़ती है।

बच्‍चों को अपने पिता से विरासत में मिलती हैं ये 6 चीजें

- ऐसा माना जाता है कि अगर मां या बाप में से किसी एक की भूरी आंखें हैं, तो बच्‍चे की भी आंखों का भूरा रंग होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। लेकिन अगर पिता की आंखों का रंग नीला, हरा या ग्रे हो, तो बच्‍चे की आंखों का रंग अपने पिता पर ही जाता है।


बच्‍चे के नैन-नक्‍श के बाद बालों की ही बात होती है। यहां भी आंखों के रंग वाला लॉजिक ही बैठता है। बच्‍चों के बाल का रंग में पिता के जीन्‍स अहम भूमिका निभाते हैं। यदि पिता के बालों का रंग काला होगा, तो बच्‍चे के बालों का रंग भी अपने पिता पर ही जाएगा।

-बच्‍चे का सोने का तरीका भी काफी हद तक अपने पिता से मिलता है। यदि आपका बच्‍चा भी अपने पिता की तरह करवट लेकर सोता है या सीधा लेटता है, तो हैरान होने की बात नहीं है। ये आदत आपके बच्‍चे को अपने पिता से ही मिली होती है।

अगर पिता का कद लंबा हो, तो बच्‍चे की लंबाई भी अपने पिता के जितनी होती है। वहीं, अगर मां का कद छोटा और पिता की हाइट लंबी हो तो इससे बच्‍चे की लंबाई सामान्‍य या अच्‍छी होती है।


कभी भी दो लोगों के फिंगरप्रिंट एक जैसे नहीं होते हैं, लेकिन दिलचस्‍प बात यह है कि बच्‍चे और पिता की हाथ की रेखाओं के पैटर्न के बीच समानताएं हो सकती हैयदि बच्‍चे के पिता के दांतों में कैविटी या कोई अन्‍य समस्‍या हो, तो उसका जोखिम बच्‍चे में भी बढ़ जाता है। यहां तक कि बच्‍चों के दांतों की संरचना भी पिता पर ही जाती है।

इसके अलावा बच्‍चों के गाल के डिंपल भी उन्‍हें अपने पिता से मिल सकते हैं। अब तो आप जान गए ना कि बच्‍चों को अपने पिता से क्‍या चीजें मिलती हैं। पिता के कई गुण बच्‍चों में आते हैं जिनमें से कुछ लक्षणों के बारे में ऊपर बताया गया है। अब अगर आप प्रेगनेंट हैं और जानना चाहती हैं कि आपका बच्‍चा किस पर जाएगा? तो आप आसानी से समझ सकती हैं कि आपके बच्‍चे की कई आदतें उसके पिता पर ही होंगी। पिता के कुछ खास लक्षण बच्‍चों में आ ही जाते हैं।

भावनात्‍मक पहलू
कहानी सुनते समय बच्‍चे खुद को कहानी के पात्र के रूप में देखने लगते हैं। इससे उन्‍हें अलग-अलग भावनाओं का एहसास करने में मदद मिलती है और वो दूसरों की भावनाओं को भी समझने लगते हैं। कहानी सुनने वाले बच्‍चे ज्‍यादा बेहतर इंसान बन सकते हैं और ये भावनात्‍मक स्थितियों को अच्‍छी तरह से संभाल भी सकते हैं। ऐसा कहा जा सकता है कि कहानी सुनने से बच्‍चे भावनात्‍मक रूप से मजबूत बनते हैं।

दूसरों की बात सुनने का गुण
आज बहुत ही कम लोग ऐसे बचे हैं जो अपनी बात कहने की बजाय दूसरों की सुनते हों। इसीलिए आज दूसरों की बात सुनने को एक अच्‍छा गुण माना जाने लगा है। अध्‍ययनों में सामने आया है कि कहानी सुनने से बच्‍चों की सुनने की क्षमता और चाहत में सुधार आता है। कहानी सुनने वाले बच्‍चे अच्‍छे श्रोता बनते हैं।

