प्रेगनेंसी रिपोर्ट कैसे देखें?pregnancytips.in

Posted on Fri 11th Nov 2022 : 09:30

तय समय पर माहवारी न आने पर किसी भी महिला के मन में गर्भवती होने की बात घूमने लगती है। इसकी पुष्टि के लिए महिला के पेशाब और हार्मोन में ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोफिन (एचसीजी/HCG) की मौजूदगी और उसके स्तर का पता लगाया जाता है। दरअसल, किसी महिला के शरीर में ‘एचसीजी हार्मोन’ की मौजूदगी या गैर-मौजूदगी से ही तय होता है कि वह मां बनने वाली है या नहीं। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम गर्भावस्था की जांच के सुरक्षित और आसान तरीकों के बारे में बताएंगे।

गर्भावस्था की जाँच के लिए मासिक धर्म (periods) का समय निकलने के बाद 1 से 2 सप्ताह के बीच का समय सबसे सही होता है। यौन संबंध के बाद जब अंडे के साथ शुक्राणु (sperm) का मेल होता है, तब निषेचित डिंब गर्भाशय में प्रत्यारोपित हो जाता है। इसके बाद महिला के शरीर में एचसीजी हार्मोन बनना शुरू हो जाता है। यह हार्मोन निषेचन की क्रिया के बाद लगभग 7 से 14 दिन में महिला के पेशाब में पाया जा सकता है। इसलिए, मासिक धर्म का समय निकलने के बाद, अगर एक सप्ताह तक मासिक धर्म न आए, मासिक धर्म अनियमित हो या फिर देर से आए, तो दो हफ्ते बाद गर्भावस्था की जांच करनी चाहिए।

आइए, अब इस टेस्ट की प्रक्रिया जान लेते हैं।

प्रेगनेंसी टेस्ट कैसे करें? |
गर्भावस्था की जांच (प्रेगनेंसी टेस्ट) दो प्रकार से की जा सकती है:

आप बाजार में मिलने वाले प्रेगनेंसी टेस्ट किट (गर्भावस्था जांच किट) के जरिए घर में ही गर्भावस्था की जांच कर सकते हैं।

क्लिनिक जाकर मेडिकल प्रोफेशनल से भी गर्भावस्था की जांच करवाई जा सकती है।

ऊपर बताई गई दोनों प्रक्रियाओं के बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है।


घर में प्रेगनेंसी टेस्ट किट के जरिए जांच

प्रेगनेंसी टेस्ट किट का इस्तेमाल करने से पहले किट के साथ दिए गए निर्देशों को अच्छी तरह से पढ़ना चाहिए। याद रखें कि अलग-अलग ब्रांड के प्रेगनेंसी टेस्ट किट के निर्देश भी अलग-अलग होते हैं। जैसे कि किसी टेस्ट में जांच पट्टी (टेस्ट स्ट्रिप) पर पेशाब करना होता है, तो किसी में आपको ड्रॉपर से जांच किट पर दिए गए खांचे या गोल घेरे पर पेशाब के नमूने की कुछ बूंदें डालनी होती हैं। इसी तरह कुछ डिजिटल जांच किट में प्रेग्नेंट (गर्भवती) और नॉट प्रेग्नेंट (गर्भवती नहीं) लिखा हुआ दिखाई देता है, जबकि कुछ जाँच किट में गुलाबी या नीली धारियां दिखाई देती हैं। इसलिए, किसी भी ब्रांड के प्रेगनेंसी टेस्ट किट का इस्तेमाल करने से पहले उसके साथ दिए गए निर्देश जरूर पढ़ें।


प्रेगनेंसी टेस्ट किट के इस्तेमाल का सही तरीका |
प्रेगनेंसी टेस्ट किट से गर्भावस्था की जांच करने के लिए सुबह के पहले पेशाब के नमूने को एक छोटे पात्र में लेकर जांच किट के साथ दिए गए ड्रॉपर से कुछ बूंदें जांच पट्टी पर बने खांचे में डालें। इसके बाद 5 मिनट तक इंतजार करें। आपको एक या दो हल्की या गहरी गुलाबी लकीरें दिखाई देंगी। इन रंगीन लकीरों का मतलब समझने के लिए जांच किट के साथ दिए गए निर्देशों को ध्यान से पढ़ें। इन निर्देशों के आधार पर आप टेस्ट के नतीजे का पता लगा सकती हैं और जान सकती हैं कि आप गर्भवती हैं या नहीं।


