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Vaginal discharge in pregnancy : प्रेग्नेंसी के दौरान वजाइना से डिस्चार्ज को लेकर घबराएं नहीं, इन बातों का रखें ध्यान
प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ चीजें होना नॉर्मल है लेकिन कुछ संकेत खतरनाक हो सकते हैं लिहाजा प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी तरह की दिक्कत महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। कुछ ऐसा ही मामला प्रेग्नेंसी में वजाइनल डिस्चार्ज से जुड़ा भी है।
कई बार गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की योनि से डिस्चार्ज होने लगता है जिसे देखकर अक्सर महिलाएं घबरा जाती हैं। अगर आपको वजाइनल डिस्चार्ज की समस्या हो रही है तो इसे लेकर ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है।
9 महीने तक अपने होने वाले बच्चे को अपने गर्भ में पालने का ये सफर प्रेग्नेंसी बिलकुल भी आसान नहीं होता। हर प्रेग्नेंट महिला के लिए ये सफर खुशी और उत्साह के साथ-साथ कन्फ्यूजन और डर भी लेकर आता है। शरीर में होने वाले कौन से बदलाव नॉर्मल हैं और किन बदलावों को लेकर आपको चिंतित होने की जरूरत है।
कब डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, इस तरह की बातों को लेकर अक्सर प्रेग्नेंट महिलाएं कन्फ्यूज रहती हैं और ऐसा ही एक मामला है प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले वजाइनल डिस्चार्ज का। कई बार प्रेग्नेंसी के दौरान इस डिस्चार्ज का रंग बदल जाता है या फिर फ्रिक्वेंसी और थिकनेस में चेंज हो जाता है तो कौन सी स्थिति नॉर्मल है किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, यहां जानें।
हॉर्मोन्स का लेवल बढ़ने की वजह से होता है डिस्चार्ज
प्रेग्नेंसी के दौरान आमतौर पर ज्यादातर महिलाओं को वजाइना से डिस्चार्ज होता है जिसे ल्यूकोरिया कहते हैं। यह सफेद रंग का, बेहद पतला और थोड़ी सी गंध वाला होता है। इस तरह का डिस्चार्ज बिलकुल नॉर्मल है और इसे लेकर किसी तरह की परेशानी वाली बात नहीं है। प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर के पेल्विक एरिया वाले हिस्से में एस्ट्रोजेन हॉर्मोन का लेवल बढ़ जाता है जिससे म्यूकस मेम्ब्रेन उत्तेजित हो जाते हैं और वजाइना से डिस्चार्ज होने लगता है। कई बार तो प्रेग्नेंसी के दौरान यह डिस्चार्ज बढ़ भी जाता है और पूरी प्रेग्नेंसी के दौरान जारी रहता है।
ये भी हैं वजाइनल डिस्चार्ज के कारण
जब कोई महिला प्रेग्नेंट हो जाती है तो उसके सर्विक्स में होने वाले बदलाव की वजह से वजाइना से डिस्चार्ज ज्यादा होने लगता है। जैसे-जैसे ड्यू डेट नजदीक आती जाती है सर्विक्स और वजाइना की दीवारें सॉफ्ट होने लगती हैं और महिला का शरीर और ज्यादा डिस्चार्ज करने लगता है ताकि किसी भी तरह के इंफेक्शन से बचा जा सके। डिलिवरी और लेबर के नजदीक आने के साथ ही बच्चे का सिर भी सर्विक्स को दबाने लगता है और इस वजह से भी वजाइना से ज्यादा डिस्चार्ज होने लगता है।
इस तरह का डिस्चार्ज नहीं है नॉर्मल
अगर आपके वजाइना से होने वाले डिस्चार्ज का रंग सफेद की जगह पीला या हरे रंग का है, बहुत ज्यादा बदबूदार है और साथ में वजाइना में खुजली और रेडनेस की भी दिक्कत हो रही है तो ये सारे लक्षण इस बात का संकेत हैं कि आपको वजाइनल इंफेक्शन हो गया है। कई केसेज में हद से ज्यादा डिस्चार्ज होना या नॉर्मल डिस्चार्ज न होना सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज का भी एक संकेत हो सकता है।
कब करें डॉक्टर से संपर्क?
जब भी ऐसा लगे कि प्रेग्नेंसी के दौरान आपका वजाइनल डिस्चार्ज नॉर्मल नहीं है, ऊपर बताए गए लक्षण अगर खुद में नजर आने लगें तो तुरंत अपनी गाइनैकॉलजिस्ट से संपर्क करें। इस तरह के मामलों में सेल्फ मेडिकेशन खतरनाक हो सकता है। कई बार प्रेग्नेंसी के दौरान स्पॉटिंग की दिक्कत भी नॉर्मल हो सकती है, बावजूद इसके आपको इसके बारे में डॉक्टर को जरूर बताना चाहिए। साथ ही साथ अगर आपको ब्लीडिंग नजर आए, पेट में दर्द या क्रैम्प्स हों तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
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