प्रेगनेंसी के 7 महीने में कैसे सोना चाहिए?pregnancytips.in

Posted on Fri 11th Nov 2022 : 09:23

प्रेग्नेंसी के दौरान कैसे सोना चाहिए? (Sleeping Positions During pregnancy in Hindi)

प्रेग्नेंसी में कैसे सोना चाहिए यह गर्भवती महिलाओं के लिए बड़ी मुश्किल हो सकती है। दरअसल, गर्भावस्था में बढ़ते पेट के आकार गर्भवती महिलाओं को सामान्य दिनों की तरह सोने वाले तरीके में परेशानी हो सकती है, गर्भावस्था को भी प्रभावित कर सकती है। ऐसे में गर्भावस्था में सोने का सही तरीका (Pregnancy Me Kaise Soye) क्या है, इसकी सही जानकारी होनी जरूरी है।

यही खास वजह है कि बेबीचक्रा के इस लेख में गर्भावस्था में सोने के तरीके पर चर्चा की गई है। यहां पर आप प्रेग्नेंसी में कैसे सोना चाहिए इसके बारे में विस्तार से पढ़ेंगे।
गर्भावस्था में सोने का सही तरीका क्या है?

गर्भावस्था में सोने का सही तरीका क्या है, इस पर कई रिसर्च मौजूद हैं। इनके आधार पर ऐसा बताया गया है कि गर्भावस्था के दौरान बाईं करवट में सोना गर्भवती महिला व उसकी गर्भावस्था के लिए अच्छा हो सकता है।

बाईं करवट लेकर गर्भावस्था में सोने क्यों अच्छा माना गया है, इसकी कई वजहें हैं, जिनके बारे में नीचे विस्तार से बताया गया हैः
गर्भावस्था के दौरान सोने की सबसे बेहतरीन अवस्था क्या है?

गर्भावस्था के दौरान बाईं ओर करवट लेकर सोना सबसे बेहतरीन अवस्था मानी जा सकती है, क्योंकिः

बाईं ओर करवट लेकर सोने से मां और बच्चे में रक्त व ऑक्सीजन का परिसंचरण बिना किसी रूकावट के हो सकती है।
इस तरह करवट लेकर सोने से नसों व गर्भाशय पर दबाव भी कम पड़ सकता है।
बाईं ओर करवट लेकर सोने से प्लेसेंटा में ऑक्सीजन का स्तर व प्रवाह अच्छा होता है, जिससे बच्चे के शरीर में रक्त या पोषक तत्वों से जुड़ी बाधा को कम किया जा सकता है।
बाईं करवट लेकर सोने से गर्भावस्था में सूजन व वैरिकोज वेन्स की समस्या का जोखिम कम किया जा सकता है।

प्रेग्नेंसी में कैसे सोना चाहिए

गर्भावस्था में कब नींद की समस्या होती है?

प्रेग्नेंसी के पहली तिमाही से लेकर तीसरी तिमाही तक नींद की समस्या देखी जा सकती है। हालांकि, गर्भवस्था की दूसरी तिमाही के दौरान नींद की समस्या सबसे अधिक देखी जा सकती है। वहीं, तीसरी तिमाही में भी प्रेग्नेंसी के दौरान नींद की समस्या देखी जा सकती है।
गर्भावस्था के दौरान कितनी नींद पर्याप्त है? (Pregnancy Me Kitna Sona Chahiye)

गर्भावस्था में सोने के तरीके (Pregnancy mai kaise sona chahiye) के साथ ही, इस दौरान कितना सोना चाहिए, इसका भी ध्यान रखना जरूरी है। गर्भवती महिलाओं के लिए भारत सरकार की तरफ से जारी एक गाइडलाइन में यह स्पष्ट किया गया है कि गर्भवती महिलाओं को रात में कम से कम 8 घंटे तक सोना चाहिए। इसके अलावा, उन्हें दिन में भी कम से कम 2 घंटे की नींद पूरी करनी चाहिए।
गर्भावस्था में नींद ना आने के कारण

रिसर्च बताते हैं कि गर्भावस्था के शुरुआती चरणों से ही नींद की समस्या शुरू हो सकती है, जो पेट के बढ़ते आकार और उसकी वजह से होने वाले शारीरिक थकान की वजह से अधिक बढ़ भी सकती है। नीचे इसके कुछ अन्य कारण भी बताए गए हैंः

भ्रूण व पेट का बढ़ता आकार
योनि का बढ़ता आकार
स्तनों में सूजन व भारीपन होने के कारण
गर्भाशय पर दबाव पड़ने के कारण
गर्भावस्था में बार-बार पेशाब आने पर
सांस से जुड़ी परेशानी होने पर
सोते समय पेट पर दबाव पड़ने के कारण भी नींद की समस्या हो सकती है।
पेट में आए भारीपन के कारण पीछे व कमर दर्द के कारण नींद न आना।
गर्भावस्था के दौरान श्रोणि दर्द होने पर।

गर्भावस्था के दौरान आराम की नींद के लिए टिप्स

गर्भावस्था में सोने का सही तरीका

अच्छी व आरामदायक नींद के लिए जरूरी है। वैसे तो लेख में यह बता चुके हैं कि प्रेग्नेंसी में कैसे सोना चाहिए। हालांकि, बाईं ओर करवट लेकर सोते समय गर्भवती महिला को कुछ अन्य टिप्स भी फॉलों कर सकती हैं, जो उनके सोने की गुणवत्ता को बढ़ा सकते हैं, जैसेः