प्रेगनेंसी टेस्ट किट का इस्तेमाल करने का सबसे सही समय |
शाम की जगह सुबह का समय गर्भावस्था की जांच के लिए सबसे अच्छा होता है। दरअसल, सुबह के समय गर्भावस्था की सूचना देने वाले ‘एचसीजी हार्मोन’ का स्तर शरीर में सबसे ज्यादा होता है।


प्रेगनेंसी टेस्ट किट से जांच करते समय ये सावधानियां जरूर बरतें

अगर घर में किट से टेस्ट करने पर नकारात्मक (निगेटिव) परिणाम आता है, तो 72 घंटे या तीन दिन के बाद, दोबारा जांच जरूर करें। दरअसल, शुरुआती दिनों में पेशाब में ‘एचसीजी हार्मोन’ का स्तर थोड़ा कम होता है, जिस वजह से गर्भावस्था की सही पहचान नहीं हो पाती है। अगर 72 घंटे के बाद दूसरी जांच का नतीजा भी निगेटिव आता है, तो किसी योग्य महिला डॉक्टर से मिलकर परामर्श लेना न भूलें। याद रखें कि आपके पीरियड के समय पर न आने की कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं।

प्रेगनेंसी टेस्ट से सही नतीजा हासिल करने के लिए सुबह के पहले पेशाब का नमूना लेना चाहिए।

जांच से पहले ज्यादा मात्रा में पानी, चाय या कॉफी का सेवन न करें। इससे शरीर में ‘एचसीजी हार्मोन’ का स्तर घट सकता है और आपके टेस्ट का परिणाम प्रभावित हो सकता है।

जांच के दौरान इस्तेमाल होने वाली सभी चीजें बिल्कुल साफ-सुथरी रखें।

किसी भी प्रेगनेंसी टेस्ट किट का इस्तेमाल करने से पहले उसकी एक्सपायरी डेट (प्रयोग की अंतिम तारीख) जरूर देखें। डॉक्टरों के अनुसार, किट का पैकेट खोलने के बाद 10 घंटे के भीतर इस्तेमाल कर लेना चाहिए।


जांच का नतीजा मिलने में लगने वाला समय

प्रेगनेंसी टेस्ट किट से जांच करने पर 1 से 3 मिनट में या अधिक से अधिक 5 मिनट में नतीजे मिल जाते हैं। सावधानी के लिए, जांच किट के साथ दिए गए निर्देशों को ध्यान से पढ़कर उनका पालन करना चाहिए।


क्या घर में किए जाने वाले प्रेगनेंसी टेस्ट के नतीजे कितने सटीक होते हैं?

अगर आप प्रेगनेंसी टेस्ट किट के साथ दिए गए निर्देशों को ध्यान से पढ़कर उनका पालन करते हैं, तो जांच के नतीजे सटीक हो सकते हैं। कुछ प्रेगनेंसी टेस्ट किट ज्यादा संवेदनशील होते हैं और इस्तेमाल में आसान होते हैं, लेकिन किट चाहे कोई भी हो, सही नतीजे हासिल करने के लिए आपको ऊपर बताई गई सावधानियों का पालन जरूर करना चाहिए। अगर आपका मासिक धर्म नियमित नहीं रहता है, तो पिछले सबसे ज्यादा समयांतराल वाले मासिक चक्र के समय के हिसाब से प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए। अगर आपने कुछ समय पहले ही गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल रोका है और आपकी जांच का नतीजा निगेटिव आता है, तो 72 घंटे या 3 दिन के बाद दोबारा प्रेगनेंसी टेस्ट जरूर करें।


जांच के बाद अलग-अलग संकेतों के अर्थ

प्रेगनेंसी टेस्ट किट में जांच के लिए पेशाब का नमूना डालने के बाद 1 से 5 मिनट तक इंतजार करें। इसके बाद किट देखकर नतीजों का विश्लेषण इस प्रकार करें:

अगर किट पर एक हल्की या गहरी गुलाबी धारी (लाइन) नजर आती है, तो जांच परिणाम नकारात्मक (निगेटिव) है यानी आप गर्भवती नहीं हैं।

अगर किट पर दो हल्की या गहरी गुलाबी धारियां नजर आती हैं, तो जांच परिणाम सकारात्मक (पॉजिटिव) है यानी आप गर्भवती हैं।

अगर किट पर कोई लाइन नजर नहीं आती है, तो किट खराब हो सकती है या फिर किसी अन्य वजह से ऐसा हो सकता है। जैसे कि जल्दबाजी में जांच करने, नमूना लेने में गड़बड़ी करने, जरूरी साफ-सफाई का ख्याल न रखने या पेशाब के नमूने में ‘एचसीजी हार्मोन’ का स्तर कम होने की वजह से किट नाकाम साबित हो सकती है।


