प्रेगनेंसी में शरीर में खुजली क्यों होती है?pregnancytips.in

Posted on Fri 11th Nov 2022 : 09:23

गर्भवती होने पर त्वचा में खुजलाहट महसूस होना सामान्य बात है। यह काफी आम भी है, कुल प्रेग्नेंट महिलाओं में से तकरीबन एक चौथाई को यह परेशानी होती है।

इसके लिए कुछ हद तक त्वचा में खिंचाव या हॉर्मोनों में बदलाव को दोष दिया जा सकता है। आप यह पाएंगी कि खुजली आपके पेट और स्तनों पर ज्यादा होती है।

खुजलाहट के निम्न कारण भी हो सकते हैं:

त्वचा की अन्य आम समस्याएं, जिनमें छाजन (एग्जिमा) भी शामिल है। गर्भावस्था के दौरान एग्जिमा होना थोड़ा अप्रत्याशित सा हो सकता है। संभव है प्रेग्नेंसी के दौरान आपको पहली बार एग्जिमा हो, या फिर यदि आपको पहले से ही एग्जिमा है, तो गर्भावस्था में यह और बिगड़ भी सकता है या ठीक भी हो सकता है। एग्जिमा के दौरान त्वचा की सिलवटों में खुजली होती है, जैसे कि घुटनों या कोहनी में अंदर की तरफ।
खाज (स्केबीज़) जो कि छोटे-छोटे घुन (माइट) के काटने से त्वचा में होने वाली असहजता है। इसमें बहुत ज्यादा खुजली होती है।
कवक (फंगल) संक्रमण थ्रश के होने पर भी योनि और इसके आसपास के क्षेत्र में खुजलाहट हो सकती है।


एग्जिमा से राहत के लिए डॉक्टर आपको त्वचा पर लगाने की सुरक्षित दवा दे सकती हैं। खाज और थ्रश के लिए आपको उपचार की जरुरत होगी, जिसके बारे में डॉक्टर आपको बताएंगी।

अगर आपको हाथों और पैरों समेत पूरे शरीर पर बहुत ज्यादा खुजलाहट हो, तो इस बारे में तुरंत अपनी डॉक्टर को बताएं। यह यकृत (लीवर) से जुड़ी उस समस्या का संकेत हो सकता है, जो कि कई बार गर्भावस्था के अंतिम चरण में होती है। इसे आॅब्सटेट्रिक कोलेस्टेसिस (ओसी) कहा जाता है। इस बारे में नीचे विस्तार से पढ़ें।

अधिकांश महिलाओं के लिए खुजलाहट चिंता का कारण नहीं होती है।
खुजलाहट से राहत के लिए क्या कर सकती हूं?
खुजलाहट से राहत पाने के लिए आप बहुत सी चीजें कर सकती हैं। कुछ ऐसे उपाय भी हैं जो खुजली को ज्यादा बढ़ने से रोकते हैं।

गर्म पानी से नहाने से आपकी पहले से संवेदनशील त्वचा और अधिक रुखी हो सकती है, जिससे खुजली ज्यादा बढ सकती है। इसलिए गर्म पानी की बजाए, हल्के गुनगुने पानी से नहाएं। साथ ही, तीक्ष्ण सुगंध वाले उत्पादों का इस्तेमाल न करें। ये आपकी त्वचा को शुष्क या असहज बना सकती हैं और इनसे खुजलाहट ज्यादा बढ़ सकती है। रुखी, बिगड़ी हुई या असहज त्वचा पर बॉडी ब्रश या लूफा का इस्तेमाल न करें।

त्चचा को साफ करने के लिए सौम्य, मॉइस्चराइजिंग साबुन या पीएच-संतुलित बॉडी वॉश का इस्तेमाल करें।