प्रेग्नेंसी में कैसे सोना चाहिए

सोते समय प्रेग्नेंसी पिलो का इस्तेमाल करना।
एक से अधिक तकियों का इस्तेमाल करना, जैसे – एक तकिया सिर के नीचे रख सकती हैं, तो दूसरा तकिया पेट के नीचे और एक अन्य तकिया पैरों के नीचे भी रख सकती हैं।
पूरी रात सिर्फ बाईं करवट लेकर ही न सोएं। अगर बीच में नींद खुलती है, तो कुछ देर के लिए पीठ के बल और दाईं तरफ करवट लेकर भी सोया जा सकता है।
सोने के तुरंत पहले भोजन न करें। कोशिश करें कि सोने से कम से कम दो घंटे पहले ही भोजन कर लें।
अच्छी नींद के लिए गर्भावस्था में हल्का भोजन करें। अधिक मिर्च-मसाले व तैलीय खाद्य खाने से परहेज करें।
सोने से पहले सुविधानुसार शरीर को स्ट्रेच कर सकती हैं।
सोने से पहले कमर, सिर और पैर की मालिश भी करवा सकती हैं।

प्रेग्नेंसी में पेट के बल सोना सही या गलत?

गर्भावस्था में पेट के बल सोना (Pregnancy me sone ka tarika) अच्छा नहीं होता है। इसके निम्नलिखित कारण हैं, जिनमें शामिल हैंः

प्रेग्नेंसी में पेट के बल लेटकर सोने (Pregnancy me sone ka tarika) से पेट और गर्भाशय पर शरीर का भार पड़ सकता है। इससे गर्भ में पल रहे भ्रूण में रक्त व ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, जो गर्भावस्था के लिए जोखिम भरा हो सकता है।
इसके अलावा, पेट के बल सोने से सीने में जलन भी हो सकती है, क्योंकि पेट पर पड़ने वाले भार के कारण पाचन प्रक्रिया धीमी हो सकती है। इस वजह से अपच की समस्या हो सकती है, जो कब्ज व सीने में जलन की समस्या उत्पन्न कर सकता है।
वहीं, बेबी बंप के कारण प्रेग्नेंसी में पेट के बल सोने से सोने व लेटने में असुविधा भी हो सकती है।
साथ ही, पेट के बल सोने से रीढ़ की हड्डी में खिंचाव आ सकता है, जो पीठ दर्द का कारण बन सकता है।
इसके अलावा, गर्भावस्था में स्तनों का आकार भी बढ़ जाता है। ऐसे में पेट के बल सोने से स्तनों पर भी दवाब बन सकता है, जिससे स्तनों में भी दर्द हो सकता है।

प्रेग्नेंसी में पीठ के बल सोना सही या गलत?

प्रेग्नेंसी में पीठ के बल यानी प्रेग्नेंसी में सीधा सोना चाहिए या नहीं (Pregnancy mein kaise sona chahiye), इसे भी लेकर कई लोगों के मन में सवाल हो सकते हैं। तो बता दें कि प्रेग्नेंसी के शुरुआती चरणों में पीठ के बल सोना सही माना जा सकता है।

हालांकि, प्रेग्नेंसी में पीठ के बल अधिक देर कर लेटे रहने (pregnancy me kis side sona chahiye) से बचना चाहिए। इस पर जारी रिसर्च में यह बताया गया है कि गर्भावस्था में पीठ के बल लेटकर सोने से पेट के भार गर्भाशय का दबाव बना सकता है। इससे पीठ की मांसपेशियों, रीढ़ की हड्डियों व रक्त की नलियों पर भी दबाव पड़ सकता है, जो भ्रूण में रक्त का संचार प्रभावित कर सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या प्रेग्नेंसी में सोने का तरीका शिशु के विकास पर असर डाल सकता है?
हां, प्रेग्नेंसी में गलत तरीके से सोने से माँ व शिशु में रक्त परिसंचरण में परेशानी के साथ ही अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। इसलिए गर्भावस्था में सोने का सही तरीका (Pregnancy me kaise soye) हर गर्भवती महिला को पता होना चाहिए।

गर्भवती महिला को नींद नहीं आये तो क्या करे?
अगर गर्भवती महिला को नींद आने में परेशानी होती है, तो वह स्लीप म्युजिक सुन सकती हैं। इसके अलावा, सिर, कमर व पैर की मालिश करवा सकती हैं। मालिश से भी अच्छी नींद आ सकती है।

प्रेग्नेंसी में पेट बढ़ने पर आसानी से सो पाने के लिए मैं कौन से उपाय आजमा सकती हूं?
प्रेग्नेंसी में पेट बढ़ने पर गलत तरीके से लोटने के कारण सोने व लेटने में परेशानी हो सकती है। जिसे कम करने के लिए गर्भवती महिलाएं बाईं ओर करवट लेकर सो सकती हैं। साथ ही, अच्छी क्वालिटी के प्रेग्नेंसी पिलो का इस्तेमाल भी कर सकती हैं।

प्रेग्नेंसी में ज्यादा लेटे रहने से क्या होता है?
प्रेग्नेंसी में ज्यादा लेटे रहने से पेट के बढ़े हुए आकार की वजह से ब्लैडर पर दबाव बढ़ सकता है। इससे गर्भवती महिला को बार-बार पेशाब की इच्छा हो सकती है और यह उसके नींद को प्रभावित कर सकती है।

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