हल्की गुलाबी रेखा दिखने का अर्थ

हल्की गुलाबी रेखा का अर्थ यह हो सकता है कि आपका गर्भ अभी बहुत ज्यादा परिपक्व नहीं हुआ है या आपकी ओर से डिंबोत्सर्जन के बारे में लगाया गया अनुमान सही न हो या फिर आपका निषेचित डिंब आप के अनुमानित समय पर प्रत्यारोपित न हुआ हो। इन सभी वजहों से आपको प्रेगनेंसी टेस्ट किट पर हल्की गुलाबी रेखा दिखाई दे सकती है। इसलिए, हल्की गुलाबी रेखा के नजर आने पर आपको 72 घंटे या 3 दिन के भीतर दोबारा प्रेगनेंसी टेस्ट जरूर करना चाहिए।
सकारात्मक (पॉजिटिव) नतीजे दर्शाने वाले संकेत

प्रेगनेंसी टेस्ट किट पर पेशाब का नमूना डालने के बाद अगर नतीजे के तौर पर दो गहरी गुलाबी या नीली रेखाएं दिखाई दें, तो यह आपके गर्भवती होने का स्पष्ट संकेत है। याद रखें कि कुछ प्रेगनेंसी टेस्ट किट में पॉजिटिव या निगेटिव नतीजों को दर्शाने के लिए दूसरे तरह के संकेतों का इस्तेमाल भी होता है। इसलिए, किसी भी तरह के संकेत का सही अर्थ समझने के लिए किट के साथ दिए गए निर्देशों को ध्यान से पढ़ना न भूलें।


नकारात्मक (निगेटिव) नतीजे प्राप्त होने की वजहें

प्रेगनेंसी टेस्ट का परिणाम निगेटिव या नकारात्मक आने के कई कारण हो सकते हैं। जैसे कि अगर टेस्ट के लिए सही समय का चुनाव न किया जाए, तो निगेटिव नतीजा प्राप्त हो सकता है। आपको शारीरिक संबंध बनाने और निषेचित डिंब के प्रत्यारोपण के सही समय का अनुमान लगाने के बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए। यौन संबंध के बाद कम से कम 15 दिन के बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए, क्योंकि इससे पहले शरीर में एचसीजी हार्मोन का स्तर कम होता है। इसी तरह अगर आप इस लेख में बताई गई सावधानियां नहीं बरतते हैं, तो टेस्ट का नतीजा निगेटिव आ सकता है।

इसके अलावा, ऐसा भी हो सकता है कि किसी वजह से गर्भपात हो जाए। ऐसा होने पर टेस्ट का नतीजा निगेटिव आ सकता है। हमारी सलाह है कि इस स्थिति में महिला को डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए और सही ढंग से अपना चेकअप कराना चाहिए।


घरेलू नुस्खों से प्रेगनेंसी टेस्ट | घर पर बिना किट के प्रेगनेंसी टेस्ट करने के उपाय |
आगे हम आपको उन घरेलू नुस्खों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी सहायता से प्रेगनेंसी टेस्ट किया जा सकता है। हालांकि, इन नुस्खों से प्राप्त होने वाले नतीजे बहुत ज़्यादा विश्वसनीय नहीं होते हैं। इसके अलावा, मेडिकल साइंस भी इन नुस्खों को मान्यता नहीं देता है।

इसलिए, पूरी तसल्ली के लिए प्रेगनेंसी टेस्ट किट या विशेषज्ञ डॉक्टर से गर्भावस्था की जाँच ज़रूर कराएं। इसके अलावा, घरेलू नुस्खों में इस्तेमाल होने वाली चीज़ों की साफ़-सफ़ाई का भी पूरा ख्याल रखें।
1. साबुन की सहायता से प्रेगनेंसी टेस्ट |