हर बार नहाने के बाद अपनी त्वचा पर अच्छे से मॉइस्चराजर लगाएं। कोशिश करें कि असुगंधित उत्पादों का इस्तेमाल करें। एलोवेरा युक्त मॉइस्चराइजर अच्छे विकल्प हो सकते हैं। एलोवेरा एक जीवाणु रोधी और फंगस रोधी पौधा है और इसका सत्व या अर्क त्वचा को पोषण व सुरक्षा प्रदान करता है।

अगर आप अपने शरीर पर तेल लगाती हैं, तो सुनिश्चित करें कि ऐसे तेल का इस्तेमाल करें जिसमें लिनोलेइक एसिड की मात्रा काफी ज्यादा हो। ओलेइक एसिड से भरपूर तेल जैसे कि सरसों का तेल या जैतून का तेल (आॅलिव आॅयल) आपकी त्वचा को रुखा बना सकते हैं। साथ ही, त्वचा की समस्याओं जैसे कि एग्जिमा आदि को और बढ़ा सकते हैं। वनस्पति तेलों (वेजिटेबल आॅयल) में लिनोलेइक एसिड काफी अधिक मात्रा में होता है इसलिए ये संवेदनशील या खुजलाहट वाली त्वचा के लिए ज्यादा सही रहते हैं। ये त्वचा को भेद्य बनाने की बजाय त्वचा के बैरियर को सुरक्षा प्रदान करते हैं।

कई उत्पादों में ओलेइक या लिनोइक एसिड तत्वों के बारे में जानकारी नहीं दी गई होती है। हालांकि, वे पॉलीअनसैचुरेटेड या मोनोअनसैचुरेटेड वसा के अनुपातों के बारे में जानकारी देते हैं। जिन तेलों में पॉलीअनसैचुरेटेड वसा होती है, उनमें लिनोलेइक एसिड उच्च मात्रा में होता है।

अगर आपको एग्जिमा है, तो केवल डॉक्टर द्वारा बताई गई क्रीम या मलहम ही लगाएं।

खुजलाहट से राहत के लिए अक्सर कैलामाइन लोशन लगाया जाता है। इसके प्रभाव को लेकर बहुत ज्यादा प्रमाण नहीं हैं। बहरहाल, गर्भावस्था में इसका इस्तेमाल सुरक्षित है और इससे आपको आराम भी मिल सकता है।

अस्थाई मगर तुरंत उपचार के लिए आप खुजलाहट वाली जगहों पर कुछ ठंडी चीजें रख सकती हैं। गीला और ठंडा तौलिया काम आ सकता है या फिर ठंडे खीरे की फांके भी मददगार हो सकती हैं। हालांकि ये उपचार अल्पकालिक ही हैं।

विटामिन सी, विटामिन ई, बीटा कैरोटीन और जिंक से भरपूर आहार लें। ये विटामिन आपकी त्वचा के लिए अच्छे हैं और इसे नरम व कोमल बनाए रखने में मदद करते हैं। डॉक्टर से बिना पूछे इन विटामिनों के अनुपूरक (सप्लीमेंट) न लें। डॉक्टर आपको इनकी सही खुराक के बारे में बता सकती हैं।

त्वचा को जलनियोजित (हाइड्रेटेड) रखने के लिए एक दिन में आठ से 12 गिलास पानी पीएं।

अगर आपको खुजलाहट महसूस हो, तो हथेली या मुलायम कपड़े से हल्के से खुजली करें। नाखूनों से खुजली न करें, क्योंकि इससे खून आ सकता है और त्वचा में संक्रमण हो सकता है।

कई बार, कपड़ों से डिटर्जेंट अच्छी तरह साफ न होने के कारण त्वचा में रुखापन आ जाता है, जिससे खुजलाहट हो सकती है। हल्के डिटर्जेंट का इस्तेमाल करें और कपड़ों को अच्छी तरह धोएं।

मुझे पेट पर चकत्ते हो गए हैं, जिनमें खुजली हो रही है। यह क्या है?
यह पॉलिमॉर्फिक इरप्शन आॅफ प्रेग्नेंसी (पीईपी) नामक चिकित्सकीय स्थिति की वजह से हो सकता है। यह खुजली के साथ-साथ चकत्ते होने का एक आम कारण है। ये आमतौर पर तीसरी तिमाही में गायब हो जाते हैं। पीईपी आपके या आपके शिशु के लिए खतरनाक नहीं है, और शिशु के जन्म के बाद यह ठीक हो जाना चाहिए।

