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मां बनना किसी भी औरत के लिए दुनिया के सबसे बेस्ट एक्सपीरियंस में से एक होता है। अपने बच्चे को 9 महीने तक गर्भ में पालना कोई आसान काम नहीं है। इस दौरान शरीर के अंदर कई बदलाव होते हैं और कई तरह के अच्छे और बुरे हर तरह के अनुभव का भी सामना करना पड़ता है। लेकिन अगर आप प्रेग्नेंट हैं और हल्की सी भी ब्लीडिंग या स्पॉटिंग नजर आए तो किसी का भी परेशान और पैनिक होना लाजिमी है।
हालांकिए इस स्पॉटिंग का मतलब जरूरी नहीं कि आपकी प्रेग्नेंसी में कुछ गलत हो गया है। ऐसी कई महिलाएं होती हैं जिन्हें पूरी प्रेग्नेंसी के दौरान हल्की ब्लीडिंग या स्पॉटिंग होती रहती है बावजूद इसके वे एक हेल्दी बच्चे को जन्म देती हैं।
प्रेग्नेंसी के 12 हफ्तों तक 25% महिलाओं को होती है स्पॉटिंग
डॉक्टर्स और गाइनैकॉलजिस्ट्स की मानें तो प्रेग्नेंसी के पहले ट्राइमेस्टर यानी शुरुआती 3 महीने में हल्की ब्लीडिंग या स्पॉटिंग होना बेहद कॉमन और नॉर्मल सी बात है। करीब 25 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को प्रेग्नेंसी के 12 हफ्तों तक हल्की ब्लीडिंग या स्पॉटिंग का अनुभव होता है।
2010 की एक स्टडी की मानें तो प्रेग्नेंसी के छठे और सातवें हफ्ते में बेहद कॉमन बाता है। लेकिन होने वाली मांएं अक्सर ऐसी चीजें देखकर घबरा जाती हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली स्पॉटिंग का रंग और फ्लो दोनों ही मेन्स्ट्रुअल पीरियड के दौरान होने वाली ब्लीडिंग से हल्का होता है या फिर कई बार डार्क ब्राउन कलर का भी हो सकता है और महज एक-दो ड्रॉप खून ही नजर आता है।
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प्रेग्नेंसी में स्पॉटिंग की वजहें
गर्भावस्था के दौरान हल्की ब्लीडिंग और स्पॉटिंग दिखने की कई वजहें हो सकती हैं-
- जब भ्रूण होता है इम्प्लांट
फर्टिलाइजेशन यानी गर्भधारण होने के 10 से 12 दिन के बाद जब भ्रूण यूट्रस में इम्प्लांट होने लगता है उस दौरान भी हल्की ब्लीडिंग होती है जिसे पीरियड्स समझा जा सकता है। लेकिन ये मुश्किल से 2 या 3 दिन तक ही रहता है, पीरियड्स की तरह 5 से 7 दिन नहीं।
- वजाइनल इंफेक्शन
कई बार प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को वजाइना में इंफेक्शन भी हो जाता है जिस वजह से हल्का ब्लड स्पॉट नजर आ सकता है। अगर प्रेग्नेंसी के दौरान किसी महिला को यीस्ट इंफेक्शन हो जाए तो उन्हें सर्वाइकल ब्लीडिंग महसूस हो सकती है।
- सेक्शुअल इंटरकोर्स
प्रेग्नेंसी के दूसरे और तीसरे ट्राइमेस्टर में सर्विक्स में सूजन आ जाती है क्योंकि शरीर के इस हिस्से में ब्लड सप्लायी बढ़ जाती है। इस दौरान अगर आप पार्टनर संग इंटिमेट होती हैं या किसी भी तरह की सेक्शुअल गतिविधि करती हैं तो इस वजह से भी हल्की ब्लीडिंग या स्पॉटिंग हो सकती है।
- मिसकैरेजका खतरा
हालांकि प्रेग्नेंसी के दौरान थोड़ी बहुत स्पॉटिंग हो तो घबराने की जरूरत नहीं लेकिन कई बार ब्लीडिंग और स्पॉटिंग बेहद गंभीर भी बन जाती है और वो वजह है मिसकैरेज। आमतौर पर प्रेग्नेंसी के 13 हफ्ते में मिसकैरेजहोता है। ऐसे में अगर स्पॉटिंग के साथ हेवी क्रैम्प्स और नॉर्मल पीरियड्स से भी ज्यादा ब्लीडिंग होने लग जाए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें क्योंकि ये मिसकैरेज का संकेत हो सकता है।
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