साबुन से प्रेगनेंसी टेस्ट करने के लिए एक डिस्पोज़ल गिलास या किसी बर्तन में थोड़ी मात्रा में सुबह का पहला पेशाब लें। पेशाब ने नमूने में साबुन की थोड़ी मात्रा मिलाकर कुछ समय तक इंतज़ार करें। अगर थोड़ी देर बाद पेशाब के नमूने में बुलबुले बनते हैं, तो यह आपके गर्भवती होने का संकेत है।
2. चीनी की सहायता से प्रेगनेंसी टेस्ट |
चीनी से प्रेगनेंसी टेस्ट करने के लिए डिस्पोज़ल गिलास या किसी बर्तन में थोड़ी मात्रा में सुबह का पहला पेशाब लें। अब पेशाब के नमूने में दो चम्मच चीनी डालकर उसे घोले। अगर पेशाब में चीनी पूरी तरह से नहीं घुलती है और पेशाब में मौजूद ‘एचसीजी हार्मोन’ चीनी के साथ मिलकर गुच्छों या गुठली का रूप ले लेता है, तो यह आपके गर्भवती होने का संकेत है। लेकिन, अगर चीनी पूरी तरह से पेशाब में घुल जाती है तो आप गर्भवती नहीं हैं।
3. टूथपेस्ट की सहायता से प्रेगनेंसी टेस्ट |
टूथपेस्ट से प्रेगनेंसी टेस्ट करने के लिए डिस्पोज़ल गिलास या किसी बर्तन में थोड़ी मात्रा में सुबह का पहला पेशाब लें। अब पेशाब के नमूने में थोड़ा-सा सफ़ेद टूथपेस्ट मिला दें। इस मिश्रण को करीब 1 घंटे बाद ब्रश से हिलाएं। अगर मिश्रण झागदार और नीला हो जाता है, तो यह आपके गर्भवती होने का संकेत है।
4. विनेगर (सिरका) की सहायता से प्रेगनेंसी टेस्ट |

विनेगर या सिरका से प्रेगनेंसी टेस्ट करने के लिए डिस्पोज़ल गिलास या किसी बर्तन में थोड़ी मात्रा में सुबह का पहला पेशाब लें। अब पेशाब के नमूने में थोड़ा सा विनेगर डाल कर मिलाएं। अगर यह मिश्रण रंग बदलता है, तो यह आपके गर्भवती होने का संकेत हैं।
5. पाइन सॉल (क्लीनर) की सहायता से प्रेगनेंसी टेस्ट

बाजार में आसानी से मिलने वाले पाइन सॉल (क्लीनर) से प्रेगनेंसी टेस्ट करने के लिए डिस्पोज़ल गिलास या किसी बर्तन में थोड़ी मात्रा में सुबह का पहला पेशाब लें। अब पेशाब के नमूने में बराबर मात्रा में पाइन सॉल मिला दें। अगर थोड़ी देर बाद इस मिश्रण का रंग बदल जाता है, तो यह आपके गर्भवती होने का संकेत है।
6. बेकिंग सोडा की सहायता से प्रेगनेंसी टेस्ट |
बेकिंग सोडा से प्रेगनेंसी टेस्ट करने के लिए डिस्पोज़ल गिलास या किसी बर्तन में थोड़ी मात्रा में सुबह का पहला पेशाब लें। अब इस नमूने में लगभग दो चम्मच बेकिंग सोडा डालें और उसे मिलाएं। अगर बेकिंग सोडा पेशाब के साथ प्रतिक्रिया करके बुलबुले बनाता है, तो यह आपके गर्भवती होने का संकेत है।
7. ब्लीच की सहायता से प्रेगनेंसी टेस्ट |
ब्लीच से प्रेगनेंसी टेस्ट करने के लिए डिस्पोज़ल गिलास या किसी बर्तन में थोड़ी मात्रा में सुबह का पहला पेशाब लें। अब इस नमूने में थोड़ी मात्रा में ब्लीच पाउडर डालें और उसे मिलाएं। अगर मिश्रण में बुलबुले दिखाई देते हैं, तो यह आपके गर्भवती होने का संकेत है।
8. डेटॉल की सहायता से प्रेगनेंसी टेस्ट
डेटॉल से प्रेगनेंसी टेस्ट करने के लिए डिस्पोज़ल गिलास या किसी बर्तन में लगभग 20 ml सुबह का पहला पेशाब लें। अब इस नमूने में बराबर मात्रा में डेटॉल डालें और उसे मिलाएं। अगर मिश्रण का रंग दूधिया सफ़ेद हो जाए, तो यह आपके गर्भवती न होने का संकेत है। लेकिन, अगर यह मिश्रण अलग-अलग होकर डेटॉल की ऊपरी सतह पर तेल की तरह तैरने लगे, तो यह आपके गर्भवती होने का संकेत है।
9. प्याज की सहायता से प्रेगनेंसी टेस्ट

प्याज से प्रेगनेंसी टेस्ट करने के लिए कटे हुए प्याज को रात भर महिला की योनि (वजीना) में रखें। अगर प्याज में बदबू न आए, तो महिला को गर्भवती समझना चाहिए।
क्लीनिक में प्रेगनेंसी टेस्ट

ऊपर बताए गए तरीके के अलावा क्लीनिक जाकर विशेषज्ञ डॉक्टर से भी प्रेगनेंसी टेस्ट करवाया जा सकता है। इस तरह के टेस्ट के नतीजे ज्यादा सटीक और विश्वसनीय होते हैं।