हमें निश्चित रूप से यह ज्ञात नहीं है कि पीईपी होने की वजह क्या है। मगर, इसके होने की संभावना तब ज्यादा होती है जब आपके गर्भ में जुड़वां या इससे अधिक शिशु हों।

पीईपी अक्सर पेट पर खुजलीदार चकत्ते से शुरु होता है फिर यह जांघो तक पहुंच जाता है, खासकर कि आपके खिंचाव के निशानों (स्ट्रेच मार्क्स) पर। ये चकत्ते छोटे-छोटे उभरे हुए लाल ढेले जैसे दिख सकते हैं और त्वचा का काफी क्षेत्र लाल और सूजा हुआ लग सकता है।

पीईपी के लिए विभिन्न उपचार उपलब्ध हैं, इनमें स्टेरॉइड क्रीम, मॉइस्चराइजर और एंटीहिस्टेमीन दवाएं शामिल हैं। उपचार आपके लक्षणों पर निर्भर करता है। बेहतर है कि उपचार के बारे में अपनी डॉक्टर से पूछा जाए।
क्या त्वचा में खुजली किसी अधिक गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है?
अधिकांश मामलों में त्वचा में खुजली आपके शिशु को प्रभावित नहीं करती है। दुर्लभ मामलों में तीसरी तिमाही में खुजलाहट यकृत की समस्या आॅब्सटेट्रिक कोलेस्टेसिस (ओसी) का संकेत हो सकती है। इस स्थिति का एक अन्य नाम इंट्राहैपेटिक कोलेस्टेसिस आॅफ प्रेग्नेंसी (आईसीपी) भी है।

ओसी के वास्तविक कारण अभी स्पष्ट नहीं है। हालांकि, यह अवश्य ज्ञात है कि यह भारतीय और पाकिस्तानी मूल की महिलाओं में अधिक आम है।

अगर आपको ओसी है, तो आपको शरीर में काफी ज्यादा हिस्से में तेज खुजलाहट हो सकती है। कुछ लक्षण इसे सामान्य खुजली से अलग बनाते हैं:

खुजलाहट अक्सर आपकी हथेलियों और तलवों पर होती है।
खुजलाहट रात के समय अक्सर बढ़ जाती है
आपको कोई चकत्ते नहीं है
आप यह भी पाएंगी कि आपका पेशाब गहरे रंग का है और आप फीके रंग का मलत्याग कर रही हैं।


अगर आपको बहुत ज्यादा खुजली हो, तो अपनी डॉक्टर को दिखाएं। वह ओसी की पुष्टि के लिए खून की जांच करवाने से पहले खुजली के अन्य संभावित कारणों के बारे में पता करेंगी।

अगर आपको ओसी हुआ, तो आपको इतनी खुजलाहट होगी कि आप रात को सो भी न सकें। डॉक्टर आपको इससे राहत के लिए दवाई या क्रीम दे सकती हैं। अगर आपको ओसी हो, तो यह शिशु के जन्म के बाद जल्द ही ठीक हो जाना चाहिए।

ओसी के दौरान अच्छी प्रसवपूर्व देखभाल होना जरुरी है, क्योंकि यह स्थिति समय से पहले प्रसव की संभावना को बढ़ा देती है।

अगर, आपको समय से पहले प्रसव नहीं होता, तो डॉक्टर आपको प्रसव पीड़ा प्रेरित (इंड्यूस्ड लेबर) करवाने की सलाह दे सकती है, ताकि शिशु का जन्म पहले हो सके। आप और आपके शिशु की सावधानीपूर्वक निगरानी की जाएगी, ताकि डॉक्टर शिशु के जन्म के उचित समय के बारे में सलाह दे सकें।

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