बच्‍चों को अपने पिता से विरासत में मिलती हैं ये 6 चीजें
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ऐसा माना जाता है कि अगर मां या बाप में से किसी एक की भूरी आंखें हैं, तो बच्‍चे की भी आंखों का भूरा रंग होनेभावना काफी बढ़ जाती है। लेकिन अगर पिता की आंखों का रंग नीला, हरा या ग्रे हो, तो बच्‍चे की आंखों का रंग अपने पिता पर ही जाता है।
बच्‍चे के नैन-नक्‍श के बाद बालों की ही बात होती है। यहां भी आंखों के रंग वाला लॉजिक ही बैठता है। बच्‍चों के बाल का रंग में पिता के जीन्‍स अहम भूमिका निभाते हैं। यदि पिता के बालों का रंग काला होगा, तो बच्‍चे के बालों का रंग भी अपने पिता पर ही जाएगा।
बच्‍चे का सोने का तरीका भी काफी हद तक अपने पिता से मिलता है। यदि आपका बच्‍चा भी अपने पिता की तरह करवट लेकर सोता है या सीधा लेटता है, तो हैरान होने की बात नहीं है। ये आदत आपके बच्‍चे को अपने पिता से ही मिली होती है।
पिता का कद लंबा हो, तो बच्‍चे की लंबाई भी अपने पिता के जितनी होती है। वहीं, अगर मां का कद छोटा और पिता की हाइट लंबी हो तो इससे बच्‍चे की लंबाई सामान्‍य या अच्‍छी होती है।

कभी भी दो लोगों के फिंगरप्रिंट एक जैसे नहीं होते हैं, लेकिन दिलचस्‍प बात यह है कि बच्‍चे और पिता की हाथ की रेखाओं के पैटर्न के बीच समानताएं हो सकती हैं।

यदि बच्‍चे के पिता के दांतों में कैविटी या कोई अन्‍य समस्‍या हो, तो उसका जोखिम बच्‍चे में भी बढ़ जाता है। यहां तक कि बच्‍चों के दांतों की संरचना भी पिता पर ही जाती है।

इसके अलावा बच्‍चों के गाल के डिंपल भी उन्‍हें अपने पिता से मिल सकते हैं। अब तो आप जान गए ना कि बच्‍चों को अपने पिता से क्‍या चीजें मिलती हैं। पिता के कई गुण बच्‍चों में आते हैं जिनमें से कुछ लक्षणों के बारे में ऊपर बताया गया है। अब अगर आप प्रेगनेंट हैं और जानना चाहती हैं कि आपका बच्‍चा किस पर जाएगा? तो आप आसानी से समझ सकती हैं कि आपके बच्‍चे की कई आदतें उसके पिता पर ही होंगी। पिता के कुछ खास लक्षण बच्‍चों में आ ही जाते हैं
हमारी पर्सनैलिटी में माता-पिता के जीन्‍स अहम भूमिका निभाते हैं। शारीरिक बनावट के साथ-साथ चेहरे की शेप और त्‍वचा का रंग भी मां-बाप पर ही जाता है।


कल्‍पना शक्‍ति बढ़ती है
कहानी सुनने से बच्‍चे चीजों की कल्‍पना करने लगते हैं। वो खुद ही सोचने लगते हैं कि कहानी में कौन-सा किरदार कैसा है और कहानी कैसे चल रही है। इस कल्‍पना से बच्‍चे में रचनात्‍मकता आती है और उसकी सोचने एवं समस्‍याओं को हल करने की क्षमता भी बढ़ती है।


संस्‍कृति के बारे में जानने का मौका
अपनी नैतिक कहानियां और इतिहास से जुड़ी कहानियां सुनने पर बच्‍चों को अपनी संस्‍कृति के बारे में जानने का मौका मिलता है। दादा-दादी द्वारा अपने समय की सुनाई गई कहानियों से बच्‍चों को पता चलता है कि पहले का समय कैसा था और तब सब कैसे रहते और काम करते थे। इतिहास की बातें पढ़ने में बोरिंग लगती हैं लेकिन जब उन्‍हें कहानी में पिरोकर सुनाया जाता है तो बच्‍चों की दिलचस्‍पी बढ़ जाती है।
अब अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्‍चा होशियार और समझदार बने तो थोड़ा समय निकाल कर उसे कहानी सुनाना शुरू कर दीजिए। इससे बच्‍चे को ही नहीं बल्कि आपको भी फायदा होगा। आपको अपने बच्‍चे के साथ कुछ खास और अच्‍छा समय बिताने का मौका मिलेगा जिससे आप दोनों का रिश्‍ता और मजबूत होगा।

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