1. पेशाब के नमूने से प्रेगनेंसी टेस्ट : क्लीनिक में डॉक्टर पेशाब के नमूने की जांच करके गर्भावस्था की स्थिति की सही जानकारी दे सकते हैं। इस तरह की जांच में भी सुबह के पहले पेशाब का नमूना लेकर उसमें एचसीजी हार्मोन की मौजूदगी का पता लगाया जाता है।

2. खून की जांच से प्रेगनेंसी टेस्ट : गर्भावस्था की बिल्कुल शुरुआती स्थिति में गर्भ के बारे में जानकारी जुटाने के लिए कभी-कभार खून की भी जांच की जाती है। यह जांच पेशाब की जांच से ज्यादा संवेदनशील होती है। खून की जांच से डिंबोत्सर्जन के 6 दिन बाद ही या निषेचित अंडे के प्रत्यारोपण के तत्काल बाद ही आपकी गर्भावस्था के बारे में पक्की जानकारी मिल सकती है। शरीर में एचसीजी हार्मोन के जरूर से ज्यादा या कम होने पर अस्थानिक (एक्टोपिक) या मोलर प्रेगनेंसी का अंदेशा हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

3. अल्ट्रासाउंड से प्रेगनेंसी टेस्ट : इस तकनीक में उच्च आवृत्ति (फ्रीक्वेंसी) वाली ध्वनि तरंगों को गर्भाशय में शिशु तक भेजा जाता है, जो वापस लौटकर कंप्यूटर स्क्रीन पर तस्वीर में बदल जाती हैं। इस तरह की जांच में एमनियोटिक द्रव (वह तरल पदार्थ, जिसमें शिशु रहता है) ध्वनि तरंगों के साथ प्रतिक्रिया नहीं करता है। इसलिए, यह द्रव तस्वीर में काला नजर आता है। वहीं, हड्डी जैसे ठोस ऊत्तक सफेद रंग में और नरम ऊत्तक स्लेटी या चितकबरे रंग में दिखाई देते हैं। इन तीनों रंगों (स्लेटी, काला और सफेद) की अलग-अलग स्थितियों की तुलना करके डॉक्टर गर्भ में मौजूद शिशु की सही स्थिति की व्याख्या करते हैं।

लेख के अंत में हम कुछ सवाल और उनके जवाब लेकर आए हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. प्रेगनेंसी टेस्ट किट कहां से खरीदें?

प्रेगनेंसी टेस्ट किट को डॉक्टर की पर्ची (प्रिस्क्रिप्शन) के बिना लगभग सभी दवा दुकानों से खरीदा जा सकता है। आप यह किट ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं।
2. प्रेगनेंसी टेस्ट किट की कीमत क्या होती है?

दवा दुकानों और ऑनलाइन स्टोर पर कई तरह की प्रेगनेंसी टेस्ट किट बिकती हैं। अलग-अलग ब्रांड के किट की कीमत भी अलग-अलग होती है। आमतौर पर प्रेगनेंसी टेस्ट किट की कीमत 80 से 150 रुपए के बीच होती है।
3. प्रेगनेंसी टेस्ट किट के साथ मिलने वाली चीजों का इस्तेमाल कैसे करें?

प्रेगनेंसी टेस्ट किट को खोलने पर आपको इसमें एक दिशा-निर्देश पुस्तिका, एक ड्रॉपर और एक टेस्ट स्ट्रिप मिलेगी। दिशा-निर्देश पुस्तिका में इस किट को इस्तेमाल करने का तरीका लिखा होता है।

कठिन शब्द-

ड्रॉपर- जिससे जांच किट में पेशाब के नमूने को डाला जाता है।

टेस्ट किट- एक सफेद रंग की पट्टी, जिस पर गोल या चौकोर खांचे बने होते हैं। इन खांचों में ड्रॉपर से पेशाब के नमूने की कुछ बूंदें डाली जाती हैं।


बेशक, घर में प्रेगनेंसी को चेक करना मुश्किल नहीं है, लेकिन इससे जुड़ी बातों को ध्यान में रखना जरूरी है। इन सभी सावधानियों के बारे में लेख में ऊपर बताया गया है। साथ ही घर में प्रेगनेंसी को चेक कैसे करना है, उसका तरीका भी बताया है। इसलिए, अगर आप भी गर्भवती होने का प्रयास कर रही हैं और पीरियड्स मिस हो गए हैं, तो एक बार घर में ही प्रेगनेंसी को चेक जरूर करें। अगर इसके बाद भी कुछ समझ न आए, तो डॉक्टर से चेकअप करवाएं।

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